बादलों का सीना चीरकर किरणें,
हमारे आंगन में आ रही थी,
प्यारा लग रहा था जगमगाता आंगन (jagmgata aangan),
क्योंकी मेरी माँ मुस्करा रही थी,
* * * *
फूल रंग-बिरंगे खिलने लगते हैं,
कोयल के मुख से मीठे स्वर निकलने लगते हैं,
जब माँ के चेहरे पर मुस्कान छाने लगती है,
चिड़ियों का मिलकर चहकना,
तितलियों के पंखों का मनभावन शोर,
दिल में एक जोश भर देता है,
माँ जब भी मुस्कराती है ऐसे लगता है,
मानों वो लाखों दुआएं दे रही है,
माँ को मुस्कराता देखकर,
कुदरत भी अपना रंग दिखाने लगती है,
माँ के चेहरे की मुस्कान देखकर,
कुदरत भी अपना सर झुका रही थी,
बादलों का सीना चीरकर किरणें,
हमारे आंगन में आ रही थी,
प्यारा लग रहा था जगमगाता आंगन (jagmgata aangan) ,
क्योंकी मेरी माँ मुस्करा रही थी,* * * *
माँ की मुस्कान का रंग है सबसे जुदा,
वो मुस्कराती रहे यूं ही सदा,
हर बार मेरे मुख से ये ही निकलता है,
सब परिंदे खामोश होकर सुनते हैं,
ये हवाएं भी मदहोश होकर सुनतीं हैं,
उसके चेहरे पर मुस्कान के बादल यूं ही छाए रहें,
हर बार मेरे मुख से ये ही निकलता है,
समंदर की लहरें भी खुशी से उछल रहीं हैं,
मुझे समंदर की ऊँची-ऊँची लहरें भी,
साफ़-साफ़ सुनाई दे रही हैं,
ऐसे लग रहा था जैसे पूरी दुनिया,
माँ को देखकर जगमगा रही थी,
बादलों का सीना चीरकर किरणें,
हमारे आंगन में आ रही थी,
प्यारा लग रहा था जगमगाता आंगन (jagmgata aangan) ,
क्योंकी मेरी माँ मुस्करा रही थी,* * * *
माँ के चेहरे पर मुस्कान आए अगर मेरी वजह से,
उसको मुस्कराता देख मेरी जान में जान आए,
ये मेरी माँ की वजह से,
माँ तुम्हारे आंसू तो मैं पोंछ ना सका पर,
तुम्हारे चेहरे पर मुस्कान के रंग तो ला सकता हूँ,
लोग पूण्य कर्म कमाने के लिए बाहर जाते हैं,
मैं माँ के चरणों में रहकर भी,
पूण्य कर्म कमा सकता हूँ,
मैं पल-पल रखता हूँ माँ का ध्यान,
मेरे नजरों में उसका सम्मान,
माँ की सेवा भक्ति ही ,
शायद मेरी किस्मत जगा रही थी,
बादलों का सीना चीरकर किरणें,
हमारे आंगन में आ रही थी,
प्यारा लग रहा था जगमगाता आंगन (jagmgata aangan) ,
क्योंकी मेरी माँ मुस्करा रही थी,* * * *
जगमगाता आंगन (jagmgata aangan) : माँ की हंसी से खिला आंगन
अगर मिल सकती है खुशी बाजार में तो,
माँ तुम्हारे लिए मैं खरीद कर लाऊंगा,
मेरे कुछ करने से अगर तुम्हारे चेहरे पर,
बिखरते हैं मुस्कान के मोती तो,
मैं ये रिश्ता ऐसे ही निभाऊंगा,
मैं बनूं ऐसा धनवान,
माँ के चेहरे पर रखूं सदा मुस्कान,
इस मुस्कान की कीमत कोई नहीं,
जो मेरी माँ के चेहरे पर रहती है,
वो प्यार की खुशबू बिखेरे सदा,
माँ के दिल में प्यार की गंगा बहती है,
माँ के थोड़ा सा मुस्कराने से,
एक के बाद एक खुशियां,
हमारे आंगन में छा रही थी,
बादलों का सीना चीरकर किरणें,
हमारे आंगन में आ रही थी,
प्यारा लग रहा था जगमगाता आंगन (jagmgata aangan) ,
क्योंकी मेरी माँ मुस्करा रही थी,* * * *
वो प्यार का खजाना है,
जिसे हम-सब माँ कहते हैं,
रिश्ते कैसे निभाते हैं सिखों ,
जिसे हम-सब माँ कहते हैं,
हर वक्त खुशियां बांटना,
जो प्यार से जाने डांटना,
ये कला है माँ के हाथों में,
जो मुश्किल में भी साथ खड़े,
जो सब पर भारी है बिना लड़े,
ऐसी शक्ति है माँ की बातों में,
माँ इन प्यारी -प्यारी बातों से,
मुझको समझा रही थी,
बादलों का सीना चीरकर किरणें,
हमारे आंगन में आ रही थी,
प्यारा लग रहा था जगमगाता आंगन (jagmgata aangan) ,
क्योंकी मेरी माँ मुस्करा रही थी,* * * *
माँ गले से लगाए धीरे-धीरे मुस्कराए,
मेरे माथे को चूमकर,
मेरी हर बात माँ सुने गौर से,
अपनी प्रार्थनाओं से बनाकर रखें घेरा,
मेरे चारों ओर से,
मैं भी खुश हो जाता हूँ,
माँ के हाथों को चूमकर,
वो मुस्कराती हुई कैसी लगती है,
हमारे आंगन की हवाएं सबको बता रही थी,
बादलों का सीना चीरकर किरणें,
हमारे आंगन में आ रही थी,
प्यारा लग रहा था जगमगाता आंगन (jagmgata aangan) ,
क्योंकी मेरी माँ मुस्करा रही थी,* * * *
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