मीठी-मीठी बातों से बचकर रहना,
वक्त कैसा भी हो हंसकर रहना,
हर किसी पर एतबार ना कर,
बेटी को है माँ की एक अनमोल सलाह ( anmol salah ),
छोटी-छोटी बातों पर तकरार ना कर,
* * * * *
हर किसी की निगाहों को पड़ना सीख ले,
सच के साथ खडना सीख ले,
जिस काम के लिए दिल गवाही ना दे,
उस काम में ना बोलना सीख ले,
नर्म बनकर रहना ठीक है,
आँखों में शर्म रखना ठीक है,
लेकिन एक सीमा तक,
चुप रहना भी एक कला है,
सबकी सुनना भी एक कला है,
लेकिन एक सीमा तक,
रिश्ते चलते हैं थोडा झूकने से,
जब तक हो सके झूककर रहना,
मीठी-मीठी बातों से बचकर रहना,
वक्त कैसा भी हो हंसकर रहना,
हर किसी पर एतबार ना कर,
बेटी को है माँ की एक अनमोल सलाह ( anmol salah ),
छोटी-छोटी बातों पर तकरार ना कर,
* * * * *
मर्यादा में सदा रहना,
मर्यादा है बेटी का गहना,
मीठी हो तेरे मुख की वाणी,
हर बात पर मत करना नादानी,
एक माँ की चिंता बढ़ जाती है,
जब बेटी हो जाए शयानी,
जिस जगह तुम ग़लत नहीं हो,
उस बात पर तुम ढटकर रहना,
मीठी-मीठी बातों से बचकर रहना,
वक्त कैसा भी हो हंसकर रहना,
हर किसी पर एतबार ना कर,
बेटी को है माँ की एक अनमोल सलाह ( anmol salah ),
छोटी-छोटी बातों पर तकरार ना कर,
* * * * *
ससुराल का घर अपने घर से,
थोड़ा हटकर होता है,
ससुराल का घर हो या अपना घर,
सब काम मिलकर होता है,
नाराज़गी मत रखना मन में,
सदा ताजगी रखना मन में,
कोई बात जो मन को चुब जाए,
दोनों में कोई एक अगर झुक जाए,
फिर घर का माहोल शांत रहता है,
यदि हर काम को कल पर टालकर रखोगी,
नफ़रत मन में पालकर रखोगी,
फिर सारा दिन मन अशांत रहता है,
जिस बात से मन बेचैन हो,
वो बात सदा खुलकर कहना,
मीठी-मीठी बातों से बचकर रहना,
वक्त कैसा भी हो हंसकर रहना,
हर किसी पर एतबार ना कर,
बेटी को है माँ की एक अनमोल सलाह ( anmol salah ),
छोटी-छोटी बातों पर तकरार ना कर,
* * * * *
अनमोल सलाह ( anmol salah ) : बेटी तू मजबूत बन

चिंता-परेशानी होना ये आम बात है,
थोड़ी-बहुत तूं-तूं, मै-मै होना ये आम बात है,
मात-पिता का हाथ हटेगा जब सर से,
जिस दिन तेरी डोली जाएगी इस घर से,
थोड़ी खुशी थोड़े डर के मिले-जुले भाव रहेंगा,
नए माहोल में खुद को डालना,
धीरे-धीरे खुद को बदलना,
थोड़ा वक्त तो लगेगा,
एक बेटी को बचपन के घर से,
सदा लगाव तो रहेगा,
घर में सदा सबकी चहेती बन कर रहना,
मीठी-मीठी बातों से बचकर रहना,
वक्त कैसा भी हो हंसकर रहना,
हर किसी पर एतबार ना कर,
बेटी को है माँ की एक अनमोल सलाह ( anmol salah ),
छोटी-छोटी बातों पर तकरार ना कर,
* * * * *
आपकी हर बात माँ सर आँखों पर है,
मै अमल करुंगी आपकी बातों पर,
तेरे दिए संस्कारों का माँ,
मेरे जीवन पर गहरा असर है,
मुझे आपकी भावनाओं की दिल से कद्र है,
मेरे जीवन में जब कभी भी,
खुशी या गम के पल आएंगे,
आपके दिए संस्कार हमारे काम आएंगे,
मैं आपके दिल का टुकडा बनकर रही हूँ,
मेरे मुख पर ना आने दिया,
आपने कभी ग़म की लकीरों को,
शायद ही आप के जैसा कोई अमीर हो,
मैं सीख गई हूँ कैसा जीवन में,
मुझे खिलखिला कर है रहना,
मीठी-मीठी बातों से बचकर रहना,
वक्त कैसा भी हो हंसकर रहना,
हर किसी पर एतबार ना कर,
बेटी को है माँ की एक अनमोल सलाह ( anmol salah ),
छोटी-छोटी बातों पर तकरार ना कर,
* * * *
माँ जब तक चलेगी हमारी सांस,
जब तक धडकेगी इस सीने में धड़कन,
मैं चलूंगी आप के पद चिन्हों पर,
ये आसमान गवाह होगा,
मुझे रखना है अगर घर को घर बनाकर तो,
आपके पद चिन्हों पर चलना होगा,
मुझे आप के जैसे ही मीठे पानी की,
झील बनकर बहना,
मीठी-मीठी बातों से बचकर रहना,
वक्त कैसा भी हो हंसकर रहना,
हर किसी पर एतबार ना कर,
बेटी को है माँ की एक अनमोल सलाह ( anmol salah ),
छोटी-छोटी बातों पर तकरार ना कर,
* * * * *
creation-राम सैणी
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