बड़ी माँ का पहरा ( badi maa ka pahra ) : सुरक्षा का घेरा
पुराने जमाने की पढ़ी-लिखी है, जुबां की थोड़ी-सी तीखी हैं, मैले कपड़ों से परहेज़ है, बड़ी माँ का पहरा […]
पुराने जमाने की पढ़ी-लिखी है, जुबां की थोड़ी-सी तीखी हैं, मैले कपड़ों से परहेज़ है, बड़ी माँ का पहरा […]
कच्चे घरों की दास्तान ( kachche gharon ki dastan ), मुझे सुनाओ बड़ी माँ अपनी जुबान, सच में मिट्टी की
मेरी नटखट चुटकी (natkhat chutaki ) क्यों बैठी है मुंह फुलाकर, अपना प्यारा-सा चेहरा एक तरफ घूमाकर, छोटी-छोटी बात पर
छोटे से हमारे गाँव में, पीपल की घनी छाँव में, मेरी बड़ी माँ बैठी मिलती है, हम उसको अपनी
घर की बड़ी बेटी होने का अभिमान है, बेटों के जैसे पली हूँ, पाँव जमीं पर हैं मेरे, मैं आसमान