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माँ का प्रेम (maa ka prem )

माँ का प्रेम (maa ka prem ) सबके लिए है : बिना भेदभाव

माँ का प्रेम (maa ka prem ) सबके लिए है ,
दिल में जगते खुशियों के दीये हैं,
खुशियां बांटना कोई माँ से सीखे,
जो सबको बांटें एक बराबर,
छोटा -बडा ना देखे वो बच्चों में,
माँ सबको डांटे एक बराबर,
*          *          *         *
छोटा -बडा ना अपना-पराया,
सबको अपने आंचल में छुपाया,
ये नीला आसमान चमकते तारे गवाह है माँ,
सच कह गए हैं लोग शयाने,
सब रोगों की दवा है माँ,
किसको कितना चाहीए,
उसको सब होता है पता,
माँ सबकी खुशियों की परवाह करती है सदा,
मेरे जीवन की प्रेरणा है माँ,
मेरी सच्ची प्रीत है माँ,
जब तक साथ है माँ तेरा,
मेरी पक्की जीत है माँ,
वो हम सबके चेहरे पर लाएं मुस्कान,
माँ एक बराबर,
माँ का प्रेम (maa ka prem ) सबके लिए है ,
दिल में जगते खुशियों के दीये हैं,
खुशियां बांटना कोई माँ से सीखे,
जो सबको बांटें एक बराबर,
छोटा -बडा ना देखे वो बच्चों में,
माँ सबको डांटे एक बराबर,
*          *          *         *
माँ के पास बांटने की है अनोखी रस्म,
वो पलक झपकते ही पूरी करती है,
अपनी हर कसम,
माँ बच्चों को पाले फूलों की तरह,
सब बच्चों की माँ है बागबान,
माँ जैसा ना है कोई इस जहान में दयावान,
दिल दरिया है मीठी जुबान,
माँ ही होती है बच्चों का सारा जहान,
फूलों के जैसे सब बच्चों को,
माँ महकादे एक बराबर,
माँ का प्रेम (maa ka prem ) सबके लिए है ,
दिल में जगते खुशियों के दीये हैं,
खुशियां बांटना कोई माँ से सीखे,
जो सबको बांटें एक बराबर,
छोटा -बडा ना देखे वो बच्चों में,
माँ सबको डांटे एक बराबर,
*          *          *         *
संस्कारों का माँ पाठ पढ़ाए
कभी प्यार से समझाए कभी आंखें दिखाए,
वफादारी की कीमत सबको समझाए,
वो बोले सदा प्यार से,
मीठे पानी की इस जलधार से,
हमारा घर सदा रौशन रहे,
रब के इस इस पहरेदार से,
हम सबके पालनहार से,
हमारा घर सदा रौशन रहे,
अनुशासन में कैसे रहना है,
छोटे-बड़े को क्या कहना है,
माँ सबको समझाए एक बराबर,
माँ का प्रेम (maa ka prem ) सबके लिए है ,
दिल में जगते खुशियों के दीये हैं,
खुशियां बांटना कोई माँ से सीखे,
जो सबको बांटें एक बराबर,
छोटा -बडा ना देखे वो बच्चों में,
माँ सबको डांटे एक बराबर,
*          *          *

माँ का प्रेम (maa ka prem ) सबके लिए है : एक बराबर तोलना
माँ का प्रेम (maa ka prem )
माँ का प्रेम (maa ka prem )

माँ दिल के दरवाजे खोलकर रखें ,
सबके हिस्से का तोलकर रखें,
अपनी किस्मत अपना हिस्सा,
माँ सबको ये बोलकर रखें,
बड़े-बुजुर्गों की मान-मर्यादा,
हर घर में हो सबसे ज्यादा,
माँ का हम-सबको ये ही कहना है,
नफ़रत नहीं प्यार हो दिल में ,
साथ दीजिए जब कोई हो मुश्किल में,
हमें दरिया के जैसे बहना है,
माँ का दिल सबके लिए तडफे एक बराबर,
माँ का प्रेम (maa ka prem ) सबके लिए है ,
दिल में जगते खुशियों के दीये हैं,
खुशियां बांटना कोई माँ से सीखे,
जो सबको बांटें एक बराबर,
छोटा -बडा ना देखे वो बच्चों में,
माँ सबको डांटे एक बराबर,
*          *          *         *
घर छोटा हो चाहे या बड़ा,
जो मात-पिता के लिए तैयार खड़ा,
जीवन की गाड़ी उसकी सदा चलती ही जाएगी,
जब तक सांसों का खाता है,
जो उनको गले लगाता है,
जीवन की गाड़ी उसकी कभी रूक नहीं पाएगी,
नर्म है जिसका व्यवहार,
मात-पिता को जो करता है प्यार,
उनके मुख से निकले लफ़्ज़ों का,
जो गुस्सा ना माने ना के बराबर,
माँ का प्रेम (maa ka prem ) सबके लिए है ,
दिल में जगते खुशियों के दीये हैं,
खुशियां बांटना कोई माँ से सीखे,
जो सबको बांटें एक बराबर,
छोटा -बडा ना देखे वो बच्चों में,
माँ सबको डांटे एक बराबर,
*          *          *         *
वो जब कोई फैंसला सुनाती है,
हम सर झुकाकर करतें हैं स्वीकार,
माँ के द्वारा है घर प्यारा,
माँ का साथ है तो ये वक्त हमारा,
उसको ईश्वर के जैसे पूजता है सारा परिवार,
दिल साफ है वो करती माफ है,
माँ की छाँव में छोटे से गाँव में ,
एक मुखिया के जैसे है माँ का व्यवहार,
माँ सबको छाँव दे अपना नाम दें,
सब बच्चों को एक बराबर,
माँ का प्रेम (maa ka prem ) सबके लिए है ,
दिल में जगते खुशियों के दीये हैं,
खुशियां बांटना कोई माँ से सीखे,
जो सबको बांटें एक बराबर,
छोटा -बडा ना देखे वो बच्चों में,
माँ सबको डांटे एक बराबर,
*          *          *         *
creater-राम सैणी
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