माँ की ममता के रंग ( mamta ke rang ) : प्यार का रिश्ता
खून का रिश्ता ना सही, लेकिन एक बेटे के जैसे पाला है, मैंने उस माँ की छाँव में देखी है […]
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खून का रिश्ता ना सही, लेकिन एक बेटे के जैसे पाला है, मैंने उस माँ की छाँव में देखी है […]
दीदी बोले मुझे भोला-भाला है, घर का नन्हा सितारा (nanha sitara) है, माँ बोले तूं किस्मत वाला है, पापा बोले
बड़ी माँ ने बलाया था मुझे अपने पास, रात को सुलाया था अपने पास, पापा आपसे भी ज्यादा प्यार करती
मै भी एक बेटी का बाप ( ek beti ka baap) हूँ, कोई राह चलता राहीगर नहीं, वो लोग
कुएं का ठण्डा जल भी, शहद के जैसे मीठे-मीठे फल भी, आज भी मिलते हैं मेरे गाँव में, बेटे
माँ कैसी थी (maa kaisi thi ) कब हंसती-मुस्कुराती थी, मुझे कुछ तो बताओ ना पापा, हमारे साथ माँ क्यों
माँ बाजार से एक गुड़िया (ek gudiya ) ला दो ना, रंग-बिरंगे कपड़ों से उसको सजा दो ना, उसके संग
दिल छोटा ना कर माँ, छोटी-छोटी खुशियों को, हाथों से ना जाने दो, मैं खोल दूंगी शिकायतों का पिटारा (shikayaton
खुशियों का आधार (khushiyon ka aadhar ) बेटियां, बेटियों से कर दिल से प्यार, खुल जाएंगे तेरे किस्मत के
मात-पिता हैं दूध के जैसे, फिर तेरा रंग क्यों अंधियारा-सा, क्यों उदास-सा मुख है तेरा, तेरे मात-पिता का मुख (maat-pita