सबसे बड़ा धनवान वो नहीं
जिनके घर खजाने से भरी पेटियां हैं,
असली धनवान है वो इंसान,
हंसती,गाती-मुस्कराती हुई,
जिनके घर बेटियां हैं ( jinke ghar betiyan hain ),
* * * * *
आज के जमाने में धनवान होना ,
शायद खजाने से भरी पेटियां होती हैं,
सच में असली धनवान वो ही घर है,
जिस घर में खिल-खिलाती बेटियां होती हैं,
बडे से बडा धनवान भी हाथ फैलाएगा,
एक बेटी समान बहु के लिए,
हर माता-पिता का ख्वाब होता है,
एक बेटी समान बहु के लिए,
असली धनवान तो वो घर है,
जहां बहुएं बनकर रहती बेटियां हैं,
सबसे बड़ा धनवान वो नहीं
जिनके घर खजाने से भरी पेटियां हैं,
असली धनवान है वो इंसान,
हंसती,गाती-मुस्कराती हुई,
जिनके घर बेटियां हैं ( jinke ghar betiyan hain ),
* * * * *
इंसान के पास धन के पेटियां होना,
बड़े हर्ष की बात है,
लेकिन खिल-खिलाती बेटियों का बाप होना,
बड़े गर्व की बात है,
सदियों से ये परम्परा रही है,
हर बड़े-बुजुर्ग ने ये बात कही है,
खैरात लेने वाला हमेशा छोटा होता है,
जो खैरात देता है वो हमेशा बडा होता है,
असली धनवान तो वो घर होता है,
जहाँ पायल का मीठा-मीठा शोर करती हुई,
प्यारी-प्यारी बेटियां हैं,
सबसे बड़ा धनवान वो नहीं
जिनके घर खजाने से भरी पेटियां हैं,
असली धनवान है वो इंसान,
हंसती,गाती-मुस्कराती हुई,
जिनके घर बेटियां हैं ( jinke ghar betiyan hain ),
* * * * *
जो बाप अपने दिल के टुकड़े को,
पराए हाथों में सौंप देता है,
उस बाप से बड़ा धनवान है कौन,
जो बाप बेखौफ होकर अपनी बेटी को,
बेगाने घर भेज देता है,
भला उस बाप से बड़ा धनवान है कौन,
दौलत तो इंसान मेहनत से कमा लेता है,
लेकिन बेटियां नशीब से मिलती है,
दौलत तो धनवान के घर मिल जाती है,
पर संस्कारी बेटियां नशीब से ही मिलती है,
दुनिया में आने से पहले,
अपना नसीब लिखवाकर आती बेटियां हैं,
सबसे बड़ा धनवान वो नहीं
जिनके घर खजाने से भरी पेटियां हैं,
असली धनवान है वो इंसान,
हंसती,गाती-मुस्कराती हुई,
जिनके घर बेटियां हैं ( jinke ghar betiyan hain ),
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जिनके घर बेटियां हैं ( jinke ghar betiyan hain ) : गाती मुस्कराती खुशियां

कन्यादान का सौभाग्य हर किसी को नहीं मिलता,
अपने हाथों से बेटी का दान करना,
हर इंसान को नहीं मिलता,
जब किसी इंसान के पूण्य कर्म उठ खड्ते हैं,
तब कहीं जाकर बेटी के शुभ कदम,
उस इंसान के घर पड़ते हैं
असली धनवान तो वो घर है,
जहाँ आसमान को छूती बेटियां हैं,
सबसे बड़ा धनवान वो नहीं
जिनके घर खजाने से भरी पेटियां हैं,
असली धनवान है वो इंसान,
हंसती,गाती-मुस्कराती हुई,
जिनके घर बेटियां हैं ( jinke ghar betiyan hain ),
* * * * *
दानवीर है बेटियों का बाप,
सबसे अमीर है बेटियों का बाप,
धनवान तो चलता है अभिमान से,
बेटियों का बाप चलता है शान से,
उसके घर खजाने से भरी पेटियां ना सही,
पर बाप के दिल पर राज करने वाली,
चिड़ियों के जैसे चहकती बेटियां तो हैं,
आसमान से उतरकर बेटियां आ जाती हैं,
माँ-बाप के दिल में छा जाती हैं,
अपने माँ-बाप के सुख-दुख को,
अपना समझने वाली सिर्फ बेटियां हैं ,
सबसे बड़ा धनवान वो नहीं
जिनके घर खजाने से भरी पेटियां हैं,
असली धनवान है वो इंसान,
हंसती,गाती-मुस्कराती हुई,
जिनके घर बेटियां हैं ( jinke ghar betiyan hain ),
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खजाने से भरी पेटियां तो आज है तो कल नहीं,
लेकिन बेटियां आखिर सांस तक,
माँ-बाप की चिंता करती हैं,
जब भी मिलती हैं दिल खोलकर हंसती हैं,
जब हंसती-मुस्कराती हैं बेटियां,
कुदरत भी साथ हंसती है,
किस्मत भी उनके साथ चलती है,
असली धनवान तो वो घर है,
जहाँ परींदों की तरह उड़ती बेटियां हैं,
सबसे बड़ा धनवान वो नहीं
जिनके घर खजाने से भरी पेटियां हैं,
असली धनवान है वो इंसान,
हंसती,गाती-मुस्कराती हुई,
जिनके घर बेटियां हैं ( jinke ghar betiyan hain ),
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creation -राम सैणी
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