हर बेटी में नजर आए यदि अपनी बेटी,
फिर बेटियों को कैसा डर है,
पराई बेटी ( praai beti ) की इज्जत भी होती है अपनी इज्जत ,
याद रहे बेटियां हमारे भी घर हैं,
* * * *
सौ-बार सोचना किसी पराई बेटी पर,
गंदी नजर डालने से पहले,
अपनी ही बेटी की उसमें सूरत देखिए,
किसी बेटी की इज्जत उछालने से पहले,,
बेटी की इज्जत है कच्चे घड़े के समान,
पराई बेटी का भी कीजिए दिल से सम्मान,
ये कलियां हैं किसी आंगन की,
ये मोती है किसी नदीयाँ की,
इन्हें भी चाँद के जैसे चमकने दो,
ये प्यारे सुर हैं किसी सरगम की,
ये कोमल हैं तन-मन की,
इन्हे भी चिड़ियों के जैसे चहकने दो,
बेटियों से ही घर बनता सुंदर है,
हर बेटी में नजर आए यदि अपनी बेटी,
फिर बेटियों को कैसा डर है,
पराई बेटी ( praai beti ) की इज्जत भी होती है अपनी इज्जत ,
याद रहे बेटियां हमारे भी घर हैं,
* * * *
हर पल नहीं चल सकते साथ,
हर जगह मिलती हैं अच्छी और बुरी आँख,
आँखों को पड़ना सिखाना होगा,
डर को दूर भगाना होगा,
इज्जत है अनमोल रत्न ये बेटी को बताना होगा,
बेटी को चलना होगा बनकर निडर है,
हर बेटी में नजर आए यदि अपनी बेटी,
फिर बेटियों को कैसा डर है,
पराई बेटी ( praai beti ) की इज्जत भी होती है अपनी इज्जत ,
याद रहे बेटियां हमारे भी घर हैं,
* * * *
जब हम पराई बेटी की इज्जत को,
मानेंगे अपनी बेटी की इज्जत के जैसे,
उसका भी आदर-सत्कार करेंगे,
जब हम अपनी बेटी के जैसे ही,
पराई बेटी को भी प्यार करेंगे,
तब लगेगा जैसे सोच बदल रही है धीरे-धीरे,
जब हम उसकी भी सुरक्षा करेंगे,
हम अपनी बेटी के जैसे ही,
बेगाने दुख में होंठों पर मुस्कान,
ऐसे भी होते हैं इस धरती पर इन्सान,
बेटियों की सुरक्षा करना,
हम-सब का धर्म है,
हर बेटी में नजर आए यदि अपनी बेटी,
फिर बेटियों को कैसा डर है,
पराई बेटी ( praai beti ) की इज्जत भी होती है अपनी इज्जत ,
याद रहे बेटियां हमारे भी घर हैं,
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पराई बेटी ( praai beti ) भी अपनी बेटी : हर घर की इज्जत
बेटियां की सुरक्षा का भार,
हम-सब को मिलकर उठाना होगा,
एक बाप-भाई का रिश्ता,
हम-सबको निभाना होगा,
बेटी चले जब सुनसान पथ पर,
कोई दाग़ ना लगाने पाए उसकी अस्मत पर,
शिक्षा के साथ -साथ बेटी को,
आत्म-रक्षा का ज्ञान भी देना होगा,
हमदर्द के भेष मे जो छूपे हैं भेडीए,
उन सब के चेहरे से नकाब हटाना होगा,
बेटी के दिल से निकालना होगा डर,
जो बैठा दिल के अंदर है,
हर बेटी में नजर आए यदि अपनी बेटी,
फिर बेटियों को कैसा डर है,
पराई बेटी ( praai beti ) की इज्जत भी होती है अपनी इज्जत ,
याद रहे बेटियां हमारे भी घर हैं,
* * * *
मन मोह लेती हैं बेटियां,
आँखें भिगो लेती हैं बेटियां,
बेटियों से ही सारा संसार चले,
ये खिली-खिली रहती हैं,
जैसे फूलों पर तितली रहती है,
बेटियां रहना पसंद करती हैं,
मात-पिता की छाँव तले,
ये दौड़ी चली आएं एक ही पुकार में,
बेटियो के जैसा प्यारा नहीं है कोई इस संसार में,
स्वभाव में लचीलापन, घर में सबसे अपनापन,
मीठे बोल आँखों में लाज,
मासूम सी सूरत,कम लफ़्ज़ों में बात,
ना किसी काम में आलसपन,
जिस घर में पलती हैं बेटियां,
उस घर की जय-जयकार है,
हर बेटी में नजर आए यदि अपनी बेटी,
फिर बेटियों को कैसा डर है,
पराई बेटी ( praai beti ) की इज्जत भी होती है अपनी इज्जत ,
याद रहे बेटियां हमारे भी घर हैं,
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ना बातों में बनावटीपन,
हर कदम रखें देखभाल कर,
सर पर दुपट्टा रखें हर घड़ी डालकर,
बेटियों का दिल है नाजुक बहुत,
उनको दीजिए प्यार दिल खोलकर,
बेटियां मांगतीं नहीं है कुछ भी बोलकर,
बेटियां होती है भावुक बहुत,
बेटियां काजल है, बरसता बादल हैं,
वो मीठे पानी का समंदर हैं,
हर बेटी में नजर आए यदि अपनी बेटी,
फिर बेटियों को कैसा डर है,
पराई बेटी ( praai beti ) की इज्जत भी होती है अपनी इज्जत ,
याद रहे बेटियां हमारे भी घर हैं,
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creater -राम सैनी
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