माँ पहले आप (maa pahle aap ) : एक बेटे की श्रद्धा
मानों मेरी हर मन्नत पूरी हो गई, मेरे मन पर छप गई है, उसकी मीठी बोली की छाप, मेरे मन […]
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मानों मेरी हर मन्नत पूरी हो गई, मेरे मन पर छप गई है, उसकी मीठी बोली की छाप, मेरे मन […]
कंश की कारावास में श्री कृष्ण का जन्म ( shree krishna ka janm ) भगवान श्री
उस रब को शुक्रिया करने का, जब भी मेरा मन करता है, मैं अपनी माँ के माथे को चूम लेता
छोटे से हमारे गाँव में, पीपल की घनी छाँव में, मेरी बड़ी माँ बैठी मिलती है, हम उसको अपनी
मत डर क्या होगा कल, साथ तुम्हारे मैं हूँ ना (main Hoon naa ), धीरे सही पर चल तो सही,
ऊँचा लंबा कद मिला है, जो चाहिए था वो सब मिला है, हाथों में धागा रंग स्लेटी का, सबके
माँ का हंसता चेहरा ( maa ka hansta chehra ) देखकर, मेरा भी हंसने का मन करता है, माँ शब्द
मै थोड़ा बोलता हूँ ज्यादा सुनता हूँ, सपने रंग-बिरंगे मन मैं बुनता हूँ, माँ की वजह से मेरा चमका
रोटी में नकल निकालना, पानी को बार-बार उबालना, ये सब चलता था माँ के पहरे में (maa ke pahre
अपने से छोटों को प्यार जताकर, गले मिलती हूँ मुस्कराकर, स्वभाव से हूँ मैं तेज-तर्रार, घर में मंझली बेटी