जो समझ गया जीवन का सत्य (jeevan ka Satya),
उसे बाकी सब-कुछ लगेगा मिथ्या ,
ये सब संत-फकीर बताते भी,
तस्वीर से दो बातें कम कर लो,
कद्र करो तुम जीते-जी,
दुआओं की बारीश होने लगती है,
माँ के पाँव को छूते ही,
* * * *
आख़री सांस तक मांगे दुआएं,
जीव्हा माँ की नहीं थकती है,
हर कदम हटाए बाधाएं मेरी राहों की,
माँ के मुख से दुआएं कभी नहीं रूकती है,
माँ है एक अनमोल रत्न,
जिस किसी के हिस्से में आया है,
अपने नेक कर्मों का फल समझो ,
इसी जन्म में पाया है,
जीवन गुजार जाए यूं ही,
माँ की पूरी करते-करते हर इच्छा,
जो समझ गया जीवन का सत्य (jeevan ka Satya),
उसे बाकी सब-कुछ लगेगा मिथ्या ,
ये सब संत-फकीर बताते भी,
तस्वीर से दो बातें कम कर लो,
कद्र करो तुम जीते-जी,
दुआओं की बारीश होने लगती है,
माँ के पाँव को छूते ही,
* * * *
बचपन में पकडा था जिस माँ का आंचल,
मैं आज भी उस माँ के पीछे चलता हूँ,
मैं घर से बाहर जाने से पहले,
उस माँ के पाँव छूकर निकलता हूँ,
माँ है तो सब सुख अपने,
माँ है तो सब पूरे सपने,
अलग ही रौनक छा जाती है घर में,
माँ के धीरे से मुस्कराते ही,
जो समझ गया जीवन का सत्य (jeevan ka Satya),
उसे बाकी सब-कुछ लगेगा मिथ्या ,
ये सब संत-फकीर बताते भी,
तस्वीर से दो बातें कम कर लो,
कद्र करो तुम जीते-जी,
दुआओं की बारीश होने लगती है,
माँ के पाँव को छूते ही,
* * * *
जीवन के हर मोड़ पर,
मुझे बाधाओं से लडना सिखाया है
मैं डरता नहीं हूँ आँधी-तूफां से,
माँ ने मुझको कुछ ऐसा ही बनाया है,
माँ बिन जीवन है क्या,माँ है खुशियों का दरिया,
इस जहान की सारी खुशियां,
माँ के जीते-जी कदमों में डाल दें,
जैसे संभाला था माँ ने हमें बचपन में,
आज तूं भी उसे वैसे ही संभाल ले,
आंगन में ठंडी हवाएं चलने लगती हैं,
जन्मदात्री माँ के मुस्कराते ही
जो समझ गया जीवन का सत्य (jeevan ka Satya),
उसे बाकी सब-कुछ लगेगा मिथ्या ,
ये सब संत-फकीर बताते भी,
तस्वीर से दो बातें कम कर लो,
कद्र करो तुम जीते-जी,
दुआओं की बारीश होने लगती है,
माँ के पाँव को छूते ही,
* * * *
जीवन का सत्य (jeevan ka Satya) : जो जीवन संवार दे

तुम्हारे एहसानों का बदला माँ,
मैं सारी उम्र चुकाऊं तो कम है,
माँ तेरे संग है ये दुनिया हसीं,तुम हो तो हम हैं,
बहुत अहमियत रखता है,
घर में माँ की छाया का होना,
मैं कैसे भूल जाऊं बचपन की वो रातें,
माँ तुम्हारी जागती आँखों का सोना,
तुम्हारा दुध से मिला जीवन दान मुझे,
मेरी भूख-प्यास एक पल में मिट जाती थी,
माँ तुम्हारा दूध अमृत-सा पीते ही,
जो समझ गया जीवन का सत्य (jeevan ka Satya),
उसे बाकी सब-कुछ लगेगा मिथ्या ,
ये सब संत-फकीर बताते भी,
तस्वीर से दो बातें कम कर लो,
कद्र करो तुम जीते-जी,
दुआओं की बारीश होने लगती है,
माँ के पाँव को छूते ही,
* * * *
तस्वीर नहीं माँ को लगाओ सीने से,
उस बेटे की अमीरों में होती है गिनती ,
जिसका हर दिन बीते माँ के लिए ज़ीने में,
यदि सारे सुख जीते-जी दे पाओगे,
तस्वीर को छूकर माँ की बाद में,
आंसू नहीं बहाओगे,
मेरा धर्म-कर्म हर सुबह-सुबह,
माँ की सेवा से होता है शुरू,
उसका दिल ना दुखे कभी मेरी वजह से,
मैं हर पल ये ही प्रयत्न करूं,
मैं दौड़ा-दौड़ा चला आता हूँ,
माँ के एक बार बुलाते ही,
जो समझ गया जीवन का सत्य (jeevan ka Satya),
उसे बाकी सब-कुछ लगेगा मिथ्या ,
ये सब संत-फकीर बताते भी,
तस्वीर से दो बातें कम कर लो,
कद्र करो तुम जीते-जी,
दुआओं की बारीश होने लगती है,
माँ के पाँव को छूते ही,
* * *
हमारे आंगन में उड़ती रहे,
माँ की पाँव की धूल सदा,
उसकी जुबान से निकला हर लफ्ज़,
मैं सर को झूकाकर करूं कबूल सदा,
माँ है खुदा माँ सबसे जुदा,
माँ से प्यारा दुनिया में कोई और है क्या,
मेरे चेहरे पर मुस्कान के रंग आज भी,
मेरी माँ को बहुत भाते हैं जी,
जो समझ गया जीवन का सत्य (jeevan ka Satya),
उसे बाकी सब-कुछ लगेगा मिथ्या ,
ये सब संत-फकीर बताते भी,
तस्वीर से दो बातें कम कर लो,
कद्र करो तुम जीते-जी,
दुआओं की बारिश होने लगती है,
माँ के पाँव को छूते ही,
* * * *
creater-राम सैणी
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