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मुख पर हंसी (mukh par hansi )

मुख पर हंसी (mukh par hansi ) लौटा दे माँ : शिक्षा का अधिकार

पढ़ने-लिखने का एक मौका दे माँ,
मेरे मुख पर हंसी (mukh par hansi ) लौटा दे माँ,
ऐसा कोई चमत्कार कर,
मैं भी पड़-लिख सकती हूँ ये स्वीकार कर,
*          *           *          *          *
माँ मुझको भी दे पड़-लिखने का अधिकार,
बेटियों से ही चलता है ये सारा संसार,
मुझे भी विद्या के मंदिर का मुख देखने दे,
अनुशासन में सदा रहना,
अपने कांधे पर बस्ता उठाकर चलना,
माँ मुझे भी ये सुख देखने दे,
मेरे जीवन पर माँ प्रभाव तेरा है,
जहाँ तुम हो माँ वहीं सवेरा है,
मेरी आँखों में तैर रहे हैं,
माँ सपने रंग-बिरंगे,
ये आसमान के तारे कह रहें हैं,
तुम भी उड़ोगी एक दिन इस खुले अम्बर में,
ये तारे ,ये आसमान सब कह रहें हैं पुकार कर,
पढ़ने-लिखने का एक मौका दे माँ,
मेरे मुख पर हंसी (mukh par hansi ) लौटा दे माँ,
ऐसा कोई चमत्कार कर,
मैं भी पड़-लिख सकती हूँ ये स्वीकार कर,
*          *           *          *          *
बेटी के हाथों में माँ का हाथ,
एक बेटी के मन की बात,
एक माँ से बढ़कर और कौन जाने,
बेटी का भरोसा है प्यारी माँ,
इस जग में है सबसे निराली माँ,
जो मात-पिता को ही अपना सब-कुछ माने,
काली-अंधियारी रातों पर,
सूरज का उजाला भारी है,
बेटी है क्यारी फूलों की,
बेटी ही करती शेर सवारी है,
ये दुनिया भी नमन करती है,
जिसको शीश झुकाकर,
पढ़ने-लिखने का एक मौका दे माँ,
मेरे मुख पर हंसी (mukh par hansi ) लौटा दे माँ,
ऐसा कोई चमत्कार कर,
मैं भी पड़-लिख सकती हूँ ये स्वीकार कर,
*          *           *          *          *
मुझे खुली हवा में उड़ने दो,
बेटी है क्या ये सबको बतला दो,
मैं छूना चाहती हूँ आसमान,
मेरे पंख अभी हैं न‌ए-न‌ए,
कुछ लोग शयाने कह ग‌ए,
बेटी है ईश्वर का वरदान,
मेरे सपनों में रंग भर दे माँ,
अगर मुझको भी एक मौका दो माँ,
छुई-मुई सी तेरी गुड़िया भी एक दिन,
चमक उठेगी सूरज की तरह,
तुम्हारे सिवा मेरे दिल की बात,
कोई जाने ना बेगाना,
जीवन की राहों पर चलना है कैसे,
मुझे हर घड़ी राह दिखाना,
माँ का दिल होता है समंदर,
आज सबको ये दिखादे माँ
पढ़ने-लिखने का एक मौका दे माँ,
मेरे मुख पर हंसी (mukh par hansi ) लौटा दे माँ,
ऐसा कोई चमत्कार कर,
मैं भी पड़-लिख सकती हूँ ये स्वीकार कर,

 

मुख पर हंसी (mukh par hansi ) : माँ, मेरे सपनों को उड़ान दो

 

मुख पर हंसी (mukh par hansi )
मुख पर हंसी (mukh par hansi )

*          *           *          *          *
मेरे जीवन पर हक तेरा है,
तेरी बेटी एक उगता हुआ सवेरा है,
मेरे पैरों में बेड़ी ना डालो,
दुनिया को जीतना है कैसे,
दुनिया से सीखना है कैसे,
डर का बीज मन में ना पालो,
मुझे लिखनी है अपनी तकदीर,
मुझे बनना है माँ शूरवीर,
माँ मेरी तरह दूर भगा‌ओ,
तुम भी अपने मन का डर,
पढ़ने-लिखने का एक मौका दे माँ,
मेरे मुख पर हंसी (mukh par hansi ) लौटा दे माँ,
ऐसा कोई चमत्कार कर,
मैं भी पड़-लिख सकती हूँ ये स्वीकार कर,
*          *           *          *          *
मूझे तैरना सीखना है पानी में,
जहाँ मगरमच्छों का बसेरा है,
मैं हूँ बहादुर माँ की बहादुर बेटी,
मेरे मन में ईश्वर का डेरा है,
एक विनती है तेरी गुड़िया की,
लाखों में गिनती है तेरी गुड़िया की,
अब मान भी जाओ माँ,
मैं चलना चाहती हूँ सर उठाकर,
मैं जीना चाहती हूँ डर को दूर भगाकर,
अब हाँ में सिर हिलाओ माँ,
तुम्हारी हाँ बोलने का है इंतजार,
दे विद्या का मुझे उपहार,
माँ मुझे पर भी ये उपकार कर,

पढ़ने-लिखने का एक मौका दे माँ,
मेरे मुख पर हंसी (mukh par hansi ) लौटा दे माँ,
ऐसा कोई चमत्कार कर,
मैं भी पड़-लिख सकती हूँ ये स्वीकार कर,
*          *           *          *          *
सर‌-आँखों पर है माँ तेरा आदेश,
तेरे आदेश के बिना ना होगा प्रवेश,
विद्या के पावन मंदिर में,
माँ तुम हो जादू की पुडी,
हर पल तुम मेरे साथ खडी,
मुझे जाने दो अब विद्या के मंदिर में,
तुम रोकोगी तो मैं रूक जाऊंगी,
तुम बोलोगी तो मैं हालात के आगे झूक जाऊंगी,
माँ तुम्हारा आदेश रहेगा सदा,
मेरे सर-आँखों पर,
पढ़ने-लिखने का एक मौका दे माँ,
मेरे मुख पर हंसी (mukh par hansi ) लौटा दे माँ,
ऐसा कोई चमत्कार कर,
मैं भी पड़-लिख सकती हूँ ये स्वीकार कर,
*          *           *          *          *

creater-ram saini

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