एक चंचल -सी गुडिया,
भगवान को लिख बैठी है,
वो एक चिठ्ठी प्यार भरी,
* * * *
मैंने बोलते सुने हैं यहाँ कंई इन्सान,
बच्चों की जल्दी सुन लेते हैं भगवान,
मुझ पर करना कुछ एहसान जी,
मैं तुम्हारे सिवा और किसे सुनाऊं,
अपना दुख हे भगवान जी,
मेरी माँ को बोलना आप भगवान,
बिन माँ के ये नन्ही-सी परी ,
हर दिन रहती है परेशान,
सूनी हमारी हवेली रहती है,
आसमान को छूती हवेली में,
माँ आपकी नन्ही सी परी अकेली रहती है,
मुझे ना कोई सीने लगाए,
ना ही देखे कोई एक नजर प्यार भरी,
एक चंचल -सी गुडिया,
एक प्यारी-सी परी (ek pyari si pari)
भगवान को लिख बैठी है,
वो एक चिठ्ठी प्यार भरी,
* * * *
आँखों से आंसू बहते रहते हैं ,
जितने भी गम मिलें हैं ,
सब सर झुकाकर हम सहते रहते हैं ,
मुझे ना कोई सुबह उठाता है,
ना अपने सीने से लगाकर ,
कोई प्यार जताता है
मैं हूँ कितनी अभागन माँ,
मुझे हर कोई ये सुनाता है,
मैं रात को सोने जाती हूँ,
पर आँखों में नींद नहीं,
कोई देगा मुझे तुम्हारे जैसा प्यार,
इसकी बिल्कुल भी उम्मीद नहीं,
मैं रात को सोती हूँ माँ,
एकदम डरी-डरी,
एक चंचल -सी गडिया,
भगवान को लिख बैठी है,
वो एक चिठ्ठी प्यार भरी,
* * * *
मेरे खेलने को मन करता है माँ,
मैं खेलने जाती हूँ जहाँ,
सब पनोती बोल बोलकर,
मुझे सब लोग चिड़ाते है यहाँ,
मैं अपनी चौखट पर बैठी रहती हूँ,
दिल में एक बोझ लिए,
मैं नहीं आती इस दुनिया में ,
शायद माँ भी नहीं जाती इस दुनिया से,
मैं खुद को दोषी मानती हूँ,
आँखों में आंसू हर रोज लिए,
किस्मत कैसी पाई है मैंने भगवान जाने,
मैं कैसी हूँ परी,
एक चंचल -सी गुडिया,
एक प्यारी-सी परी (ek pyari si pari)
भगवान को लिख बैठी है,
वो एक चिठ्ठी प्यार भरी,
* * * *
एक प्यारी-सी परी (ek pyari si pari) : मासूमियत से लिखी चिट्ठी
मासूमियत हवा के झोंके से भी डरी हूँ माँ,
मैं देख ना सकी मुख भी तुम्हारा,
मैं कितनी अभागन परी हूँ माँ,
मैंने एक चिठ्ठी भेजी है भगवान के हाथ,
तुम पड़ लेना उसे लगाकर,
अपने सीने के साथ,
मुझे तुम्हारे जवाब का रहेगा इंतजार,
माँ मैं तुम से करती हूँ
एक प्यारी-सी परी (ek pyari si pari)

तुम जवाब नहीं दोगी तो ,
ये मेरी चिठ्ठी होगी आख़री,
एक चंचल -सी गडिया,
भगवान को लिख बैठी है,
वो एक चिठ्ठी प्यार भरी,
* * * *
परी की पड़कर प्यारी चिठ्ठी,
डाकीया बहुत हुआ हैरान,
चिठ्ठी पर पता लिखा था,
नीले आसमान वाले भगवान,
चिठ्ठी का जवाब पड़ने को,
एक नन्ही सी परी लगाए बैठी थी आस,
डाकीया खुद लिखकर दे आया,
ये सोचकर कहीं टूट ना जाए,
एक नन्ही सी परी का भगवान से विश्वास,
कुछ पैसे कुछ खेल -खिलोने पाकर,
एक प्यारी चिठ्ठी के साथ,
वो नन्ही सी परी नाचनें लगी,
उठाकर अपने दोनों हाथ,
पहली बार मिली है मुझे,
इतनी प्यारी खुश-खबरी,
एक चंचल -सी गुडिया,
एक प्यारी-सी परी (ek pyari si pari)
भगवान को लिख बैठी है,
वो एक चिठ्ठी प्यार भरी,
* * * *
माँ ने लिखा सुन नन्ही परी,
मैं रहुंगी हर पल साथ तेरे,
जब भी आएगी आँखों में नींद तेरे,
मैं सर पर रखूंगी हाथ तेरे,
जब भी हो मन परेशान तेरा,
अपनी आँखेँ बंद कर लेना,
सपनों में आकर मुझ से बातें चंद कर लेना,
हर रोज लिखो एक चिठ्ठी में,
अपने किस्से नादान,
तेरी चिठ्ठी मुझ तक पहुंचाते हैं,
नीले आसमान वाले भगवान,
मेरा मन खुश हो जाता है,
तेरी बातें सुनकर खरी-खरी,
एक चंचल -सी गडिया,
एक प्यारी-सी परी (ek pyari si pari),
भगवान को लिख बैठी है,
वो एक चिठ्ठी प्यार भरी,
* * * *
creater -राम सैणी
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