हर रिश्ते से ऊपर माँ (Har rishte se uper maa) : एक चमत्कार
अपने सपनों को त्याग देती है, अपनी सब इच्छाएं को मार देती है, इतना त्याग भी कोई करता है क्या, […]
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अपने सपनों को त्याग देती है, अपनी सब इच्छाएं को मार देती है, इतना त्याग भी कोई करता है क्या, […]
माँ बिन जीवन है तमाशा, कोई ना जाने माँ की परिभाषा (maa ki paribhasha) माँ का काम बस वो ही
खून का रिश्ता ना सही, लेकिन एक बेटे के जैसे पाला है, मैंने उस माँ की छाँव में देखी है
दीदी बोले मुझे भोला-भाला है, घर का नन्हा सितारा (nanha sitara) है, माँ बोले तूं किस्मत वाला है, पापा बोले
बड़ी माँ ने बलाया था मुझे अपने पास, रात को सुलाया था अपने पास, पापा आपसे भी ज्यादा प्यार करती
मै भी एक बेटी का बाप ( ek beti ka baap) हूँ, कोई राह चलता राहीगर नहीं, वो लोग
कुएं का ठण्डा जल भी, शहद के जैसे मीठे-मीठे फल भी, आज भी मिलते हैं मेरे गाँव में, बेटे
माँ कैसी थी (maa kaisi thi ) कब हंसती-मुस्कुराती थी, मुझे कुछ तो बताओ ना पापा, हमारे साथ माँ क्यों
माँ बाजार से एक गुड़िया (ek gudiya ) ला दो ना, रंग-बिरंगे कपड़ों से उसको सजा दो ना, उसके संग
दिल छोटा ना कर माँ, छोटी-छोटी खुशियों को, हाथों से ना जाने दो, मैं खोल दूंगी शिकायतों का पिटारा (shikayaton