रब की प्यारी सौगात (rub ki pyari saugat) : पिता का गरूर
हर किसी की नहीं होती, परियों जैसी बेटियां पालने की औकात, हर किसी के हिस्से नहीं आती, ये उस रब […]
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थोड़ा डर था थोड़ी बेचैनी, जब पहली बार मैं चली अकेली, थोड़ा डर थोड़ी मुस्कान, ये थी मेरे साहस की,
मैं पिता की दौलत (pita ki daulat ) पर नहीं जीता हूँ, खुद कमाकर खाने वाला हूँ, मैं नहीं डरता
मेरे व्यहवार में मिलती हैं , उनके संस्कारों की झलक (sanskaron ki jhalak ), मैं तारीफ करूं अपनी बातों में,
मतलब के सब रिश्ते नाते, मतलब की ये दुनियादारी है, बेमतलब प्यार करे मेरी माँ, माँ की सूरत (maa ki
जब तक चलेगी माँ की सांसें, वो मेरा भला ही चाहेगी, ये मेरी माँ का अमर आशीर्वाद (amar ashirvad )
मुझे बेटा मिले या बेटी, माँ को दोनो ही जान से प्यारे हैं, दोनों की रगों में दौडे मेरा दूध
वो बेटी का दर्द (beti ka dard ) क्या जाने , बेटी नहीं है जिस पिता के घर, कैसे पलतीं हैं
पिता कमाता है मैं मौज उड़ाता हूँ, मै दी हुई पिता की सीख (pita ki seekh) से, हर घड़ी नजरें
छाने लगा है घर में उजाला, थोड़ी और कसर अभी बाकी है, मुझे गर्म हवाएं छू भी ना पाएंगी मेरी