छाने लगा है घर में उजाला,
थोड़ी और कसर अभी बाकी है,
मुझे गर्म हवाएं छू भी ना पाएंगी
मेरी माँ की प्रार्थनाओं का असर (prarthanaon ka asar ) अभी बाकी है ,
* * * * * *
हर घड़ी चलता रहता है,
माँ की प्रार्थनाओं का सिलसिला,
मेरे जीवन की गाड़ी दौड़ रही है,
ये माँ की प्रार्थनाओं का ही मुझे फल मिला,
कौन जाने क्या छिपा है,
आने वाले कल के सीने में,
जीवन की सच्ची खुशी छिपी है,
एक साथ मिल-बांटकर खाने में,
वो रखती है अपने प्यार की छाँव सदा,
वो हर पल करें प्रार्थना,
मेरे जीवन की यूं ही चलती रहे नांव सदा,
माँ के दिल को मिल जाता है सकून,
उसके लिए मेरी मुस्कान भरी,
एक नजर ही काफी है,
छाने लगा है घर में उजाला,
थोड़ी और कसर अभी बाकी है,
मुझे गर्म हवाएं छू भी ना पाएंगी
मेरी माँ की प्रार्थनाओं का असर (prarthanaon ka asar ) अभी बाकी है ,
* * * * * *
बादल गमों के जब भी छाने लगते हैं,
पग पग पर गर्म हवा के झोंके,
जब भी आने लगते हैं,
ढाल बनाकर खड़ जाती हैं,
माँ की प्रार्थनाओं की शक्ति,
रास्ते उबड़-खाबड़ जब आने लगते हैं,
परेशानियां जब अपना जोर दिखाने लगती हैं,
ढाल बनाकर खड़ जाती हैं,
माँ की प्रार्थनाओं की शक्ति,
गम के काले बादल तो हम देख चुके हैं,
खुशियों का सफर अभी बाकी है,
छाने लगा है घर में उजाला,
थोड़ी और कसर अभी बाकी है,
मुझे गर्म हवाएं छू भी ना पाएंगी
मेरी माँ की प्रार्थनाओं का असर (prarthanaon ka asar ) अभी बाकी है ,
* * * * * *
मैं ने देखा नहीं माँ को,
कभी कुछ मांगते हुए अपने लिए,
वो अपना हर सुख मुझ पर कुर्बान कर देती है ,
माँ तो सिर्फ मेरी सूरत देखकर ही जीए,
माँ की प्रार्थनाओं का बस एक ही सार है,
मेरे जीवन में खुशियों की चमक कायम रहे ,
ये ही माँ के जीने का आधार है,
हर सुबह ईश्वर की चौखट पर,
रगड़ती है माँ अपना माथा,
मेरी आँख से आंसू गिरने ना दे,
माँ पूरा करें अपना हर एक वादा,
मैं भी उसका हाथ थामकर चलूंगा,
जब तक मेरी रगों में,
उसके दूध का असर बाकी है,
छाने लगा है घर में उजाला,
थोड़ी और कसर अभी बाकी है,
मुझे गर्म हवाएं छू भी ना पाएंगी
मेरी माँ की प्रार्थनाओं का असर (prarthanaon ka asar ) अभी बाकी है ,
* * * * * *
प्रार्थनाओं का असर (prarthanaon ka asar ): माँ का आशीर्वाद
माँ ने एक पिता के जैसे,
मेरा हर घड़ी साथ निभाया है,
जब भी जरूरत हो मुझे पिता की,
मैंने माँ को हमेशा सामने खड़ा पाया है ,
मैं सच के रस्ते पर चलूं,
माँ हमेशा ये ही चाहे,
जब भी परेशानी की रेखाएं पड़ती मेरे माथे पर,
माँ खोलकर रखती है अपनी बांहें,
मैंने जिक्र किया है माँ की महिमा का अब तक,
उसके त्याग का करना जिक्र अभी बाकी है,
छाने लगा है घर में उजाला,
थोड़ी कसर अभी बाकी है,
मुझे गर्म हवाएं छू भी ना पाएंगी
मेरी माँ की प्रार्थनाओं का असर (prarthanaon ka asar ) अभी बाकी है ,
* * * * * *
वो रूख मोड़ देती है हर बुरी बला का,
मैंने कभी नहीं देखा माँ को करते हुए,
को शिकवा कोई गिला ना,
माँ के प्यार का जादू,
मेरे सर चढ़कर बोलता है,
माँ के प्यार का तराजू,
सबको एक बराबर तोलता है,
भेदभाव ना वो करती है,
ना करना मुझे सिखाया है,
मैं उस मिट्टी को नमन करूं,
जिस मिट्टी को माँ ने अपने चरणों से लगाया है,
वो मिट्टी भी पुजनीय है मेरे लिए,
जिस मिट्टी में उसके मेहनत के पसीने की,
महक अभी बाकी है,
छाने लगा है घर में उजाला,
थोड़ी और कसर अभी बाकी है,
मुझे गर्म हवाएं छू भी ना पाएंगी,
मेरी माँ की प्रार्थनाओं का असर (prarthanaon ka asar ) अभी बाकी है,
* * * * * *
माँ खुश हैं मुझे आगे बढ़ता देखकर ,
माँ खुश हैं मुझे ऊँची उड़ान भरता देखकर,
मैंने आधा सफर अभी तय किया है,
आधी उड़ान अभी बाकी है,
अभी तो मैंने चलना शुरू किया है,
ये तो मेरी सफलता की एक छोटी सी झांकी है,
माँ करती रही है अब तक मेरा फिक्र,
माँ के लिए मेरा करना फिक्र अभी बाकी है,
छाने लगा है घर में उजाला,
थोड़ी और कसर अभी बाकी है,
मुझे गर्म हवाएं छू भी ना पाएंगी
मेरी माँ की प्रार्थनाओं का असर (prarthanaon ka asar ) अभी बाकी है ,
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creater- राम सैनी
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