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प्यार भरी पहली मुलाकात (pyar bhari pahli mulakat )

प्यार भरी पहली मुलाकात (pyar bhari pahli mulakat )

पहली बार जिस सूरत को देखा,
वो थी एक मुस्कराती हुई माँ,
मेरे दिल का टुकड़ा है तूं,
बोली मुझे अपनी बाहों में उठाती हुई माँ ,
*      *       *         *       *         *
माँ ने रखा जब मेरे सर पर हाथ ,
जब छुआ माँ ने मुझे पहली बार,
चूमकर मेरा माथा सौ-सौ बार,,
मुझे लगाया अपने सीने से,
मुझ पर अपने दुपट्टे का पर्दा डालकर,
अपनी दोनों बांहों से मुझे संभालकर,
मुझे दूध पिलाया अपने सीने से,
माँ के अमृत रुपी पावन दूध को,
मैंने होंठों से छुआ जब पहली बार,
जो माँ की कोख में दिखता था ,
मुझे एक उजाला बनकर,
मैं थोड़ा मुस्कराया देखकर,
ईश्वर का ये प्यारा अवतार,
पहली बार देखा मैंने माँ को चिड़ियों के जैसे,
मेरे मुख में एक एक निवाला खिलाती हुईं माँ,
वो थी एक मुस्कराती हुई माँ,
मेरे दिल का टुकड़ा है तूं,
बोली मुझे अपनी बाहों में उठाती हुई माँ,
*      *       *       *        *      *
माँ के सीने से लगते ही ,
मुझे एक नया एहसास हुआ,
जैसे मेरे सूने जीवन में ईश्वर का प्रकाश हुआ,
मै चाहकर भी नहीं भूल पाउँगा ,
मेरे आँखों में बस गई है ईशवर की ये कीमती सौगात ,
माँ मेरे सर पर हाथ फेरकर,
वो मुझे धीरे धीरे सहलाती रही,
मुझे प्यार भरी थपकी देकर धीरे धीरे सुलाती रही,
मैंने पहली बार देखा उस मूरत को,
मुझे मेरे अनगिनत नामों से पुकारती हुई माँ,
पहली बार जिस सूरत को देखा,
वो थी एक मुस्कराती हुई माँ,
मेरे दिल का टुकड़ा है तूं,
बोली मुझे अपनी बाहों में उठाती हुई माँ,
*        *       *         *        *         *

प्यार भरी पहली मुलाकात (pyar bhari pahli mulakat )

एक बच्चे का सबसे पहला एहसास

पहली बार जब मैंने सूने,
माँ के मिस्री से मीठे बोल,
मेरे इस नीरस छोटे से जीवन में,
माँ ने अपनी प्रीत का रस दिया घोल,
मेरे नन्हें -नन्हे हाथों को छूकर,
चमकने लगता है माँ का चेहरा,
माँ के प्यार की गर्माहट से,
तन-मन खिलने लगता है मेरा,
मैं सोऊं तो माँ सोए मैं जागूं तो माँ जागे,
माँ को लिपटकर सोने से,
एक पल में मेरा डर भागे,
मैंने पहली बार देखी  एक मूरत ,

मेरे मुख पर जादुई फूंक मारती हुई माँ ,

पहली बार जिस सूरत को देखा,
वो थी एक मुस्कराती हुई माँ,
मेरे दिल का टुकड़ा है तूं,
बोली मुझे अपनी बाहों में उठाती हुई माँ,
*       *         *            *           *
मुझे आँखों से ना‌ करे माँ एक पल भी दूर,
ना किसी पर एतबार करें
अपने बेटे से ना एक पल भी दूर रहूं,
माँ मन ही मन ये विचार करे,
मेरे नयनों में लगाए माँ काजल की धार
कोई छू ना पाए मुझे बूरी नजर,
हर पल सुरक्षित रखती है माँ घर का द्वार,
मेरा बिस्तर गीला माँ होने ना दे,
मुझको बे-मतलब रोने ना दे,
हर रोज मुझे मीठी लोरी सुनाती थी,
मुझे अपनी बाहों में झुलाती हुईं माँ,
पहली बार जिस सूरत को देखा,
वो थी एक मुस्कराती हुई माँ,
मेरे दिल का टुकड़ा है तूं,
बोली मुझे अपनी बाहों में उठाती हुई माँ
*      *        *        *         *
माँ का प्यार इस जग में सबसे निराला है,
माँ ईश्वर की जीती -जागती प्यार की पाठशाला है,
उससे बड़ा गुरू ना कोई,
माँ की सीख अनमोल गहना है,
उसका दिल है एक विशाल समंदर,
मुझे इस समंदर में ही रहना है,
माँ है खजाना प्यार का जो सारी उम्र लुटाए,
ये अनमोल हीरा जो हाथ से छूट गया एक बार,
फिर हाथ मलते रह जाओगे,
ये ना लौटकर आए दो बार,
पहली बार देखा मैंने उस मूरत को,
मुझे दीवानों के जैसे निहारतीं हुई माँ,
पहली बार जिस सूरत को देखा,
वो थी एक मुस्कराती हुई माँ,
मेरे दिल का टुकड़ा है तूं,
बोली मुझे अपनी बाहों में उठाती हुई माँ,

*        *        *      *        *

creater- राम सैणी

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2 thoughts on “प्यार भरी पहली मुलाकात (pyar bhari pahli mulakat )”

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