बेटे को परखने के लिए एक दिन,
माँ बोली,मेरा बोझ कब तक उठा सकते हो,
मुझे चाहिए थोड़ी-सी स्वर्ग की मिट्टी (swarag ki mitti ) ,
क्या तुम मेरे लिए ला सकते हो,
* * * * *
मुझे चाँद चाहिए था बचपन में,
माँ तुम ने मुझे चाँद दिखाया था,
एक पानी से भरी थाली में,
मुझे नया जीवन देने के लिए,
तुम ने अपनी जान रखली थी हथेली में,
एक हाथ से पानी का मटका,
दुजे हाथ से मुझे उठाया था,
एक हाथ से बनाया था खाना,
दूजे हाथ से मेरा पालना झुलाया था,
माँ तेरा एक से बढ़कर एक एहसान है,
ये जान भी तेरी ही जान है,
माँ एक आप ही हो जो मुझे ,
जीवन का सही रास्ता दिखा सकती हो,
बेटे को परखने के लिए एक दिन,
माँ बोली,मेरा बोझ कब तक उठा सकते हो,
मुझे चाहिए थोड़ी-सी स्वर्ग की मिट्टी (swarag ki mitti ) ,
क्या तुम मेरे लिए ला सकते हो,
* * * * *
माँ ईश्वर की एक चमत्कारी ख़ोज,
माँ नहीं होती बेटे पर बोझ,
मिट्टी ही नहीं मैं पूरा आसमान ला सकता हूँ,
माँ तेरे पावन कदमों में ,
मैं सारा आसमान झूका सकता हूँ,
मैंने दो चक्कर लगाए माँ के चारों ओर,
फिर देखा उसके कदमों की ओर,
माँ के कदमों के नीचे से मिट्टी उठाकर,
मैंने माँ को दिखाया हाथों में सजाकर,
मैं लेकर आया हूँ माँ स्वर्ग की मिट्टी,
माँ इस मिट्टी को हाथ लगाकर,
आप इसे और भी कीमती बना सकते हो,
बेटे को परखने के लिए एक दिन,
माँ बोली,मेरा बोझ कब तक उठा सकते हो,
मुझे चाहिए थोड़ी-सी स्वर्ग की मिट्टी (swarag ki mitti ) ,
क्या तुम मेरे लिए ला सकते हो,
* * * * *
जिस मिट्टी पर पड़ते हैं माँ तेरे कदम,
मेरे लिए वो स्वर्ग से भी बढ़कर है,
जिस चीज को तुम हाथो से छू लो,
वो चीज मेरे लिए सबसे हटकर है,
मैंने स्वर्ग से भी बढ़कर सुख,
माँ तेरे आंचल में पाया है,
मैंने स्वर्ग की मिट्टी को,
माँ तेरे कदमों के नीचे बिछाया है,
तुम बोलकर देखो एक बार,
अपने बेटे पर हमेशा रखना एतबार,
मेरे दिल में क्या है छिपा,
तुम बंद आँखों से भी बता सकती हो,
बेटे को परखने के लिए एक दिन,
माँ बोली,मेरा बोझ कब तक उठा सकते हो,
मुझे चाहिए थोड़ी-सी स्वर्ग की मिट्टी (swarag ki mitti ) ,
क्या तुम मेरे लिए ला सकते हो,
* * * * *
स्वर्ग की मिट्टी (swarag ki mitti ) : माँ की परख

मुझे स्वर्ग नहीं तेरे कदमों के आस-पास रहना है,
चाहो तो माँ मुझे देख परखकर,
मैं इन कदमों में रहूंगा उम्रभर,
मैंने इन पावन कदमों को,
स्वर्ग से भी बढ़कर माना है,
बचपन से लेकर अब तक,
मेरी एक ही आरजू है,
मेरा ईश्वर,मेरा स्वर्ग बस एक तूं है,
तुम्हारे हाथों में है एक करामात अनोखी,
तुम पत्थर को भी पारस बना सकती हो,
बेटे को परखने के लिए एक दिन,
माँ बोली,मेरा बोझ कब तक उठा सकते हो,
मुझे चाहिए थोड़ी-सी स्वर्ग की मिट्टी (swarag ki mitti ) ,
क्या तुम मेरे लिए ला सकते हो,
* * * * *
इस दिल में हमेशा रहेगा माँ तेरा सत्कार,
मेरे जीवन पर हैं माँ तेरे लाखों उपकार,
चहचहाते परींदे,ये चमकते तारे गवाह रहेंगे,
मीठी जादुई लोरियां तेरे आंचल के सिवा,
मुझको और कहाँ मिलेंगे,
माँ तुम से रहेगा गहरा लगाव और,
मन में सेवा के भाव रहेंगे,
मुझे ये जुबां का मीठापन,
ममता से भरा ये जीवन ,
मुझे ऐसा जीवनदान तुम्हारे सिवा,
माँ और कहाँ मिलेगा,
हमारे मुरझाए हुए चेहरे पर,
माँ तुम ही मुस्कान ला सकती हो,
बेटे को परखने के लिए एक दिन,
माँ बोली,मेरा बोझ कब तक उठा सकते हो,
मुझे चाहिए थोड़ी-सी स्वर्ग की मिट्टी (swarag ki mitti ) ,
क्या तुम मेरे लिए ला सकते हो,
* * * * *
माँ बोझ नहीं चमत्कारी वरदान है,
माँ का साया सर पर है तो,
पैरों के नीचे जमीं और सर पर आसमान है,
तुम सोई हो जहाँ मेरा बिस्तर है गीला,
तुम ने दिखाया है मुझको संसार ये रंगीला,
माँ तेरे कदमों की मिट्टी आंगन में उड़ती रहे,
तुम्हारे प्यार की बारिश हमेशा,
आंगन में पड़ती रहे,
माँ तुम छू कर अपने हाथों से,
मेरे तन-मन में एक नया जोश भर सकती हो,
बेटे को परखने के लिए एक दिन,
माँ बोली,मेरा बोझ कब तक उठा सकते हो,
मुझे चाहिए थोड़ी-सी स्वर्ग की मिट्टी (swarag ki mitti ) ,
क्या तुम मेरे लिए ला सकते हो,
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creation – राम सैणी
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