बस एक निशानी (ek nishani ) : एक सच्ची ख्वाहिश
माँ दूर करो सब चिंता-परेशानी, मैं जब तुम से हो जाऊंगी बेगानी, बस मुझे प्यारी-सी एक निशानी (ek nishani ) […]
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माँ दूर करो सब चिंता-परेशानी, मैं जब तुम से हो जाऊंगी बेगानी, बस मुझे प्यारी-सी एक निशानी (ek nishani ) […]
मेरी माँ ने आगे बढ़कर उसे गले लगा लिया है, दिल से अपनी बहू को बेटी बना लिया ( bahoo
चिड़ियां मिट्टी में नहाने लगती है, मंदिर से घंटीयो की मधुर आवाज आने लगती है जब मेरी माँ के प्यारे
वो माँ का सम्मान करती है, उसका सम्मान करना मेरी जिम्मेदारी है, वो मेरा आधा अंग (Mera aadha ang )
हर पल मीठा खाना मीठा बोलना, माँ को बहुत भाता है, जब भी बोले हर शब्द में मिठास (har shabad
हंसते हुए जीने की कला (jeene ki kla), हंसकर स्वीकारा जितना भी मिला, ये उपहार मैंने माँ की कोख से
माँ आप से कहनी है एक बात, पिता (pita ) हमारे लिए सर्दी देखें ना बरसात, उसे पलकों पर
कोई चँदा मामा से कह दो, रौशन कर दे अपनी चाँदनी से, रातें जो काली-काली हैं, काले-घने बादलों से
मानों मेरी हर मन्नत पूरी हो गई, मेरे मन पर छप गई है, उसकी मीठी बोली की छाप, मेरे मन
कंश की कारावास में श्री कृष्ण का जन्म ( shree krishna ka janm ) भगवान श्री