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जीवन की खट्टी-मीठी यादें (jeevan ki khatti-meethi yaden )

जीवन की खट्टी-मीठी यादें (jeevan ki khatti-meethi yaden )

जीवन की खट्टी-मीठी यादें (jeevan ki khatti-meethi yaden ) : सच्ची ख़ुशी

 

जीवन की खट्टी -मीठी यादें ( jeevan ki khatti-meethi yaden ) हैं मेरा उपहार ,
मैंने इन यादों को अपने दिल में बसाया है ,
देखता हूँ जब पीछे मुड़कर ,
मैंने जीवन में क्या खोया क्या पाया है,
*     *     *     *        *       *       *
जो भी किया जैसे भी किया,
सब परिवार के लिए,
सजाकर सबके चेहरे पर,
रखीं हैं मुस्कान अब तक,
सब उनके प्यार के लिए,
खुद सुख में रहा या ग़म में जिया,
कभी किसी को एहसास ना होने दिया,
आधे से ज्यादा जीवन का हिस्सा गुजर गया,
सबका एक मुकाम बनाने में,
अपनी मेहनत के रंग से,
मैं लगा रहा परिवार का नाम चमकाने में,
अपनी मेहनत के रंग से ,
मैंने अपने परिवार को चमकाया है ,
मैंने इन यादों को अपने दिल में बसाया है ,
देखता हूँ जब पीछे मुड़कर ,
मैंने जीवन में क्या खोया क्या पाया है,
*         *         *         *         *
एक पिता का जीवन भी संघर्ष से भरा होता है,
लोग सोते हैं आराम से जब काली रातों में ,
मैं घर के हर सदस्य की उम्मीदों को,
पूरा कर पाऊंगा या नहीं,
ये ही सोचकर जगा होता है,
जब तक चलेंगे हाथ -पाँव,
मैं करता रहूँगा सबके सर छाँव,
घर की जिम्मेदारिय़ों ने,
मुझे हर रात जगाया है,
मैंने इन यादों को अपने दिल में बसाया है ,
देखता हूँ जब पीछे मुड़कर ,
मैंने जीवन में क्या खोया क्या पाया है,
*       *        *      *          *         *

मैंने अपने बच्चों को
कुछ इस तरह से तराशा है,
मैं बोलूं या खामोश रहूँ,
वो पड़ लेंते है मेरे मन की भाषा है,
काबिल निकल आएं बच्चे अगर,
वो चलते रहें माता-पिता के नक्शे -,कदम,
मैं मानता हूँ ईशवर ने मुझको ,
मेरे अच्छे कर्मों का फल मुझे दे दिया है,
बिस्तर जब पकड़ लें हम,
वो रहें पास हमारे हरदम,
मैं मानता हूँ ईश्वर ने
वापिस मुझे मेरे शरीर का बल दे दिया है,
हाथ थमने को रहते हैं तैयार वो ,
मैंने उनकी और जब भी हाथ बढ़ाया है ,
जीवन की खट्टी -मीठी यादें ( jeevan ki khatti-meethi yaden ) हैं मेरा उपहार ,

मैंने इन यादों को अपने दिल में बसाया है ,
देखता हूँ जब पीछे मुड़कर ,

मैंने जीवन में क्या खोया क्या पाया है,

*     *     *        *       *       *

जीवन की खट्टी-मीठी यादें (jeevan ki khatti-meethi yaden ) : एक सुहाना सफर 
हम जब भी हों कभी उदास,
वो आकर पूछे हमारे दिल की बात,
माता-पिता को बच्चों ने,
यदि ईश्वर बना दिया है,
मैं समझूंगा मैंने जीवन में सब-कुछ पा लिया है,
सब-कुछ लगने लगता एक वरदान के जैसे,
यदि बच्चों ने अपने दिल से हमें लगाया है,
जीवन की खट्टी -मीठी यादें ( jeevan ki khatti-meethi yaden ) हैं मेरा उपहार ,
मैंने इन यादों को अपने दिल में बसाया है ,
देखता हूँ जब पीछे मुड़कर ,
मैंने जीवन में क्या खोया क्या पाया है,
*       *            *        *           *

जो सुनहरे पल खोए हैं जीवन के,
उनके राहों में फूल बोएं है चून -चून के,
उन सब पर हैं मुझको अभिमान ,
आकर उम्र के इस पड़ाव पर,
जब हाथ रख देते हैं,
प्यार से बच्चे हर घाव पर,
सीना चौड़ा हो जाता है,
जब करते हैं वो हमारा सम्मान,
एक पिता अपने बच्चों ये ही चाहता है ,
वो भी करें उनकी देखभाल एक उम्र के बाद ,
थोड़ी प्यार -थोड़ा सा दुलार मिले उनको एक उम्र के बाद ,
पुकारा है मैंने जब भी अपने बच्चों को ,
उन्होंने आकर सर झुकाया है ,
जीवन की खट्टी -मीठी यादें ( jeevan ki khatti-meethi yaden ) हैं मेरा उपहार ,

मैंने इन यादों को अपने दिल में बसाया है ,
देखता हूँ जब पीछे मुड़कर ,

मैंने जीवन में क्या खोया क्या पाया है,

*        *        *         *          *

परवाह करते थे हम जिन बच्चों की,
आज वो हमारी करते हैं परवाह,
ख्याल रखते हैं अपने से ज्यादा,
हर पल रखतें हैं हम पर अपनी निगाह,
हाथ जोड़ ईश्वर को करते हैं नमस्कार,
खुशियों के मोतियों से भरा रहे परिवार,
खुशहाल हुआ जीवन मेरा,
जब से बच्चों ने हाथ बंटाया है,
आज यूं लगता है मुझे,
जैसे मेरी मेहनत ने रंग दिखाया है,
जीवन की खट्टी- मीठी यादें jeevan ki khatti-meethi yaden ) हैं मेरा उपहार ,
मैंने इन यादों को अपने दिल में बसाया है ,
देखता हूँ जब पीछे मुड़कर ,
मैंने जीवन में क्या खोया क्या पाया है,

*         *         *        *        *

creater -राम सैणी

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