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माँ के नाम (maa ke naam)

माँ के नाम (maa ke naam) : पहली रोटी

पहली रोटी हो माँ के नाम (maa ke naam),
पहला निवाला जाए माँ के मुख में,
हम क्यों भूल जाते बार-बार,
एक माँ ही दुखी होती थी हमारे दुख में,
*      *        *          *        *       *
मेरा जीवन था एक कोरा कागज,
माँ ने भरे हैं इसमें रंग प्यार के,
मेरे लिए था सब-कुछ न‌या-नया,
माँ के बिन हम कब होशियार थे,
माँ हर दिन डालती रहती है ,
मेरे गले में आशिर्वाद की माला,
कोख से अपनी जन्म देकर,
माँ ने जीवन अपना मेरे नाम लिख डाला,
हमें माँ की वसीयत से प्यार है,
माँ को हमारी मुस्कान है प्यारी,
माँ ने संभाला है हमको अब तक,
अब संभालने की आईं हैं हमारी बारी,
अपने जीवन का ये नियम बना लो,
सदा माँ के चरणों में रहना है झूक के,
पहली रोटी हो माँ के नाम (maa ke naam),
पहला निवाला जाए माँ के मुख में,
हम क्यों भूल जाते बार-बार,
एक माँ ही दुखी होती थी हमारे दुख में,
*      *        *          *        *         *
वो अपना खाना-पीना सब भूल जाती थी,
हमारी एक किलकारी पर,
उसकी आधी रातें गुजरी है जागकर,
कोई क्या शक करेगा माँ की खुद्दारी पर,
इशारों से बातें करतें थे,
हम जब बोल नहीं पाते थे,
वो मुख मैला नहीं करतीं थीं कभी,
चाहे हम उसको कितना भी बताते थे,
हर पल बरसाए अपने प्यार के बादल,
जैसे बादल बरसते हैं सावन की रुत में,,
पहली रोटी हो माँ के नाम (maa ke naam),
पहला निवाला जाए माँ के मुख में,
हम क्यों भूल जाते बार-बार,
एक माँ ही दुखी होती थी हमारे दुख में,
*      *      *        *          *        *
हमें कांटा भी चुभे जाए,
माँ से बर्दाश्त नहीं होता,
वो एक भी आंसू ना आने दें आँखों में,
शायद ये माँ की आदत नहीं होती,
वो भण्डार है प्यार का,
सबको एक बराबर बांटे,
हमें चैन नहीं मिलता जब तक,
माँ दिन में एक बार ना डांटे,
प्यार छूपा होता है,
माँ की डांट-फटकार में,
उसका प्यार एक दीया होता है,
जो उजाला दिखाए हम को अंधकार में,
याद रहे हंसी गायब ना हो,
कभी माँ के मुख से,
पहली रोटी हो माँ के नाम (maa ke naam),
पहला निवाला जाए माँ के मुख में,
हम क्यों भूल जाते बार-बार,
एक माँ ही दुखी होती थी हमारे दुख में,
*       *        *        *       *        *

माँ के नाम (maa ke naam) : श्रद्धा और समर्पण

 

तुम बनी थी कभी ढाल मेरी,
आज मैं भी तुम्हारी ढाल बनूं,
तुम चली है हर पल साथ मेरे,
आज मैं भी तुम्हारे साथ चलूं,
वो बचपन वाला प्यार तुम्हारा,
मुझ पर सदा उधार रहेगा,
जब तक असर तुम्हारी प्रार्थनाओं का रहेगा,
मेरे जीवन में हर घड़ी चमत्कार रहेगा,
माँ अपना सुख ढूंढ़ती हैं,
अपने बच्चों के सुख में,
पहली रोटी हो माँ के नाम (maa ke naam),
पहला निवाला जाए माँ के मुख में,
हम क्यों भूल जाते बार-बार,
एक माँ ही दुखी होती थी हमारे दुख में,
*       *         *       *        *         *
मुझे देखना पसंद है माँ,
आसमान के टूटते तारों का,
मैं कैसे मोल चुकाऊं माँ ,
तुम्हारे दिए संस्कारों का,
मुझे आता नहीं सब्र माँ,
जब तक देख ना लूं,
तुमको चैन से सोते हुए,
मैं माँ को रखता हूँ काँच के सामान के जैसे,
अब तक मैंने देखा है घर की जिम्मेदारी,
माँ को अपने कंधों पर ढोते हुए,
मुझे खरीदने भी पड़ गई तो खरीदुंगा,
माँ खुशी तुम्हारे चेहरे की,
कभी कम ना हो पाए माँ,
माँ खुशी तुम्हारे चेहरे की,
हमारे यहां माँ रीत है पुरानी,
पहली रोटी जाती है गोमाता के मुख में,
पहली रोटी हो माँ के नाम (maa ke naam),
पहला निवाला जाए माँ के मुख में,
हम क्यों भूल जाते बार-बार,
एक माँ ही दुखी होती थी हमारे दुख में,
*       *        *        *        *         *
माँ हिम्मत है माँ शक्ति है,
वो मेरी किस्मत संवार दे,
माँ काजल है माँ बादल है,
वो मेरे जीवन को निखार दे,
मीठे बोल आँखों में चमक,
वादे की माँ पक्की है,
माँ शीतल हवा है सब रोगों की दवा है,
इरादे की माँ पक्की है,
माँ के हाथों में है जादू समाया,
वो अपने हाथों से मेरी किस्मत भी लिख दे,
पहली रोटी हो माँ के नाम,
पहला निवाला जाए माँ के मुख में,
हम क्यों भूल जाते बार-बार,
एक माँ ही दुखी होती थी हमारे दुख में,
*        *        *        *        *        *

creater – राम सैनी

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