मैंने सुना है संत-फकीरों से,
माँ हर कोई ये ही बताता है,
दुनिया में आने का है एक ही रास्ता (ek hi rasta ) ,
जो माँ की कोख से होकर आता है,
* * * * *
मेरा संत-फकीरों पर है विश्वास,
मन हो जाता है जब कभी उदास,
क्या होती है ममता की शक्ति,
मैं हर घड़ी जानने को रहता हूँ तैयार,
एक दीप जलें मेरे दिल के अंदर,
एक मीठा पानी का है समंदर,
मेरी बनकर रहती है पहरेदार,
वो समंदर है माँ का प्यार,
कोख है माँ की पावन द्वार,
माँ जैसा ना कोई सुख-दुख का साथी,
माँ ही जीवनदाता है,
मैंने सुना है संत-फकीरों से,
माँ हर कोई ये ही बताता है,
दुनिया में आने का है एक ही रास्ता (ek hi rasta ) ,
जो माँ की कोख से होकर आता है,
* * * * *
एक बच्चे का पहला संसार,
वो बिन बोले सुन लेती,
एक बच्चे की पहली पुकार,
माँ खाती है मैं जीता हूँ,
वो बताती है मैं सुनता हूँ,
पहले दिन से ही करने लगती,
माँ बच्चे को लाड़-प्यार,
माँ क्या होती है ये वो ही जाने,
जो बिन माँ के पग-पग पर ठोकर खाता है,
मैंने सुना है संत-फकीरों से,
माँ हर कोई ये ही बताता है,
दुनिया में आने का है एक ही रास्ता (ek hi rasta ) ,
जो माँ की कोख से होकर आता है,
* * * * *
माँ अपने रंग में रंग देती है,
जब गोद में अपनी लेती है,
मेरे माथे परअपने प्यार की मोहर लगाती है ,
वो छेडती है मेरे दिल के तार,
माँ बातें करती है बार-बार,
मुझे यूं जकडती है अपनी बाहों में,
जैसे जन्मों -जन्मो का हो कोई कर्ज उधार,
बादल भी आते-जाते रहते हैं,
हवाएं भी शोर मचाती हैं,
मैं चूम लेता हूँ बादलों को,
जब माँ अपनी बाहों में उठाती है,
मुझे देखकर हंसते-मुस्कुराते हुए,
माँ के मुख पर उजाला फैला जाता है,
मैंने सुना है संत-फकीरों से,
माँ हर कोई ये ही बताता है,
दुनिया में आने का है एक ही रास्ता (ek hi rasta ) ,
जो माँ की कोख से होकर आता है,
* * * * *
एक ही रास्ता (ek hi rasta ) : माँ की कोख
माँ मेरी आँखों की भाषा जानती है,
वो मेरे मन की अभिलाषा जानती है,
माँ बिन मांगे पूरी करती है,
मेरे मन की सब इच्छाएं,
माँ हीरा है एक कोहीनूर,
झूठ -फरेब से है कोसों दूर,
वो पलक झपकते ही हर लेती है,
मेरे जीवन की सब विपदाएं,
माँ दूध पिलाकर शांत करें,
जब बच्चा रो-कर दिखाता है,
मैंने सुना है संत-फकीरों से,
माँ हर कोई ये ही बताता है,
दुनिया में आने का है एक ही रास्ता (ek hi rasta ) ,
जो माँ की कोख से होकर आता है,
* * * * *
मैंने जितना करीब से जानना चाहा,
मैं फिर भी जान नहीं पाया हूँ,
उस माँ की ममता का कोई छोर नहीं,
जिस माँ ने दूध पिलाया है,
माँ पीछे -पीछे दौड़ती थी,
जब हम आगे-आगे भागते थे,
माँ सिरहाने पर बैठी रहती थी,
जब हम सोकर जागते थे,
आँख खुले जब भी मेरी,
मेरी माँ का चेहरा सामने आता है,
मैंने सुना है संत-फकीरों से,
माँ हर कोई ये ही बताता है,
दुनिया में आने का है एक ही रास्ता (ek hi rasta ) ,
जो माँ की कोख से होकर आता है,
* * * * *
माँ रब जैसी सब कहते हैं,
उसके आंचल में हम रहते हैं,
कब बीत गया बचपन मेरा,
बिन माँ के दिल ना माने नटखट मेरा,
दिल दरिया है उसका ये सब कहते हैं,
शब्दों में बयां नहीं कर सकता,
मैं करना भी अगर चाहूँ,
मैं उसको मना नहीं कर सकता,
मैं करना भी अगर चाहूँ,
उस रब को पाने का रास्ता भी,
माँ के चरणों से होकर जाता है,
मैंने सुना है संत-फकीरों से,
माँ हर कोई ये ही बताता है,
दुनिया में आने का है एक ही रास्ता (ek hi rasta ) ,
जो माँ की कोख से होकर आता है,
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creater-राम सैनी
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