सपनों को पूरा करता-पिता ,पिता देखता है सपने आसमान से ऊँचें,मेरे उन सपनों को वो पूरा करता जरूर है,आपको पिता कहूँ ईश्वर कहूँ या कहूँपिता मेरे सर का गरूर है * * * *जो सपने पिता की हसीयत से भी बाहर है,वो उनको भी पूरा करने का दम रखता है,मेरी खुशी के लिए पिता जी-जान लगा देता है,बेशक वो सीने में छुपाकर लाखों गम रखता है,उसके हाथों की लकीरों में चाहे,पैसा हो या ना हो पर,वो मेरी जेब में पैसा हरदम रखता हैपिता मेरा हौंसला पिता मेरा आसमान ,पिता रहता है मेरे दिल के करीब ,चाहे रहे वो घर से कितनी ही दूर है ,सपनों को पूरा करता-पिता ,पिता देखता है सपने आसमान से ऊँचें,मेरे उन सपनों को वो पूरा करता जरूर है,आपको पिता कहूँ ईश्वर कहूँ या कहूँपिता मेरे सर का गरूर है * * * *पिता के हौंसले की कहानी बयां करता है,
उसके माथे से टपकता मेहनत का पसीना,वो कभी हार नहीं मानता है ,चाहे हालात कैसे भी हों,क्योंकी उसके पास है उसकी मेहनत का नगीना,वो दोष नहीं देता कभी ईश्वर को,अपने हालातों के लिए,पिता मानता है की इसमें ईश्वर का क्या कसूर है,सपनों को पूरा करता-पिता ,पिता देखता है सपने आसमान से ऊँचें,
मेरे उन सपनों को वो पूरा करता जरूर है,आपको पिता कहूँ ईश्वर कहूँ या कहूँ ,पिता मेरे सर का गरूर है ।* * * *सपनों का साथी-पिता (sapnon ka sathi-pita) : प्यार की मूरत
पिता मेरे सर का सांई है,पिता के हाथों में बरकत वास करती है,हम सब का पेट पालती उसकी नेक कमाई है,सब रिश्ते निभाता है पिता पूरी ईमानदारी से,उसके किए फैंसले से सब सहमत होते हैं,पिता हर फैंसला करता है पूरी समझदारी से,वो मुझे परिंदों की तरह ,उड़ता देखना चाहता है आसमान में ,इसीलिए मेरा सर झुकता है उसके सम्मान में ,पिता मेरा रखवाला पिता मेरी जागीर है ,सपनों को पूरा करता-पिता ,पिता देखता है सपने आसमान से ऊँचें,मेरे उन सपनों को वो पूरा करता जरूर है,आपको पिता कहूँ ईश्वर कहूँ या कहूँपिता मेरे सर का गरूर है * * * *पिता के कान्दे पर बैठकर,
मैंने देखी है दुनिया सारी,सबको मिले पिता का प्यार ,जब तक रहे ये संसार,ये ही ख्वाहिश है हमारी,तपती धूप हो या घनी छाँव,कभी रूकते नहीं उसके पाँव,हर घड़ी लुटाए प्यार हम पर,वो बिल्कुल भी नहीं मगरूर है,सपनों को पूरा करता-पिता ,पिता देखता है सपने आसमान से ऊँचें,मेरे उन सपनों को वो पूरा करता जरूर है,आपको पिता कहूँ ईश्वर कहूँ या कहूँपिता मेरे सर का गरूर है ।* * * *उसके आँखों की बेचैनी,मैंने पडी हैं कंई बार,सब ठीक चल रहा है,पिता मुस्करा कर बता देता है हर बार,पिता सब गम छुपा लेता है,अपनी मुस्कुराहट के पीछेपिता करके मेहनत जी-जान से,हमारे पूरे परिवार को सींचें,वो है एक जिंदादिल इंसान ,वो है मेरे लिए ईश्वर के समान ,मैं खुद को मानता हूं भाग्यशाली ,जब मेरे माथे पर पड़ती उसके चरणों की धूल है ,सपनों का साथी-पिता (sapnon ka sathi-pita),सपनों को पूरा करता-पिता ,पिता देखता है सपने आसमान से ऊँचें,मेरे उन सपनों को वो पूरा करता जरूर है,आपको पिता कहूँ ईश्वर कहूँ या कहूँपिता मेरे सर का गरूर है * * * *जिस मिट्टी से बनाया है ईश्वर ने उसे,
वो मिट्टी कोई खास होगी,जो चीजें हैं मेरी पहूँच से बाहर,बस हाथ रखने की देर है उस पर,देखते ही देखते वो चीज हमारे पास होगी,आँखों में आंसू हमारी आने ना दे,खुशियों को हमारा दामन बिन छुए जाने ना दे,कौन -कौन से किस्से सुनाऊं ,मैं उसकी दरियादिली के,पिता का हर किस्सा मशहूर है,सपनों को पूरा करता-पिता ,पिता देखता है सपने आसमान से ऊँचें,
मेरे उन सपनों को वो पूरा करता जरूर है,आपको पिता कहूँ ईश्वर कहूँ या कहूँपिता मेरे सर का गरूर है ।* * * *creater-राम सैणी
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