मेरे पैरों में ना डालो बेड़ियां हर बार,
मुझ पर भी किया करो ,
माँ बंद आँखों से एतबार (maa band aankhon se etbar),
* * * * * * * *
एक माँ की दिल की बेचैनी,
शायद तुम जान ना पाओगी,
माँ को है पूरा एतबार तुझ पर,
तुम कोई भी ग़लत कदम ना उठाओगी,
हर पल हर घड़ी दिल में,
एक हलचल-सी रहती है,
तेरी इस माँ के दिल में फिक्र तेरी,
हर पल ही रहती है,
दिल चीर के अपना बोल बेटी,
तुझे कैसे दिखाऊं तुम बताओ,
मैं गहरी नींद में ओढ़कर चादर,
सोऊं कैसे तुम बताओ,
तुम बताओ मुझको जरा,
मैं दिल को संभालूं अपने कैसे,
दिल मेरा डरता है बार-बार,
मेरे पैरों में ना डालो बेड़ियां हर बार,
मुझ पर भी किया करो ,
माँ बंद आँखों से एतबार (maa band aankhon se etbar),
* * * * * * * *
रंग उड़ा रहता है मेरे चेहरे का,
जब तक तुम घर से बाहर रहती हो,
एक अजीब -सा डर खडा रहता है,
मेरे दिल की चौखट पर,
जब तक तुम घर से बाहर रहती हो,
बेटी के सम्मान से बढ़कर,
ना कोई हीरा-मोती है,
एक माँ तड़फ उठती है बेटी को देखकर,
जब भी बेटी तकलीफ़ में होती है,
माँ-बेटी का ये बन्धन है ऐसा,
एक -दुजे से जुड़े हैं दिल के तार,
मेरे पैरों में ना डालो बेड़ियां हर बार,
मुझ पर भी किया करो ,
माँ बंद आँखों से एतबार (maa band aankhon se etbar),
* * * * * * * *
मेरी रगों में दौड़ता है माँ लहू तेरा,
तुमको हो जिस पर अभिमान बहुत,
मैं वो बेटा बनूं तेरा,
सर तुम्हारा मैं कभी झुकने ना दूंगी,
हर काम चलेगा घर का हमारे हवा के जैसे,
मैं कोई भी काम घर का अपने रूकने ना दूंगी,
तेरा प्यार माँ तेरा एतबार माँ,
मुझ पर यूं ही कायम रहेगा,
मुझे आज भी तुम्हारी लाज भी,
प्राणों से अपने है प्यारी,
ये वादा हर पल मुझको माँ याद रहेगा,
माँ कभी ना भूलेगी तेरी बेटी,
ये तेरा पावन प्यार,
मेरे पैरों में ना डालो बेड़ियां हर बार,
मुझ पर भी किया करो ,
माँ बंद आँखों से एतबार (maa band aankhon se etbar),
* * * * * * * *
माँ बंद आँखों से एतबार (maa band aankhon se etbar) : बेटी का स्वाभिमान
माँ तुमहारी बेटी अपने स्वाभिमान के लिए,
एक पर्वत से भी लड सकती है ,
यदि आंच आए कभी स्वाभिमान पर मेरे,
तुम्हारी बेटी एक हद से आगे भी बढ़ सकती है,
मैं सर पर दूपट्टा रखतीं हूँ ,
लाज-शर्म मेरा गहना,
तुम हो मेरी सांसों की जननी,
माँ तेरे दिल में सदा फूल बनकर रहना है,
याद है मुझे सब कसमे-वादे,
याद है मुझे अपना पालनहार,
मेरे पैरों में ना डालो बेड़ियां हर बार,
मुझ पर भी किया करो ,
माँ बंद आँखों से एतबार (maa band aankhon se etbar),
* * * * * * * *
मैंने खोल दिए दिल के दरवाज़े,
हमारी लाज अब तुम्हारे हाथों में,
जीवन का हर रंग समझा दिया,
मेरी प्यारी बेटी मैंने तुमको बातों ही बातों में,
मेरे सब्र का ना लेना,
कभी भूल से भी इम्तिहान,
एक माँ लिए है सबसे ऊपर,
अपने घर की आन और बान,
बेटी आँखों का काजल है,
काजल ही बनकर सदा रहना तुम,
हर बेटी पर माँ अभिमान करें,
कभी उनकी आँखों से,
मत आंसू बनकर बहना तुम ,
कभी टूटने ना पाए एक माँ का एतबार,
मेरे पैरों में ना डालो बेड़ियां हर बार,
मुझ पर भी किया करो ,
माँ बंद आँखों से एतबार (maa band aankhon se etbar),
* * * * * * * *
माँ को बनाए रखना तुम,
अपने जीवन का राजदार,
ये माँ करती है अपनी बेटी से,
एक सखी के जैसा व्यवहार,
मैंने बेमतलब नहीं लगाईं हैं,
तुम पर बंदिशें कंई हजार,
तेरे जीवन पर मेरा पूरा हक है,
मैं तेरे जीवन की हूँ हकदार,
मेरे पैरों में ना डालो बेड़ियां हर बार,
मुझ पर भी किया करो ,
माँ बंद आँखों से एतबार (maa band aankhon se etbar),
* * * * * * * *
creater-राम सैणी
must read: एक प्यारी-सी परी(ek pyari si pari)
must read: संजीवनी बूटी (sanjivini booti)