माँ कितनी प्यारी है पापा,
हर बात सुनती हमारी है पापा,
ये कैसा बंधन है प्यार का संगम (pyar ka sangam) है,
वो मुस्कराने लगती है देखकर हमें दूर से
पता नही तुम क्यों डराते रहते हो पापा,
मुझे अपनी आँखों की घूर से,
* * * * *
मैं बहुत समझदार हूँ सबसे करता प्यार हूँ,
माँ की नजरों से देखना कभी,
वो बोलती है मुझे लायक,आज्ञाकारी,
माता-पिता का पुजारी,
माँ की नजरों से देखना कभी
वो कितनी नर्म है,सब रोगों का मरहम है,
उसके चेहरे पर उदासी छा जाती है,
मेरा चेहरा उदास देखकर,
वो कितनी सच्ची है वो कितनी अच्छी है,
माँ के चेहरे की रौनक बताती हैं,
वो कितनी खुश होती है मुझे अपने पास देखकर,
ये पता चलता है देखकर,
माँ के चेहरे के चमकते नूर से,
माँ कितनी प्यारी है पापा,
हर बात सुनती हमारी है पापा,
ये कैसा बंधन है प्यार का संगम (pyar ka sangam) है,
वो मुस्कराने लगती है देखकर हमें दूर से
पता नही तुम क्यों डराते रहते हो पापा,
मुझे अपनी आँखों की घूर से,
* * * * *
माँ हर रोज डाल देती है,
मेरी जेब में सिक्के खनकते हुए,
वो हर रोज देखती रहती है,
मेरे चेहरे पर मुस्कान के सितारे चमकते हुए,
मैं दरिया हूँ माँ किनारा है,
माँ के होते हुए पूरा आसमान हमारा है,
माँ हर घड़ी मुझे समझाती रहती है,
कैसे चलती ये दुनियादारी है पापा,
माँ कितनी प्यारी है पापा,
हर बात सुनती हमारी है पापा,
ये कैसा बंधन है प्यार का संगम (pyar ka sangam) है,
वो मुस्कराने लगती है देखकर हमें दूर से
पता नही तुम क्यों डराते रहते हो पापा,
मुझे अपनी आँखों की घूर से,
* * * * *
मुझको माँ बोलती रहती है,
तेरे पापा का गुस्सा शांत होता है,
कभी-कभी बड़ी मुश्किल से,
तूं उनकी बातों का मत लगाना अपने दिल से,
ये कुदरत का ताना-बाना है,
जब देखकर तुम्हारी गलतियां छोटी-छोटी,
तुम्हारे पापा की आँखें हो जाएं मोटी-मोटी,
तुम्हें हर बार अपना सर झुकाना है,
उनके प्यार करने का अंदाजा थोड़ा निराला है,
इस पेड की छाँव जिसे मिलती है,
समझो वो इस दुनिया में किस्मत वाला है,
यदि माँ दिल की धड़कन है,
सारा घर चमक उठता है इस कोहिनूर से,
माँ कितनी प्यारी है पापा,
हर बात सुनती हमारी है पापा,
ये कैसा बंधन है प्यार का संगम (pyar ka sangam) है,
वो मुस्कराने लगती है देखकर हमें दूर से
पता नही तुम क्यों डराते रहते हो पापा,
मुझे अपनी आँखों की घूर से,
* * * * *प्यार का संगम (pyar ka sangam) : मुस्कुराती माँ ,सख्त पापा
जिसे प्यार करने का हक होता है,
गुस्सा भी वो ही करता है,
तुम्हारा फूल-सा चेहरा देखकर,
तुम्हारे पापा का दिन निकलता है,
वो बताते नहीं प्यार जताते नहीं,
वो सर पर हाथ फेरते हैं,
तुम्हारे सो जाने के बाद,
उनके चेहरे की बजाय,
कभी उनके दिल में झांकना,
वो है ठंडे पानी का एक निर्मल झरना,
अब वो पहले की भांति गुस्सा नहीं करते,
हाँ पहले गुस्सा करने में मशहूर थे,
माँ कितनी प्यारी है पापा,
हर बात सुनती हमारी है पापा,
ये कैसा बंधन है प्यार का संगम (pyar ka sangam) है,
वो मुस्कराने लगती है देखकर हमें दूर से
पता नही तुम क्यों डराते रहते हो पापा,
मुझे अपनी आँखों की घूर से,
* * * * *
वो दिल में जीने का जज्बा जगा देता है,
हारी बाजी को भी जीता देता है,
मैं सकून हूँ वो साया है,
वो पेड़ है मैं छाया हूँ,
तुम इस छाया में जीवन गुजारना,
मैं शक्ति हूँ वो हौंसला है,
हम सबका भार उठाए वो अकेला है,
उनके साये में खुद को निखारना,
उनको प्यार से निहारना कभी,
दो पल साथ गुजारना कभी
हम-सब जुड़े हैं एक-दूसरे से,
प्यार की कीमती डोर से,
माँ कितनी प्यारी है पापा,
हर बात सुनती हमारी है पापा,
ये कैसा बंधन है प्यार का संगम (pyar ka sangam) है,
वो मुस्कराने लगती है देखकर हमें दूर से
पता नही तुम क्यों डराते रहते हो पापा,
मुझे अपनी आँखों की घूर से,
* * * * *
तेरे पापा हमारी ढाल हैं,
रंग आँखों का उनकी लाल है,
क्यों आँखों का रंग लाल है,
कभी पूछना उनको प्यार से,
मेरे माथे की बिंदिया का मान है,
तेरे पापा सारे घर की जान हैं,
पापा के बराबर कोई नहीं होता इस संसार में,
उनके दुखते जख्मों पर अपने रखना हाथ,
सबको बताते नहीं वो अपने दिल के राज,
बताते भी हैं तो थोड़ा देर से,
माँ कितनी प्यारी है पापा,
हर बात सुनती हमारी है पापा,
ये कैसा बंधन है प्यार का संगम (pyar ka sangam) है,
वो मुस्कराने लगती है देखकर हमें दूर से
पता नही तुम क्यों डराते रहते हो पापा,
मुझे अपनी आँखों की घूर से,
* * * * *creater – राम सैनी
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