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आसमान की परी नहीं (asman ki pari nahin)

आसमान की परी नहीं (asman ki pari nahin) : बेटी का सम्मान

मैं आसमान की परी नहीं (asman ki pari nahin),
कभी किसी मुश्किल से डरी नहीं,
मुझे पिता से मिला ये प्यारा नाम,
मैं बातें करती बड़ी-बड़ी नहीं,
*       *         *         *         *

आसमान की परी नहीं (asman ki pari nahin)  :पैर जमीन पर 

पिता सरोवर प्यार का,
वो रखता ख्याल मेरे हर अधिकार का,
मैं सपनों में नहीं जीती हूँ,
हकीकत से रिश्ता है जुड़ा,
मेरे सारे परिवार का,
पिता हर घड़ी परी-परी कहकर,
मुझको लाड़ लड़ाते हैं,
क्या कहना है क्या सहना है,
ये मुझको हर पल समझाते हैं,
मेरे पिता का सर कभी झुक जाए,
ये मुझको स्वीकार नहीं,
बेटा-बेटी में भेद करें,
ऐसा मेरा परिवार नहीं,
मान-सम्मान परिवार का,
ये मेरी भी जिम्मेदारी है,
अकेले परिवार की ये जिम्मेदारी नहीं,
मैं आसमान की परी नहीं (asman ki pari nahin) ,

कभी किसी मुश्किल से डरी नहीं,
मुझे पिता से मिला ये प्यारा नाम,
मैं बातें करती बड़ी-बड़ी नहीं,
*         *         *         *       *      

मैं पिता के लिए तो क्या बोलूं,
वो मेरा पालनहार हैं,
मुझे परियों के जैसे पाला है,
पिता ही मेरा संसार है,
उसके दिल के हर कोने में,
सिर्फ मैं ही मैं बस्ती हूँ,
पिता का चेहरा खिल जाता है,
जब मैं खिल-खिलाकर हंसती हूँ,
ऐसा पल नहीं कोई मेरे जीवन का,
जब पिता ने मेरी झोली खुशियों से भरी नहीं,
मैं आसमान की परी नहीं (asman ki pari nahin) ,                                                                                                                                                        कभी किसी मुश्किल से डरी नहीं,
मुझे पिता से मिला ये प्यारा नाम,
मैं बातें करती बड़ी-बड़ी नहीं,
*       *        *        *       *
माँ का प्यार मेरे हिस्से में,
सबसे ज्यादा आया है,
मैंने अपने जीवन का,
माँ को राजदार बनाया है,
माँ का रिश्ता मेरे साथ,
एक सहेली के जैसा है,
मैं माँ से कुछ भी छुपाती नहीं,
मेरा जीवन एक सुलझी हुई पहेली के जैसा है,
मैं दादा -दादी से कहानियां सुनकर बड़ी हुई,
मुझको रखतें हैं वो ऐसे,
जैसे मैं हूँ किमती अंगुठी हीरे की जड़ी हुई,
मैं आसमान की परी नहीं (asman ki pari nahin) ,
कभी किसी मुश्किल से डरी नहीं,
मुझे पिता से मिला ये प्यारा नाम,
मैं बातें करती बड़ी-बड़ी नहीं,
*       *        *       *        *

आसमान की परी नहीं (asman ki pari nahin) : पैर जमीन पर   
   
आसमान की परी नहीं (asman ki pari nahin)
आसमान की परी नहीं (asman ki pari nahin)
                         

मेरी हार को जीत में बदल दे,
नफरत को जो प्रीत में बदल दे ,
मैं उस माँ की बेटी हूँ,
मेरे सर रखे सदा प्यार से हाथ,
वो दिल से सुने मेरी हर बात,
मैंने माँ से प्यार बांटना सिखा है,
कोई बदल नहीं सकता,
जो तक़दीर में लिखा है,
मैं छोटी-छोटी बात पर,
कभी मात-पिता से लडी नहीं,
मैं आसमान की परी नहीं (asman ki pari nahin) ,
कभी किसी मुश्किल से डरी नहीं,
मुझे पिता से मिला ये प्यारा नाम,
मैं बातें करती बड़ी-बड़ी नहीं,
*       *       *       *      *
रंग-बिरंगे फूलों के जैसे,
मात-पिता ने मेरे जीवन को रंग दिया है,
मेरे हर काम को मात-पिता ने,
हमेशा दिल से पसंद किया है,
मैं उड़ती नहीं ज्यादा आसमान में,
मेरे पैर हमेशा जमीन पर रहते हैं,
हर पल पोंछने को तैयार रहते हैं वो,
जब भी मेरी आँखों से आंसू बहते हैं,
प्यार और विश्वास की ये मजबूत डोरी है,
कोई कच्चे धागे की डोरी नहीं,
मैं आसमान की परी नहीं (asman ki pari nahin),
कभी किसी मुश्किल से डरी नहीं,
मुझे पिता से मिला ये प्यारा नाम,
मैं बातें करती बड़ी-बड़ी नहीं,
*      *      *       *       *
मैं लाडली हूँ मात-पिता की,
मुझे रखतें हैं बनाकर आँखों का काजल,
बड़ा प्यारा माहोल है घर का हमारे,
मात-पिता के प्यार के मुझ पर,
दिन-रात बरसते हैं बादल,
दिल में घर है मेरा परिवार के हर सदस्य के,
मैं एक पल में ढूंढ लेती है,हल हर समस्या के,
मैं रहती हूं मात-पिता के ,
दिल की धड़कन बनकर,
मैं अपने घर में करती हूँ दिनभर मस्ती जमकर,
मैं जमीं से जुड़कर रहती हूँ,
कभी आसमान में उड़ी नहीं,
मैं आसमान की परी नहीं (asman ki pari nahin) ,
कभी किसी मुश्किल से डरी नहीं,
मुझे पिता से मिला ये प्यारा नाम,
मैं बातें करती बड़ी-बड़ी नहीं,
*       *       *       *        *
creater-राम सैणी
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2 thoughts on “आसमान की परी नहीं (asman ki pari nahin) : बेटी का सम्मान”

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