माँ के स्पर्श का चमत्कार (maa ke sparsh ka chamtkar),
मीठा लगने लगता है घड़े का जल भी, ये प्यार है या माँ के स्पर्श का चमत्कार (maa ke sparsh […]
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मीठा लगने लगता है घड़े का जल भी, ये प्यार है या माँ के स्पर्श का चमत्कार (maa ke sparsh […]
खिलोने रंग-बिरंगे लेने का मेरा भी मन था, यदि हाथ पकड़ने वाला होता कोई, इन लम्हों को बनाता है खास
तेरा आंचल थामकर चली हूँ अब तक, माँ अब और ना आँचल में छूपा मुझको, तेरी बेटी करेगी खुद अपनी
दानवीर नहीं होता कोई, बेटी के पिता से बड़ा, दानवीर पिता (Daanvir Pita) का स्थान होता है, बेटी की नजरों
माँ प्यार करे तूं कितना मुझसे, क्या कोई माँ के प्यार का पैमाना (maa ke pyar ka paimana ) है,
कहाँ गई वो चुल्हे की रोटी (chulhe ki roti ), जिसमें माँ का प्यार छिपा होता था, याद आते हैं
जीवन की पाठशाला ( jeevan ki pathshala) है क्या, मुझको सब-कुछ है पता, मैं चला था उस पिता को
माँ के नाम ना होते यदि खेत-खलिहान, क्या हम फिर ना रखते माँ का ध्यान, माँ है एक अनमोल धरोहर,
मेरा उतरा हुआ चेहरा देखकर, मेरी आँखों के आगे काले घेरे देखकर, माँ मेरे मन की बेचैनी जान लेती है,
बेटी बनकर आए या बहन , या पत्नी बनकर फर्ज निभाना, एक औरत के हैं किरदार अनेक, सबसे मुश्किल है