नटखट चुटकी (natkhat chutaki ) का ग़ुस्सा : सबसे अलग
मेरी नटखट चुटकी (natkhat chutaki ) क्यों बैठी है मुंह फुलाकर, अपना प्यारा-सा चेहरा एक तरफ घूमाकर, छोटी-छोटी बात पर […]
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मेरी नटखट चुटकी (natkhat chutaki ) क्यों बैठी है मुंह फुलाकर, अपना प्यारा-सा चेहरा एक तरफ घूमाकर, छोटी-छोटी बात पर […]
मैंने छोड़ दिया है ढूंढना हाथों में, किस्मत की लकीर को, मैंने एक से बढ़कर एक देखे हैं दुनिया में,
दीप खुशी के ( Deep khushi ke) मन में जलाकर, चेहरे पर प्यारी-सी मुस्कान सजाकर, हर सुबह मेरे पाँव
मानों कुदरत ने आज धरती पर स्वर्ग उतारा है, मेरी माँ ने आज मुझे बेटा कहकर पुकारा (beta kahkar pukara
मेरे साथ नहीं खेलती कोई सखी-सहेली, माँ सारा दिन रहती हूँ मैं घर में अकेली, मैं रब से मांगकर लाऊंगी
माँ दूर करो सब चिंता-परेशानी, मैं जब तुम से हो जाऊंगी बेगानी, बस मुझे प्यारी-सी एक निशानी (ek nishani )
मेरी माँ ने आगे बढ़कर उसे गले लगा लिया है, दिल से अपनी बहू को बेटी बना लिया ( bahoo
चिड़ियां मिट्टी में नहाने लगती है, मंदिर से घंटीयो की मधुर आवाज आने लगती है जब मेरी माँ के प्यारे
वो माँ का सम्मान करती है, उसका सम्मान करना मेरी जिम्मेदारी है, वो मेरा आधा अंग (Mera aadha ang )
हर पल मीठा खाना मीठा बोलना, माँ को बहुत भाता है, जब भी बोले हर शब्द में मिठास (har shabad