google.com, pub-4922214074353243 , DIRECT, f08c47fec0942fa0
प्यार की पाठशाला-माँ (pyar ki pathshala-MAA  )

प्यार की पाठशाला-माँ (pyar ki pathshala-MAA  )

उस‌ ईश्वर को मेरा प्रणाम,
जिसने मुस्कराती माँ को बनाया है,
मेरे जीवन का उजाला माँ,
प्यार की पाठशाला-माँ (pyar ki pathshala-MAA  )
मैं क्या बोलूं उस माँ के लिए,
जिस माँ ने मुझे बोलना सिखाया है,
*       *       *         *       *
माँ का रूतबा है सबसे अलग,
माँ की जिस सर पर छाया है,
जिस ने रखा है माँ को सीने से लगाकर
मानों उस इंसान ने सबसे बड़ा पूणय कमाया है
तुम बिन मेरा वजूद है क्या,
तुम हो प्यार की पाठशाला-माँ (pyar ki pathshala-MAA  ),
किस मुंह से करूं मैं गुणगान माँ का,
ईश्वर भी जिस माँ को ना समझ पाए,
इस दुनिया को रचने वाला,
ईश्वर भी माँ के आगे शीश झुकाए,
मेरी हर सांस रहेगी सदा,
माँ के प्यार की करजाई,
जब भी उदास लगे मेरा चेहरा माँ को,
उस‌ ईश्वर को मेरा प्रणाम,
जिसने मुस्कराती माँ को बनाया है,
मेरे जीवन का उजाला माँ,
प्यार की पाठशाला-माँ (pyar ki pathshala-MAA  )
मैं क्या बोलूं उस माँ के लिए,
जिस माँ ने मुझे बोलना सिखाया है,
*       *       *         *       *
माँ की कमी इस जीवन में,
बिन माँ के ना भर पाए,
मैं हूँ कागज की एक कश्ती,
माँ उस कश्ती का किनारा है,
एक पल में निकल आए ,
भंवर में फसी मेरी कश्ती,
मैंने जब भी माँ का नाम लेकर पूकारा है,
मैं क्या जागूं उस माँ की फिक्र में,
जिस जान से प्यारी माँ ने ,
मेरे लिए पूरा जीवन जागकर बिताया है,
उस‌ ईश्वर को मेरा प्रणाम,
जिसने मुस्कराती माँ को बनाया है,
मेरे जीवन का उजाला माँ,
प्यार की पाठशाला-माँ (pyar ki pathshala-MAA  )
मैं क्या बोलूं उस माँ के लिए,
जिस माँ ने मुझे बोलना सिखाया है,
*      *       *       *          *

प्यार की पाठशाला-माँ (pyar ki pathshala-MAA  ) : एक कीमती नगीना

 

 

प्यार की पाठशाला-माँ (pyar ki pathshala-MAA  )
प्यार की पाठशाला-माँ (pyar ki pathshala-MAA  )

 

 

कण-कण में हैं ईश्वर का वास,
हर पल नहीं रह सकता वो हम सब के पास,
माँ है ईश्वर का दुजा रूप,
इसलिए माँ का दर्जा है ,
हमारे जीवन में सबसे खास,
हमारे जीवन की रग-रग,
माँ भली -भांति जानती है
हम बोल भी दें सब ठीक है,
भला माँ कहाँ मानती है,
माँ है चाँद की शीतल रौशनी
जिस ने हर घड़ी हमारे जीवन को चमकाया है,
उस‌ ईश्वर को मेरा प्रणाम,
जिसने मुस्कराती माँ को बनाया है,
मेरे जीवन का उजाला माँ,
प्यार की पाठशाला-माँ (pyar ki pathshala-MAA  )
मैं क्या बोलूं उस माँ के लिए,
जिस माँ ने मुझे बोलना सिखाया है,
*       *       *         *       *
स्वर्ग है माँ के चरणों में,
ये कह गए लोग शयाने ,
माँ की जगह क्या है जीवन में,
बिन माँ के जो जीवन गुजारे,
ये तो बस वो ही जाने,
माँ बिन जीना है दुश्वार,
बिखरा हुआ लगता है सारा परिवार,
उस घर में उजाला बिखरा रहता है,
जिस घर में माँ का साया है,
उस‌ ईश्वर को मेरा प्रणाम,
जिसने मुस्कराती माँ को बनाया है,
मेरे जीवन का उजाला माँ,
प्यार की पाठशाला-माँ (pyar ki pathshala-MAA  )
मैं क्या बोलूं उस माँ के लिए,
जिस माँ ने मुझे बोलना सिखाया है,
*       *       *         *       *
मैं ईश्वर से करूं विनती हर बार,
माँ के प्यार से हरा -भरा हो हर परिवार,
माँ ईश्वर की एक प्यारी सौगात ,
सर पर हों सदा माँ के दो प्यारे हाथ,
कैसे भी हों चाहे हालात,
माँ-बाप का ना छोड़ना साथ,
मेरी हर प्रार्थना में शामिल रहे माँ का प्यारा नाम,
माँ की प्यार की बौछारें इस हव में फ़ैली रहें,
माँ की ओढ़नी मुझे प्यारी लगे,
वो फटी हो चाहे मैली रहे,
माँ की ओढ़नी से पोंछा है मैंने पसीना,
माँ है एक कीमती नगीना,
इस नगीने को सदा रखना अपना बनाकर,
इस महकते फूल को रखना,
अपने घर की बगिया में सजाकर,
हर पल रहेगा वो छूता आसमान,
जिस ने इस फूल को अपने माथे से लगाया है,
उस‌ ईश्वर को मेरा प्रणाम,
जिसने मुस्कराती माँ को बनाया है,
मेरे जीवन का उजाला माँ,
प्यार की पाठशाला-माँ (pyar ki pathshala-MAA  )
मैं क्या बोलूं उस माँ के लिए,
जिस माँ ने मुझे बोलना सिखाया है,
*       *       *         *       *
creater-राम सैनी

must read : हर रिश्ते से ऊपर माँ (Har rishte se uper maa) : एक चमत्कार

must read : माँ के चरण (maa ke charan ) : सबसे ऊँचा स्थान

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top