हमारी खुशियों के दो किनारे (khushiyon ke do kinare )हैं,
ये ही सुख-दुख के साथी हमारे हैं,
जीवन में खुशियाँ छा जाती हैं,
जब इन दो किनारों का संग होता है,
हमारे जीवन में खुशियों का,
माँ पहला और हमसफ़र आख़री स्तंभ होता है,
एक प्यारी सी सूरत का दीदार,
जिसके आगे झुकता है सारा संसार,
हमारे जीवन पर माँ का ज़्यादा असर होता है,
जीवन की गाड़ी का दूसरा पन्हिया,
हमारा हमसफ़र होता है,
दोनों की जुगलबंदी से घर में,
आनंद ही आनंद होता है,
हमारी खुशियों के दो किनारे (khushiyon ke do kinare )हैं,
ये ही सुख-दुख के साथी हमारे हैं,
जीवन में खुशियाँ छा जाती हैं,
जब इन दो किनारों का संग होता है,
हमारे जीवन में खुशियों का,
माँ पहला और हमसफ़र आख़री स्तंभ होता है,
* * * *
जन्म-जन्म का रिश्ता पुराना लगता है,
माँ संग हर दिन सुहाना लगता है,
माँ ने फूलों के जैसे महका दिया है,
मेरे जीवन की बगिया को,
मेरी पहली पुकार मांँ,पहला प्यार माँ,
माँ का आसरा जैसे शीतल जल की नदियां हो,
वो एक जलता हुआ दीया है,
जिसने मेरे जीवन का अंधियारा दूर किया है,
माँ जैसी मोहनी सूरत दुसरी कोई और नहीं है,
माँ जैसी खुबसूरत दुनिया में कोई और नहीं है,
मेरे जीवन को निखारने के लिए,
माँ खुद को भूल गई है,
मेरे चेहरे पर खुशियां बिखेरने के लिए,
वो खुद खुश होना भूल गई है,
माँ बिन इस दुनिया में,
हर दिन बेरंग होता है,
हमारी खुशियों के दो किनारे (khushiyon ke do kinare )हैं,
ये ही सुख-दुख के साथी हमारे हैं,
जीवन में खुशियाँ छा जाती हैं,
जब इन दो किनारों का संग होता है,
हमारे जीवन में खुशियों का,
माँ पहला और हमसफ़र आख़री स्तंभ होता है,
* * * * * * *
खुशियों के दो किनारे (khushiyon Ke Do Kinare ): जीवन के दो अमूल्य रिश्ते

अच्छा हमसफ़र जीवन के सफर को, यूवी
प्यारा और आसान बना देता है,
अपनी सूझ-बूझ से हमसफ़र ,
इस रिश्ते को और भी महान बना देता है,
हमारे जीवन पर अपना हक जताने वाली,
हमें रिश्तों की डोरी से बांधकर रखती है,
अपने मीठे व्यवहार से,अच्छे संस्कार से,
घर में खुशियां बरसाने वाली ,
परिवार को ही सब-कुछ मानकर चलती है,
घर और हमारे जीवन की बागडोर,
जो अच्छे से संभाल पाए,
ऐसा हमसफ़र किस्मत से मिलता है,
हालात कैसे भी हों जो हर घड़ी मुस्कराए,
ऐसा हमसफ़र किस्मत से मिलता है,
कदम से कदम मिलाकर चलना,
मेरे हमसफ़र की खुबी है,
मैंने उसके हाथों में सौंप दी,
अपने जीवन की चाबी है,
दिन गुजर जाता है हंसते-हंसते,
जब हमसफ़र का चेहरा दिल में बंद होता है,
हमारी खुशियों के दो किनारे (khushiyon ke do kinare )हैं,
ये ही सुख-दुख के साथी हमारे हैं,
जीवन में खुशियाँ छा जाती हैं,
जब इन दो किनारों का संग होता है,
हमारे जीवन में खुशियों का,
माँ पहला और हमसफ़र आख़री स्तंभ होता है,
* * * * * *
माँ का आदर पहला धर्म हो,
माँ के लिए हमेशा व्यवहार नर्म हो,
मैं खुद को धन्य मानता हूँ माँ,
तुम्हारी कोख से जन्म लेकर,
मैंने दो भागों में बांट लिया है ,
आज से अपनी जिंदगी को,
एक भाग है माँ के नाम,
एक दिया है अपनी जीवन संगिनी को,
माँ को देखता हूँ ईश्वर की जगह,
जीवन की कल्पना भी मुश्किल है माँ के बिना,
हमसफ़र को अपना आध अंग बनाकर रखा है,
उसकी खुबियां की हैं उजागर,
कमीयों को छिपाकर रखा है,
माँ है हमारे घर का आधार,
ये उसको बताकर रखा है,
जो रखता है परिवार को जोड़कर,
वो ही अक्लमंद होता है,
हमारी खुशियों के दो किनारे (khushiyon ke do kinare )हैं,
ये ही सुख-दुख के साथी हमारे हैं,
जीवन में खुशियाँ छा जाती हैं,
जब इन दो किनारों का संग होता है,
हमारे जीवन में खुशियों का,
माँ पहला और हमसफ़र आख़री स्तंभ होता है,
creation -राम सैणी
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