सच्चा परिवार, सच्चा प्यार (sachha parivaar ,sachha pyar )
मुझे भेजना घर ऐसे जहाँ, बेटी का सत्कार हो, हर आँख का रहूँ मैं तारा बनकर, घर में सब मुझको […]
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मुझे भेजना घर ऐसे जहाँ, बेटी का सत्कार हो, हर आँख का रहूँ मैं तारा बनकर, घर में सब मुझको […]
अनाथ-आश्रम और वृद्ध-आश्रम को, यदि एक कर दिया जाए, इसी बहाने बच्चों को माँ और, माँ को बच्चे मिल जाएं,
माँ,मेरे सपनों में पंख लगा दो आज, मै भी पहनना चाहती हूँ कामयाबी का ताज, बेटी समझकर पैरों में ना
हम हार जाएं तो वो फिर से जीता सकता है , माँ के बाद हमारा सच्चा हमदर्द, सिर्फ पिता ही
तस्वीर छू कर माँ की, आंसू बहाने का क्या फायदा, जीते जी निभा लेता अगर तूं, माँ की सेवा करने
सपनों का साथी-पिता (sapnon ka sathi-pita), सपनों को पूरा करता-पिता , पिता देखता है सपने आसमान से ऊँचें, मेरे उन
यादों की दास्तान (yaadon ki dastaan ) पुरानी है , आज माँ की आँखों में पानी है , जिस माँ
ना ग़मों का अँधेरा हो , हर पल खुशियों का सवेरा हो , मै जब भी देखूं तुमको , माँ
अपने आँचल में छिपा ले मुझको (apne aanchal me chhipa le mujhko ) माँ अपने गले से लगाले मुझको ,
कैसे कटते है एक-एक दिन, किस हाल में हम जीते हैं, दुनिया के सब रंग गायब हो जाते हैं उनके,