यदि माँ के प्रति श्रद्धा (maa ke prati shrdha ) का भाव है,
दिल में हमारे सेवा का चाव है,
सफलता आएगी जीवन में मचाती हुई शोर ,
मैं हूँ कागज की एक नाज़ुक पतंग,
माँ तुम हो प्रेम की मजबूत डोर,
* * * *
बे-मतलब के हो गए माँ रिश्ते सारे,
कांच के हो गए सब रिश्ते हमारे,
हम अच्छे हैं तो सब अच्छा है,
आज के इस दौर में भी माँ,
एक तुम्हारा प्यार ही सच्चा है,
जीवन की कठीन राहों में,
जब ठोकर लगे हर बार माँ,
माँ जब तुम प्यार करती हो,
लेकर मुझे अपनी बाहों में,
मुझे चैन मिले बेसुमार माँ,
तुम्हारा प्यार है मेरी शक्ति,
जैसे घनी ठंडी पीपल की छाँव है,
यदि माँ के प्रति श्रद्धा (maa ke prati shrdha ) का भाव है,
दिल में हमारे सेवा का चाव है,
सफलता आएगी जीवन में मचाती हुई शोर ,
मैं हूँ कागज की एक नाज़ुक पतंग,
माँ तुम हो प्रेम की मजबूत डोर,
* * * *
माँ इस रंगीन दुनिया में,
सिर्फ तुम्हारे प्यार का रंग असली है,
एक तुम्हारे प्यार के सिवा,
बाकी सब-कुछ नक़ली हैं,
तुम्हारा प्यार मेरी शक्ति है,
तेरा प्यार है इस जग में सबसे निराला,
इस प्यार के आगे तो झुकता है ऊपरवाला,
मेरे जीवन में बिखरे हैं,
तेरे स्नेह के अनमोल मोती माँ,
इन मोतियों से बंधी है माँ,
मेरे जीवन की डोर,
यदि माँ के प्रति श्रद्धा (maa ke prati shrdha ) का भाव है,
दिल में हमारे सेवा का चाव है,
सफलता आएगी जीवन में मचाती हुई शोर ,
मैं हूँ कागज की एक नाज़ुक पतंग,
माँ तुम हो प्रेम की मजबूत डोर,
* * * *
माँ तुम हो झील का मीठा पानी,
तेरे हाथों में एक करामात है,
धन्य हो जाए जिस को भी मिल जाए,
तुम्हारे प्यार की ये बरसात है,
जिसको भी मिल तेरे आँचल का सहारा,
बुलंदियों को छूएगा एक दिन,
उसकी किस्मत का सितारा,
तुम बिन जीवन है क्या,
तुम बिन बे-मतलब हैं खुशियां,
माँ तुम्हारी प्रार्थनाओं से ही चलती है ,
मेरे जीवन की नांव है,
यदि माँ के प्रति श्रद्धा (maa ke prati shrdha ) का भाव है,
दिल में हमारे सेवा का चाव है,
सफलता आएगी जीवन में मचाती हुई शोर ,
मैं हूँ कागज की एक नाज़ुक पतंग,
माँ तुम हो प्रेम की मजबूत डोर,
* * * *
माँ के प्रति श्रद्धा (maa ke prati shrdha ) : श्रद्धा भी शक्ति भी

मै ईश्वर से विनती करूं हर रोज़ माँ,
तेरे चेहरे पर रहे सदा मुसकराहट के बादल,
तेरा हर दिन हो जाए खास माँ,
तुम रहे महकती फूलों के जैसे,
तेरा चेहरा ना हो ना कभी उदास माँ
जिस के सर पर है तेरा पहरा,
उसको फिर डर कैसा है,
माँ तेरा प्यार है सागर से गहरा,
तेरे सर रहे सदा खुशियों का सेहरा,
तुम हो करूणा की मूरत,
तेरा प्यार रहेगा सदा महान माँ,
चाहे कोई भी हो दौर ,
यदि माँ के प्रति श्रद्धा (maa ke prati shrdha ) का भाव है,
दिल में हमारे सेवा का चाव है,
सफलता आएगी जीवन में मचाती हुई शोर ,
मैं हूँ कागज की एक नाज़ुक पतंग,
माँ तुम हो प्रेम की मजबूत डोर,
* * * *
तेरा रूप है भोला-भाला माँ,
तेरे चेहरे पर चमकता उजाला माँ,
तुम हो एक शांत सरोवर ,
तुम हो जीवन दाती मेरी,
ये जग है एक स्वार्थी मेला,
तुम हो सच्ची साथी मेरे
जब भी गमों ने घेरा है,
मुझे काले बादल बनकर,
तुम साथ खड़ी थी हरदम मेरा हमदर्द बनकर,
तेरी प्यार की डोर से बंधी माँ,
मेरे जीवन की डोर ,
यदि माँ के प्रति श्रद्धा (maa ke prati shrdha ) का भाव है,
दिल में हमारे सेवा का चाव है,
सफलता आएगी जीवन में मचाती हुई शोर ,
मैं हूँ कागज की एक नाज़ुक पतंग,
माँ तुम हो प्रेम की मजबूत डोर,
* * * *
creater-राम सैणी
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