yaadon ki dastaan

यादों की दास्तान (yaadon ki dastaan )

यादों की दास्तान (yaadon ki dastaan ) पुरानी है ,
आज माँ की आँखों में पानी है ,
जिस माँ ने आँखों से ओझल ना होने दिया,
माँ सबको अपने सीने से लगाए,
एक पल में भूलाकर रिश्ते सारे,
माँ को वृद्ध-आश्रम छोड़ आए,
*      *         *         *
राम जाने वो कब अपने,बेगाने हो ग‌ए,
कैसे रहते हैं घर अपने,
भूलाकर अपनी जन्मदाती को,
कब से वो इतने शयाने हो ग‌ए,
छोड़ दिया जिनके लिए,
सुख-चैन अपना सारा,
क्यों बना लिया बिन मेरे,
एक और घर न्यारा,
आज मेरे ही दिल का टुकड़ा क्यों ,
मेरे दिल के टुकड़े करता जाए ,
यादों की दास्तान (yaadon ki dastaan ) पुरानी है ,
आज माँ की आँखों में पानी है ,
जिस माँ ने आँखों से ओझल ना होने दिया,
माँ सबको अपने सीने से लगाए,
एक पल में भूलाकर रिश्ते सारे,
माँ को वृद्ध-आश्रम छोड़ आए,
*      *         *         *          *
उस घर में बसती थी रूह मेरी,
जिस घर में बेकद्री होती थी मेरी,
जिनको समझकर ज़िगर के टुकड़े,
दीवानों के जैसे करती थी प्यार,
निकाल कर मुझको दिल से अपने,
किया है मेरा तिरस्कार,
शायद हो ग‌ए शयाने हद से ज्यादा,
जो माँ को ही अब वो बोझ बताएं,
यादों की दास्तान (yaadon ki dastaan ) पुरानी है ,
आज माँ की आँखों में पानी है ,
जिस माँ ने आँखों से ओझल ना होने दिया,
माँ सबको अपने सीने से लगाए,
एक पल में भूलाकर रिश्ते सारे,
माँ को वृद्ध -आश्रम छोड़ आए।
*       *         *        *       *

पढ़-लिखकर वो हो ग‌ए हमसे एक पल में परा‌ये,
धर्म-कर्म से जो जुड़े रहें,
वो ही आखिर तक रिश्ता निभाए,
यादें घर-परिवार की बेचैन कर देती है मुझे,
डोर बच्चों के प्यार की,
उनकी ओर खींचें मुझे,
सीख गए हैं बिन माँ के रहना ,
मेरी ही कोख के जाये ,
यादों की दास्तान (yaadon ki dastaan ) पुरानी है ,
आज माँ की आँखों में पानी है ,
जिस माँ ने आँखों से ओझल ना होने दिया,
माँ सबको अपने सीने से लगाए,
एक पल में भूलाकर रिश्ते सारे,
माँ को वृद्ध-आश्रम छोड़ आए,
*      *         *         *          *

यादों की दास्तान (yaadon ki dastaan ) : एक माँ के मुख से

 

yaadon ki dastaan
yaadon ki dastaan

जो घर था कभी सपनों का मन्दिर,
टूट गया अब  उससे नाता,
अटूट रिश्ता था घर से,
इतनी जल्दी मोह उससे नहीं जाता,
उस घर से जुड़े हैं दिल के रिश्ते,
उसी घर में हैं मेरे प्राण समाए ,
यादों की दास्तान (yaadon ki dastaan ) पुरानी है ,
आज माँ की आँखों में पानी है ,
जिस माँ ने आँखों से ओझल ना होने दिया,
माँ सबको अपने सीने से लगाए
एक पल में भूलाकर रिश्ते सारे,
माँ को वृद्ध -आश्रम छोड़ आए।
*        *       *         *        *
अपनों ने किया पराया है,
बेगानों ने गले लगाया है,
जिन बच्चों पर था गुरुर कभी,
उन बच्चों ने ही मुझे सताया है,
देकर एक नया घर मुझे,
पल -पल मुझे रुलाया है,
मेरी आँखों से बहता है पानी ,
वो अनदेखी करते हैं मेरी परेशानी ,
छोड़कर इस हाल में वो अपनी जन्मदाती को ,
राम जाने कैसी ख़ुशी मनाएं ,
यादों की दास्तान (yaadon ki dastaan ) पुरानी है ,
आज माँ की आँखों में पानी है ,
जिस माँ ने आँखों से ओझल ना होने दिया,
माँ सबको अपने सीने से लगाए,
एक पल में भूलाकर रिश्ते सारे,
माँ को वृद्ध-आश्रम छोड़ आए,
*      *         *         *          *
जिनके सहारे गुजार दिया,
जीवन ये मैंने सारा,
समझा था जिनको मैंने,
अपनी जान से प्यारा,
सब रिश्ते मुझसे तोड़ ग‌ए वो,
मुझको अकेला छोड़ ग‌ए वो,
आंसू आँखों से बहते रहेंगे,
दुख हर रोज सहते रहेंगे,
नजरों से करके दूर अपनी ,
शायद खुश होंगे मेरी कोख के जाये ,
यादों की दास्तान (yaadon ki dastaan ) पुरानी है ,
आज माँ की आँखों में पानी है ,
जिस माँ ने आँखों से ओझल ना होने दिया,
माँ सबको अपने सीने से लगाए
एक पल में भूलाकर रिश्ते सारे,
माँ को वृद्ध -आश्रम छोड़ आए।
*        *          *         *
creater-राम सैणी
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