google.com, pub-4922214074353243 DIRECT, f08c47fec0942fa0

सच्चा परिवार, सच्चा प्यार (sachha parivaar ,sachha pyar )

मुझे भेजना घर ऐसे जहाँ,
हर आँख का रहूँ मैं तारा बनकर,
घर में सब मुझको करते प्यार हों,
*    *      *      *       *
बेटी माँ की नक़ल उतारती हुई
सच्चा परिवार, सच्चा प्यार (sachha parivaar ,sachha pyar )

सर आँखों पर बिठाकर रखें,
मुझको सारा परिवार,
हाथ जोड़कर,सर को झुका कर,
मैं विनती करूं तुम से हे पालनहार,
जो हर पल तरसे बेटी का प्यार पाने को,
जो सावन की तरह बरसे ,
बेटी पर प्यार जताने को,
उस परिवार से जोड़ना नाता मेरा,
जहाँ बात -बात पर कोई,
दिल ना दुखाता हो मेरा,
एक छोटे-से प्रहार से,
बहुत दुखता है दिल मेरा,
मुझको नाजुक बहुत बनाया है तुमने,
कुछ भी छुपा नहीं सकता है दिल मेरा,
घर में छोटा हो या बड़ा, 
सबके ऊपर मेरी ही चलती सरकार हो,
मुझे भेजना घर ऐसे जहाँ,
हर आँख का रहूँ मैं तारा बनकर,
घर में सब मुझको करते प्यार हों,
*     *       *       *       *
ना भेजना उस घर मुझे जहाँ,
बेटियों को लम्बी कतार हो,
उस घर से रखना दूर मुझे,
जहाँ बेटियों का तिरस्कार हो,
ना मेरा हो कोई दुख बांटने वाला,
ना मेरा कोई पहरेदार हो,
मत रोलना मुझे किसी के पैरों में,
जहाँ मेरे लिए कोई जगह ना हो,
किसी के दिल के गलियारों में,
बस इतनी कृपा बनाए रखना,
मेरा जीवन ना गुजरे दुख के अंधियारों में,
उस माँ की देना कोख मुझे,
जो कसी भी बात पर,
ना करने दे कोई शोक मुझे,
मेरी छोटी-छोटी गलतियों पर,
बेशक दे टोंक मुझे,
उसकी सांसें चलती हों मेरी सांसों के साथ,
जो भी मेरा पालनहार हो,
मुझे भेजना घर ऐसे जहाँ,
बेटी का सत्कार हो,
हर आँख का रहूँ मैं तारा बनकर,
घर में सब मुझको करते प्यार हों,
*     *       *       *      *
जिस माँ की गोद हो खाली,
जो तेरे चरणों में रहे हर पल लेटी,
इस बात का उसे कोई पछतावा ना हो,
उसकी गोद में खेले बेटा हो चाहे बेटी,
मेरी झोली में क्यों डाल दी बेटी,
जिस माँ को कभी ये शिकवा ना हो,
जिसके माथे पर लकीरें आएं,
बेटी के मुख को देखकर,
ऐसी कोख से मेरा कभी कोई रिश्ता ना हो,
जिस घर में पड़े मेरे पाँव,
मेरे सर पर रहे सदा उस घर की छाँव,
जिस माँ का आँचल तडफे मेरे लिए,
जो माँ सबसे लड ले मेरे लिए,
जो करें मेरी दिल से देखभाल,
मुझको उस माँ की झोली में डाल,
हे पालनहार, मुझे भेजना उसके द्वार,
जहाँ बेटी की आने की खुशी में,
झूमता सारा परिवार हो,
मुझे भेजना घर ऐसे जहाँ,
बेटी का सत्कार हो,
हर आँख का रहूँ मैं तारा बनकर,
घर में सब मुझको करते प्यार हों,
*      *       *      *       *

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top