मैं आज नींद से जागी हूँ,
मैं एक परी अभागी हूँ,
कौन सुने अभागी परी की पुकार (abhagi pari ki pookar),
जीना हुआ मेरा दुषवार,
बिखर गया हमारा परिवार,
* * * *
मेरी दुनिया में जैसे हीं आना हुआ,
माँ का इस दुनिया से जाना हुआ,
मैं जिस आंचल में खेलती थी कभी,
अब वो भी मुझसे बेगाना हो गया,
माँ की बहुत याद आती है,
मुझे सारी रात जगाती हैं,
माँ सपने में हर रोज मुझसे बात करना,
अपने गले से लगाती है,
बिन माँ के बच्चों संग ये दुनिया,
बुरा करे व्यव्हार,
मैं आज नींद से जागी हूँ,
मैं एक परी अभी हूँ,
कौन सुने अभागी परी की पुकार (abhagi pari ki pookar),
जीना हुआ मेरा दुषवार, ,
बिखर गया हमारा परिवार,
* * * *
छोटी,उम्र मेरा कोमल मन,
दो आँखें तरसती है माँ के प्यार को,
सूना घर अकेली जान,
मैं बहुत याद करती हूँ अपने परिवार को,
काले घनघोर बादलों में,
बिजली की गर्ज डराती है मुझे,
मैं आँखें बंद कर लेती हूँ तो यूं लगता है,
जैसे माँ आकर अपने सीने से लगाती है मुझे,
चीर कर आ जाओ बादलों को माँ,
फिर से मुझे गले से लगाओ माँ एक बार,
मैं आज नींद से जागी हूँ,
मैं एक परी अभागी हूँ,
कौन सुने अभागी परी की पुकार (abhagi pari ki pookar),
जीना हुआ मेरा दुषवार,
बिखर गया हमारा परिवार,
* * * *
माँ का साथ भी छूट गया,
पिता का साया भी नहीं,
एक नन्ही सी परी को,
अभी संभलना आया भी नहीं,
हर रोज उठती हूँ हर रोज़ गिरती हूँ
ना कोई हाथ पकड़ उठाए मुझे,
जीवन की राहों पर चलना है कैसे,
ये माँ के सिवा कौन समझाए मुझे,
जब बातें करने का मन हो मेरा,
मैं बातें करती हूँ चमकते सितारों से,
जब खेलने का मन करता है मेरा,
मैं खेलती हूँ माँ तुम्हारे दिए उपहारों से ,
बिन तुम्हारे माँ घर में छाया है अंधकार,
मैं आज नींद से जागी हूँ,
मैं एक परी अभागी हूँ,
कौन सुने अभागी परी की पुकार (abhagi pari ki pookar),
जीना हुआ मेरा दुषवार,
बिखर गया हमारा परिवार
* * * *अभागी परी की पुकार (abhagi pari ki pookar) :माँ के बिन
अभागी परी की पुकार (abhagi pari ki pookar)
मेरे मन में छूपे हैं सवाल कंई
मैं जवाब मांगु तो किस से,
क्यों छोड़ गए हैं साथ मेरा,
मेरे सब चाहने वाले,
ये हिसाब मांगु तो किस से,
ठोकरों ने जीना सिखाया है,
अपने कौन गैर है कौन,
ये अब समझ में आया है,
माँ जब भी तुम से प्यार करने को मन करे,
मैं चूम लेती हूँ तस्वीर तुम्हारी हर बार,
मैं आज नींद से जागी हूँ,
मैं एक परी अभागी हूँ,
कौन सुने अभागी परी की पुकार (abhagi pari ki pookar),
जीना हुआ मेरा दुषवार,
बिखर गया हमारा परिवार,
* * * *
घर सुनसान है माँ के बिन,
ये परी परेशान हैं माँ के बिन,
मुझे ठोकरों ने पाला है,
फिर भी मेरे मुख पर रहता उजाला है,
उसका बाल भी बांका ना हो पाए,
नीले आसमान वाला जिसका रखवाला है,
मैं अब हवा के झोंके से डरती नहीं,
मैंने अकेले जीना अब सीख लिया,
अब मैं शिकवे -शिकायत करती नहीं,
मैंने अकेले जीना अब सीख लिया,
याद आता है हर पल माँ तुम्हारा प्यार,
मैं आज नींद से जागी हूँ,
मैं एक परी अभागी हूँ,
कौन सुने अभागी परी की पुकार (abhagi pari ki pookar),
जीना हुआ मेरा दुषवार,
बिखर गया हमारा परिवार,
* * * *
तेरा ये प्यारा चेहरा माँ,
हर पल मेरी आँखों के आगे रहता है,
कोई कहे इस रिश्ते को माँ की ममता,
कोई प्यार के धागे कहता है,
माँ आज भी हमारे आंगन में,
तेरे कदमों के निशान दिखाई देते हैं,
बिन माँ के बच्चे हर पल,
परेशान दिखाई देते हैं,
हर रोज रात सपने में ही सही,
माँ मुझे सीने से लगाकर कर प्यार,
मैं आज नींद से जागी हूँ,
मैं एक परी अभागी हूँ,
कौन सुने अभागी परी की पुकार (abhagi pari ki pookar),
जीना हुआ मेरा दुषवार,
बिखर गया हमारा परिवार,
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