ना ग़मों का अँधेरा हो ,
हर पल खुशियों का सवेरा हो ,
मै जब भी देखूं तुमको ,
* * * * * * *
गम की परछाईयाँ भी ,
तेरे पास से ना गुजरे ,
तुं रहे चहकती सदा ,
तेरे दामन में ऐसे आएं खुशियां,
जैसे गिरती हैं ओस की बुँदे ,
गम तुमसे दूर बैठे रहे ,
अपनी आँखें मूंदें ,
तेरे चेहरे पर हों सदा रंग मुस्कान के ,
परिवार में हर छोटे-बड़े का सर झुके तुम्हारे सम्मान में,
मैं देखूं ये तुम्हारा प्यारा चेहरा ,
ईशवर करे हर रोज ऐसा ही सवेरा हो ,
ना ग़मों का अँधेरा हो ,
हर पल खुशियों का सवेरा हो ,
मै जब भी देखूं तुमको ,
* * * * * * * *
मेरे लहू के हर कतरे में माँ तेरा दूध दैडता है ,
ये ही दूध तेरे -मेरे दिल के तार जोड़ता है ,
तुम रहती हो सदा मेरी पालनहार बनकर ,
तुम रहती हो हर पल मेरी मददगार बनकर ,
मेरी पहली मन्नत तूं मेरा पहला गुरु तूं ,
मेरे नाम की पहचान तेरे नाम से हो शुरू ,
हमारे आँगन में सदा टहलती रहे तूं ,
माँ तेरा चमकता हुआ सदा चेहरा हो ,
ना ग़मों का अँधेरा हो ,
हर पल खुशियों का सवेरा हो ,
मै जब भी देखूं तुमको ,
* * * *
माँ तेरा हँसता हुआ चेहरा हो (maa tera hansta huaa chehra ho ) : एक बेटे के मुख से
हमारे घर में फैले तेरे प्यार की खुशबूं ,
सदा चमकते रहे तेरे तेरे आँखों के तारे ,
मुझे रब के जैसे लगती है तूं ,
मुझे मिला है प्यार तुम्हारा ,
मै रब से और क्या मांगूं ,
माँ तुम्हारी मांगी हुई दुआओं के सहारे,
मेरे जीवन पर तेरे प्यार की छाँव ,
इस जहाँ के सारे सुख हों माँ तेरे नाम ,
माँ तेरा पावन आँचल मेरा पहला घर ,
मैं बून्द हूँ एक छोटी-सी ,
माँ तुम हो एक विशाल समंदर ,
मेरे जीवन पर हर घडी माँ तेरा पहरा हो ,
ना ग़मों का अँधेरा हो ,
हर पल खुशियों का सवेरा हो ,
मै जब भी देखूं तुमको ,
* * * * * * * *
लोग कहे माँ जीवनदायनी मैं कहूँ माँ मेरी स्वामिनी ,
पाठ पढ़ाए माँ जीवन का ,
वो हाल जानती है मेरे अंतर मन का ,
मेरा जीवन चलता है ,
देखकर मोहिनी सूरत तेरी ,
मेरा दिन गुजरता है ,
जो तुम्हारे चरणों में रहे झुका,
वो सर मेरा हो ,
ना ग़मों का अँधेरा हो ,
हर पल खुशियों का सवेरा हो ,
मै जब भी देखूं तुमको ,
माँ तेरा हँसता हुआ चेहरा हो (maa tera hansta huaa chehra ho ),
* * * *
माँ तुम्हारे प्यार का जादू ,
मेरे सर चडकर बोलता है,
जब रखती हो माँ तुम सर पर मेरे ,
हाथ दुआओं वाला,
वो मेरी तकदीर के ताले खोलता है,
माँ का साया जिस सर पर रहता है ,
जब-जब भी गम के काले बादलों ने मुझको घेरा है ,
तुम्हारी दुआएं सुरक्षा -कवच बन जाती मेरा है ,
उसके क़दमों के निशान जिस घर में रहते हैं,
मैं चाहता हूँ माँ हर पल मेरे चरों ऒर ,
तुम्हारी दो बाँहों का घेरा हो ,
ना ग़मों का अँधेरा हो ,
हर पल खुशियों का सवेरा हो ,
मै जब भी देखूं तुमको ,
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वो घर अलग चमकता है ज़माने की इस भीड़ में ,
उस घर सफलता बनकर रहती है दासी ,
मेरा चेहरा चमकने लगता है ,
जब माँ लाल मेरे है कहती ,
साँसें माँ अनमोल हैं तेरी तुम हो एक रेशम की डोरी ,
तूं है तो मेरे जीवन में खुशहाली है ,
तुम हो एक पेड़ छायादार मैं उस पेड़ की डाली हूँ ,
हर जन्म मिले मुझे जिस आँचल का सुख ,
वो आँचल माँ तेरा हो ,
ना ग़मों का अँधेरा हो ,
हर पल खुशियों का सवेरा हो ,
मै जब भी देखूं तुमको ,
माँ तेरा हँसता हुआ चेहरा हो (maa tera hansta huaa chehra ho ),
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