अभागी परी की पुकार (abhagi pari ki pookar) : परिवार का दर्द
मैं आज नींद से जागी हूँ, मैं एक परी अभागी हूँ, कौन सुने अभागी परी की पुकार (abhagi pari ki […]
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यहाँ एक से एक महान मिलेंगे, सब के दो-दो जहान मिलेंगे, मेरे सिर पर है माँ की छाँव (maa ki
मैं आसमान की परी नहीं (asman ki pari nahin), कभी किसी मुश्किल से डरी नहीं, मुझे पिता से मिला ये
बच्चे की प्यारी सूरत देखने को , एक माँ कैसे उठती है तड़फ, सारी खुशियां एक तरफ , माँ
मात-पिता को कर किनारे, मैं खाक छानता रहा अब तक ऊँचे पर्वत और घने जंगल की, मुझे क्या मालूम
फुर्सत के दो पल (fursat ke do pal) साथ बिताओ हमारे, ये वादा तुम्हारा हमें सख्त चाहिए, मात-पिता नहीं
टूटते रिश्ते (tootte rishte) माँ कुछ कह रहे हैं, अपने ही घर में हम बेगानें बनकर रह रहे हैं,
इस घर से है मुझे प्यार बहुत, ये घर मेरी माँ की निशानी (maa ki nishani) है, इस घर में
मेरे पैरों में ना डालो बेड़ियां हर बार, मुझ पर भी किया करो , माँ बंद आँखों से एतबार
रात को घर की छत पर बैठकर, आसमान के तारे गिन ना, बड़ा मुश्किल होता है, एक जिम्मेदार पिता (jimmedar