सूरज की तपिश (sooraj ki tapish ) और पिता का प्यार,
दोनों हैं एक समान,
क्या जमीं क्या आसमान,
पिता है तो प्यारा है ये सारा जहान,
* * * * *
परीक्षा की घड़ी होती है,
सूरज की गर्मी का सहना,
मूक बनकर खुलीं आँखों से,
सब-कुछ देखते रहना,
जो सूरज की गर्मी सह जाएगा,
वो बेटा पिता की पनाह में भी रह जाएगा,
सूरज की तेज धूप भी
जरूरी है जीवन जीने के लिए,
सूरज के ये रूप भी,
सबक है जीवन जीने के लिए,
सूरज और पिता दोनों हैं,
कुदरत का वरदान,
सूरज की तपिश (sooraj ki tapish ) और पिता का प्यार,
दोनों हैं एक समान,
क्या जमीं क्या आसमान,
पिता है तो प्यारा है ये सारा जहान,
* * * * *
एक पिता घूरती आँखों को,
तुम देखना कभी गौर से,
वो पिता ही होता है जो अंधकार को,
उजाले में बदल दें अपनी बाजूओं के जोर से,
सूरजअपनी रौशनी बिखेरकर,
हर पेड़-पौधें में डाले एक नई जान,
चाँद की शीतल चाँदनी के साथ,
सूरज की गर्मी का भी कीजिए सम्मान,
सूरज की तपिश (sooraj ki tapish ) और पिता का प्यार,
दोनों हैं एक समान,
क्या जमीं क्या आसमान,
पिता है तो प्यारा है ये सारा जहान,
* * * * *
पिता का गर्म व्यवहार होना,
ये कुदरत का एक करिश्मा है,
हमारे सर जो सदा छाँव करें,
वो कुदरत की एक ऐसी प्रतिमा है,
जैसे खाने में है नमक जरूरी,
सूरज में है चमक जरूरी,
पिता का गर्म व्यवहार का होना भी,
कुदरत का खेल है,
जैसे घर के लिए है द्वार जरूरी,
माँ के साथ है पिता का प्यार जरुरी,
ये भी कुदरत का ही कोई खेल है,
पिता कभी खुशियों का,
कभी अपने जीवन के कीमती पलों का,
हर घड़ी करता है ध्यान,
सूरज की तपिश (sooraj ki tapish ) और पिता का प्यार,
दोनों हैं एक समान,
क्या जमीं क्या आसमान,
पिता है तो प्यारा है ये सारा जहान,
* * * * *सूरज की तपिश (sooraj ki tapish ) : पिता: जीवन की ऊर्जा
हमारे जीवन को दे एक नई दिशा,
पिता की कड़कती आवाज सदा,
ये ही पिता की है परिभाषा,
हिम्मत थोड़ी है डर ज्यादा,
पिता के जैसा कोई और नहीं,
वो ही मेरी शक्ति है,
पिता के रहते मैं करता हूँ,
अपने जीवन पर अभिमान,
सूरज की तपिश (sooraj ki tapish ) और पिता का प्यार,
दोनों हैं एक समान,
क्या जमीं क्या आसमान,
पिता है तो प्यारा है ये सारा जहान,
* * * * *
माँ नर्म है पिता कड़क है,
माँ की बाहों की मजबूत पकड़ है,
रोबदार है उसकी आवाज,
हर घड़ी दिखता है नाराज़,
पर माँ की बस्ती है उसमें जान,
मीठे बोल बहुत कम बोलें,
एक-एक शब्द नाप-तोल कर बोले,
माँ बोले वो है मेरा सारा जहान,
पिता प्यार करे पालनहार बनकर,
फर्ज निभाता है सदा वफादार बनकर,
पिता के स्वभाव का सूरज के जैसा है तापमान,
सूरज की तपिश (sooraj ki tapish ) और पिता का प्यार,
दोनों हैं एक समान,
क्या जमीं क्या आसमान,
पिता है तो प्यारा है ये सारा जहान,
* * * * *पिता का जीवन एक रहस्य है,
कभी छू कर देखो उसके मन के तार,
उसका जीवन एक तपस्या है,
पिता है एक प्यारा उपहार, वो ऐसे ही जीवन जीता है,
उसकी आँखों की घूर में प्यार छिपा है,
वो पालनहार बनकर रहता सदा है,
उसका हर युग में ऐसे ही जीवन बीता है,
जिसे आ गया है इस पानी में घूलना,
जिसे आ गया है इसके पीछे चलना,
बचपन बीता है जिस पिता की बांहों में,
पिता की मूरत है जिस बेटे की निगाहों में,
वो बेटा है महान,
सूरज की तपिश (sooraj ki tapish ) और पिता का प्यार,
दोनों हैं एक समान,
क्या जमीं क्या आसमान,
पिता है तो प्यारा है ये सारा जहान,
* * * * *creater- राम सैनी
must read : चैन की नींद (chain ki neend ) की शुरुआत : सुख की लौ
must read :बेटियां ( betiyan ) : कर्ज और मोहब्बत का संगम