माँ की आँखों के तारे (maa ki aankhon ke tare ) : माँ का प्रेम
मुझे बेटा मिले या बेटी, माँ को दोनो ही जान से प्यारे हैं, दोनों की रगों में दौडे मेरा दूध […]
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वो बेटी का दर्द (beti ka dard ) क्या जाने , बेटी नहीं है जिस पिता के घर, कैसे पलतीं हैं
पिता कमाता है मैं मौज उड़ाता हूँ, मै दी हुई पिता की सीख (pita ki seekh) से, हर घड़ी नजरें
छाने लगा है घर में उजाला, थोड़ी और कसर अभी बाकी है, मुझे गर्म हवाएं छू भी ना पाएंगी मेरी
मैं आज नींद से जागी हूँ, मैं एक परी अभागी हूँ, कौन सुने अभागी परी की पुकार (abhagi pari ki
यहाँ एक से एक महान मिलेंगे, सब के दो-दो जहान मिलेंगे, मेरे सिर पर है माँ की छाँव (maa ki
मैं आसमान की परी नहीं (asman ki pari nahin), कभी किसी मुश्किल से डरी नहीं, मुझे पिता से मिला ये
बच्चे की प्यारी सूरत देखने को , एक माँ कैसे उठती है तड़फ, सारी खुशियां एक तरफ , माँ
मात-पिता को कर किनारे, मैं खाक छानता रहा अब तक ऊँचे पर्वत और घने जंगल की, मुझे क्या मालूम
फुर्सत के दो पल (fursat ke do pal) साथ बिताओ हमारे, ये वादा तुम्हारा हमें सख्त चाहिए, मात-पिता नहीं