क्यों लेकर गए हो माँ को अपने द्वार,
हे ईश्वर लौटा दो मेरी माँ ( meri maa) को तुम एक बार,
ले लो मुझसे सब खेल-खिलौने,
बिन माँ के ये सब हैं बेकार,
हे ईश्वर लौटा दो मेरी माँ को तुम एक बार
* * * * *
बिन माँ के यहाँ कुछ नहीं बाकी,
हे ईश्वर, तुम जानते हो भली-भांति,
सुख जाती है यहाँ पेड़ से कटकर डाली,
बिन माँ के इस दुनिया में,
कौन करे बच्चों की रखवाली,
खाली आँगन और घर की चौखट से,
मै बातें हर रोज करता हूँ,
माँ किस रास्ते से गई होगी तुम्हारे द्वार,
मैं हर दिन ये ही खोज करता हूँ,
क्या ख़त्म होगा हे ईश्वर,कभी मेरा ये इंतजार,
क्यों लेकर गए हो माँ को अपने द्वार,
हे ईश्वर लौटा दो मेरी माँ को तुम एक बार,
ले लो मुझसे सब खेल-खिलौने,
बिन माँ के ये सब हैं बेकार,
हे ईश्वर लौटा दो मेरी माँ ( meri maa) को तुम एक बार
* * * * * *
डर लगता है एक हवा के झौंके से,
सुनसान लम्बी रातों में,
काली रातों का अंधेरा बहुत डराता है,
मुझे बताओ तो जरा, थोड़ा समझाओं तो जरा,
बच्चे के दिल से डर,
एक माँ के सिवा और कौन भगाता है,
मेरी किस्मत की लकीरों में शायद ना हो,
आप मुझे मेरी माँ का प्यार दे सकते हो,
आप चाहें तो इस जन्म माँ का प्यार,
मुझे उधार भी दे सकते हो,
सर झूकाकर बंद आँखों से,
मैं विनती करता हूँ बार-बार,
क्यों लेकर गए हो मेरी माँ को अपने द्वार,
हे ईश्वर लौटा दो मेरी माँ को तुम एक बार,
ले लो मुझसे सब खेल-खिलौने,
बिन माँ के ये सब हैं बेकार,
हे ईश्वर लौटा दो मेरी माँ ( meri maa) को तुम एक बार
* * * * * *
दो बातें प्यारी -प्यारी थकान मिटादे सारी,
ऐसा जादू है माँ की बातों में,
ये एक अनोखा बंधन है,
ये बंधन ही सबसे मंगल है,
प्यार ही प्यार नजर आए माँ की आँखों में,
मैं सोता हूँ पड़ने के बाद,
मैं उठता हूँ दिन चडने के बाद,,
कौन जगाए मुझे माँ के बिन,
हे ईश्वर,सुन लो विनती मेरी बस एक,
मुझे माँ के लिए तड़पता देख,
क्या पिंगलता नहीं तुम्हारा दिल,
एक बच्चे के दिल की पुकार,
वो सुनता है सबका पालनहार,
क्यों लेकर गए हो माँ को अपने द्वार,
हे ईश्वर लौटा दो मेरी माँ को तुम एक बार,
ले लो मुझसे सब खेल-खिलौने,
बिन माँ के ये सब हैं बेकार,
हे ईश्वर लौटा दो मेरी माँ ( meri maa) को तुम एक बार
* * * * * *मेरी माँ ( meri maa) : माँ की वापसी की आस
लोग कहें जमाने में,
कौन करेगा मुझे माँ-सा प्यार,
मेरे जीवन में छाया है ये काला अंधकार,
एक माँ के चले जाने से,
क्या नहीं मिलेगा मुझे माँ का प्यार,
हे ईश्वर,क्या मैं इतना बड़ा हूँ गुनहगार,
क्यों लेकर गए हो माँ को अपने द्वार,
हे ईश्वर लौटा दो मेरी माँ को तुम एक बार,
ले लो मुझसे सब खेल-खिलौने,
बिन माँ के ये सब हैं बेकार,
हे ईश्वर लौटा दो मेरी माँ ( meri maa) को तुम एक बार
* * * * * *
माँ के पीछे -पीछे चलने का ,
आनंद कैसा होता है ,
ये मैं क्या जानूं,
माँ का बच्चों की छोटी-छोटी बातों पर,
पिंगलने का आनंद कैसा होता है ,
ये मैं क्या जानूं,
क्या जानूं मैं माँ और बच्चों की जीत-हार,
कैसी होती है माँ के हाथों की मार,
माँ के बिन मुझे कौन बतलाए,
कब आते हैं मीठे सपने,
कहाँ रहते हैं वो मेरे अपने,
माँ के बिन मुझे कौन बतलाए,
वो बच्चों के करीब होती है,
माँ ही बच्चों का नसीब होती है,
बिन माँ के बेजान लगे ये सारा संसार
क्यों लेकर गए हो माँ को अपने द्वार,
हे ईश्वर लौटा दो मेरी माँ को तुम एक बार,
ले लो मुझसे सब खेल-खिलौने,
बिन माँ के ये सब हैं बेकार,
हे ईश्वर लौटा दो मेरी माँ ( meri maa) को तुम एक बार
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माँ बिन आंगन है खाली -खाली,
बिन माँ के क्या होली -दीवाली,
मैं त्योहारों की खुशियां बांटू किस के साथ,
मेरी प्रार्थनाओं की तुम रखना लाज,
मैं माँ के दीदार करना चाहता हूँ आज,
मैं जानता हूँ की हे ईश्वर तुम हो मेरे साथ,
मैं माँ के सीने पर सर रखकर,
कब से सोने को हूँ बेकरार,
क्यों लेकर गए हो माँ को अपने द्वार,
हे ईश्वर लौटा दो मेरी माँ को तुम एक बार,
ले लो मुझसे सब खेल-खिलौने,
बिन माँ के ये सब हैं बेकार,
हे ईश्वर लौटा दो मेरी माँ ( meri maa) को तुम एक बार
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creater-राम सैणी
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