माँ बाजार से एक गुड़िया (ek gudiya ) ला दो ना,
रंग-बिरंगे कपड़ों से उसको सजा दो ना,
उसके संग खेलने का मेरा भी मन है,
ये भाई-बहन का कैसा अनोखा बंधन है,
* * * * *
माँ अपनी बहनों के साथ सब खेलते हैं,
मेरी हमउम्र के बच्चे सारे,
माँ सबके घर एक -एक छोटी सी गुड़िया है,
एक प्यारी सी गुड़िया क्यों घर नहीं है हमारे,
माँ मैं हर रोज मंदिर जाता हूँ,
उंगली पकड़कर बड़ी माँ के साथ,
मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ,
जोड़कर अपने दोनों हाथ,
हमारी झोली में डाल कर एक प्यारी सी गुड़िया,
दीप खुशियों के मन में जला दो ना,
माँ बाजार से एक गुड़िया (ek gudiya ) ला दो ना,
रंग-बिरंगे कपड़ों से उसको सजा दो ना,
उसके संग खेलने का मेरा भी मन है,
ये भाई-बहन का कैसा अनोखा बंधन है,
* * * * *
हमारे आंगन में कब खेलेगी,
एक गुड़िया प्यारी -प्यारी,
हे ईश्वर कब गूंजेगी हमारे आंगन में,
उसकी प्यारी सी गुड़िया की किलकारी,
ना जाने उसके प्यार में ऐसा क्या खास होता है,
वो गुडिया चल पड़ी है आसमान से,
ना जाने मुझे ये क्यों आभास होता है,
हे ईश्वर जल्दी से जल्दी आप मुझे,
मेरी प्यारी गुड़िया से मिला दो ना,
माँ बाजार से एक गुड़िया (ek gudiya ) ला दो ना,
रंग-बिरंगे कपड़ों से उसको सजा दो ना,
उसके संग खेलने का मेरा भी मन है,
ये भाई-बहन का कैसा अनोखा बंधन है,
* * * * *
मैं भी अपनी छोटी गुड़िया के साथ,
मिल बांटकर माँ खाया करुंगा,
जब वो मुझे सताएगी कभी -कभी,
मैं भी उसको सताया करुंगा,
बड़ी माँ बोलती है मुझे समझाते हुए,
इस दुनिया में सबसे अलग होता है,
भाई -बहन का पावन रिश्ता,
उनका हर सुख -दुख सांझा होता है,
उनमें तेरा-मेरा फिर होता है कहाँ,
बड़ी माँ थोड़ा और बोलो ,
भाई बहन के रिश्ते के लिए,
मेरे मन को थोड़ा सा और बहला दो ना,
माँ बाजार से एक गुड़िया (ek gudiya ) ला दो ना,
रंग-बिरंगे कपड़ों से उसको सजा दो ना,
उसके संग खेलने का मेरा भी मन है,
ये भाई-बहन का कैसा अनोखा बंधन है,
* * * * *माँ एक गुड़िया (ek gudiya ) ला दो ना : तोहफा प्यारा का
माँ हर तीज-त्योहार पर,
याद आती है तेरी बिटिया,
ना जाने कब मेरी सूनी कलाई पर,
राखी बांधेंगी मेरी छोटी सी गुड़िया,
माँ मैंने उसका एक प्यारा सा,
नाम भी सोच लिया है “ज्योति”
हमारे घर की, कृपा उस ईश्वर की,
सबकी लाडली एक इकलौती,
हे ईश्वर उस ज्योति का उजाला,
हमारे आंगन में बिखरा दो ना,
माँ बाजार से एक गुड़िया (ek gudiya ) ला दो ना,
रंग-बिरंगे कपड़ों से उसको सजा दो ना,
उसके संग खेलने का मेरा भी मन है,
ये भाई-बहन का कैसा अनोखा बंधन है,
* * * * *
माँ तेरे बाद सबसे पहले मैं देखूंगा,
अपनी प्यारी गुड़िया का चेहरा,
मैं छूकर देखना चाहता हूँ,
ईश्वर ने भेजा जो तोहफा प्यारा,
वो रोएगी मैं उसे हंसाऊंगा,
उसके पास ना आने दूंगा मैं किसी और को,
बड़ी माँ उसकी नज़र उतारेगी,
अगर देखेगा कोई उसे बडे गौर से,
मैं हवा करुंगा गुड़िया के ऊपर,
वो जब भी चैन से सोएगी,
मैं अपने हाथों से उसे थपकी दूंगा,
वो जब-जब कच्ची नींद से उठकर रोएगी,
फिर भी यदि वो चुप नहीं होगी,
मैं माँ को बोलूंगा मेरी छोटी गुड़िया को,
अपना पावन दूध पिला दो ना,
माँ बाजार से एक गुड़िया (ek gudiya ) ला दो ना,
रंग-बिरंगे कपड़ों से उसको सजा दो ना,
उसके संग खेलने का मेरा भी मन है,
ये भाई-बहन का कैसा अनोखा बंधन है,
* * * * *
मेरी गुड़िया होगी बिल्कुल,
माँ मेरे जैसी समझदार,
मैं हर पल बनकर रहूंगा उसका पहरेदार,
मैं भी सबको बोलूंगा अपना सीना चौड़ा करके,
हमारे घर भी आ गई है एक गुड़िया प्यारी -प्यारी,
मैं शोर मचाकर बताऊंगा,
मेरी गुड़िया है जान से प्यारी,
मैं सौ-बार मना करुंगा अगर कोई बोलेगा,
एक बार गुड़िया अपनी दिखला दो ना,
माँ बाजार से एक गुड़िया (ek gudiya ) ला दो ना,
रंग-बिरंगे कपड़ों से उसको सजा दो ना,
उसके संग खेलने का मेरा भी मन है,
ये भाई-बहन का कैसा अनोखा बंधन है,
* * * * *creater -राम सैनी
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