माँ का परिचय (maa ka prichay ) पूछ रहे थे चमकते सितारे मुझसे ,
क्या माँ ऐसे ही रहती है बच्चों पर मेहरबान,
मैं बोला मुस्कराकर सितारों से,
इसलिए माँ का यहाँ सदा होता है गुणगान,
* * * * * * *
माँ का परिचय(maa ka prichay ) :चमकते सितारों के साथ
माँ की महिमा का गुणगान सुनकर,
चमकते सितारे थे हैरान,
मैं एक-एक करके गिनाने लगा,
माँ के बच्चों पर कितने होते हैं एहसान,
एक कांटा भी चुभ जाए,
यदि बच्चों के कोमल पाँव में,
वो सोती नहीं है फिर रातों को,
जब तक अपने प्यार का मरहम ना लगादे,
माँ अपने बच्चों के पाँव में,
वो चैन की नींद सोती है तब,
जब बच्चे सोंये माँ के आँचल की छाँव में,
चमकते सितारे बड़े गौर से,
सूने रहे थे माँ की महिमा का गुणगान,
बार-बार पूछ रहे थे मुझसे सितारे,
क्या माँ को यहाँ ईश्वर मानते हैं सब इन्सान,
माँ का परिचय (maa ka prichay ) पूछ रहे थे चमकते सितारे मुझसे ,
क्या माँ ऐसे ही रहती है बच्चों पर मेहरबान,
मैं बोला मुस्कराकर सितारों से,
इसलिए माँ का यहाँ सदा होता है गुणगान,
* * * * * * *
माँ के एहसानों का मैंने पिटारा खोला,
आँखों से आँखें मिलाकर मैं सितारों से बोला,
मेरे देश के हर घर में,
माँ के त्याग की सुनाई जाती है कहानियां,
माँ वो कीमती हीरा है,
जो अपने बच्चों की,
माफ कर देती है सब नादानियां,
मुझसे सुनकर माँ के प्यार के किस्से,
सब छोटे छोटे सितारे थे हैरान,
माँ का परिचय (maa ka prichay ) पूछ रहे थे चमकते सितारे मुझसे ,
क्या माँ ऐसे ही रहती है बच्चों पर मेहरबान,
मैं बोला मुस्कराकर सितारों से,
इसलिए माँ का यहाँ सदा होता है गुणगान,
* * * * * * *
एक सितारा बोला मेरे पास आकर,
क्या यहाँ माँ का आदर करते हैं,
उसके पाँव में शीश झुकाकर,
मैं बोला अपनी दोनों आँखों को चमकाकर ,
यहाँ का बच्चा-बच्चा ,
अपना दिन शुरू करता है,
माँ के पाँव में शीश झुकाकर,
मैं उसकी महिमा और कितनी करूं बयां,
तुम प्यारी माँ के बारे में,
जानना और चाहोगे क्या,
मुझसे सूनकर आसमानी सितारा,
माँ की महिमा का बखान,
सितारा माँ के बारे में जानने के लिए,
पहले से ज्यादा हो उठा बेचैन,
माँ का परिचय (maa ka prichay ) पूछ रहे थे चमकते सितारे मुझसे ,
क्या माँ ऐसे ही रहती है बच्चों पर मेहरबान,
मैं बोला मुस्कराकर सितारों से,
इसलिए माँ का यहाँ सदा होता है गुणगान,
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क्या यहाँ खाना खानें से पहले,
खानें को हाथ लगाने से पहले,
माँ को भरपेट खिलाते हैं,
क्या हर रात को सोने से पहले,
हर घर में माँ के पाँव दबाते हैं,
मैं बीच में ही बोल बैठा,
अपने मन का भेद मैं खोल बैठा,
पाँव दबाकर हर रोज रात को,
यहाँ माँ की दुआ लेते हैं,
माँ को ईश्वर का रूप मानकर,
उसकी प्यारी मूरत को,
अपने दिल में सजा लेते हैं,
देखकर माँ की परेशानी,
यहाँ बच्चे भी हो जाते हैं परेशान,
माँ का परिचय (maa ka prichay ) पूछ रहे थे चमकते सितारे मुझसे ,
क्या माँ ऐसे ही रहती है बच्चों पर मेहरबान,
मैं बोला मुस्कराकर सितारों से,
इसलिए माँ का यहाँ सदा होता है गुणगान,
* * * * *
माँ का देखकर इतना आदर,
चमकते सितारे थे हैरान,
वो बोले जिस घर में,
माँ के चेहरे पर छाई हो रौनक,
वो घर है जग में सबसे धनवान,
जिस माँ ने जन्म दिया है,
उसको हमारा प्रणाम,
ऊँचे है पर्वत ऊँचा है आसामान ,
इन सबसे ऊँचा है धरती पर माँ का नाम,
हम भी चाहेंगे किसी जन्म,
हम सबको मिले माँ के प्रेम की धारा,
हमारा भी बचपन गुजरे,
माँ के आँचल में सारा,
माँ का परिचय (maa ka prichay ) पूछ रहे थे चमकते सितारे मुझसे ,
क्या माँ ऐसे ही रहती है बच्चों पर मेहरबान,
मैं बोला मुस्कराकर सितारों से,
इसलिए माँ का यहाँ सदा होता है गुणगान,