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आँगन की शान (aangan ki shan )

आँगन की शान (aangan ki shan ) : दिल की धड़कन

माँ के नाम ना होते यदि खेत-खलिहान,
क्या हम फिर ना रखते माँ का ध्यान,
माँ है एक अनमोल धरोहर,
वो रहेगी सदा हमारे आँगन की शान (aangan ki shan ) ,

*          *            *           *          *
खेत-खलिहानों से कीमती है,
रिश्ता हमारा माँ के साथ,
खेत-खलिहानों की कीमत बस उतनी है,
जितनी है एक अंधेरी रात,
कुछ लोग का रिश्ता है बस माँ की विरासत तक,
कुछ दिन करेंगे वो बहुत आडम्बर,
चौराहों की सियासत तक,
माँ को कुछ पल याद करके,
बस करेंगे अपनी दो आँखें लाल,
फिर खुद को आजाद करके,
चैन से रहेंगे घर में डेरा डाल,
एक बोझ मानकर चलते हैं,
हम जिस माँ की कोख में पलते हैं,
वो हंसती हैं जब हम हंसते हैं,
माँ में बसते हैं भगवान,
माँ के नाम ना होते यदि खेत-खलिहान,
क्या हम फिर ना रखते माँ का ध्यान,
माँ है एक अनमोल धरोहर,
वो रहेगी सदा हमारे आँगन की शान (aangan ki shan ) ,                            
*          *            *           *          *
एक तरफ धन-दौलत सारी,
एक तरफ है माँ की सूरत प्यारी,
बाग-बगीचे,खेत -खलिहान,
ये सब मिट्टी की ढेरी हैं,
इस जग में है सबसे निराली,
माँ एक सूरत तेरी है,
मेरे लिए है ये मिट्टी बेकार,
जिसमें शामिल ना हो माँ का प्यार,
मिट्टी की कीमत है बस मिट्टी के बराबर,
मिट्टी नहीं हमारी जान,
माँ के नाम ना होते यदि खेत-खलिहान,
क्या मै फिर ना रखता माँ का ध्यान,
माँ है एक अनमोल धरोहर,
वो रहेगी सदा हमारे आँगन की शान (aangan ki shan ) ,                
*          *            *           *        *
माँ ने जब हमको पाला था,
उसे लालच नहीं था खेत-खलिहानों का,
अपनी जान से ज्यादा रखतीं थीं ध्यान,
हम लालची नादानों का,
कल पैरों पर खड़े हो जाएंगे जब हम अपने,
क्या हम माँ के पूरे कर पाएंगे सब सपने,
फिर भी माँ हम पर जान लुटाती है,
साथ चले माँ कदम से कदम मिलाकर,
हर पल दे हमको हौंसला,
सर पर हमारे हाथ फिराकर,
माँ बिन है जीवन वीरान,
माँ बिन है घर सुनसान,
माँ के नाम ना होते यदि खेत-खलिहान,
क्या हम फिर ना रखते माँ का ध्यान,
माँ है एक अनमोल धरोहर,
वो रहेगी सदा हमारे आँगन की शान (aangan ki shan ) ,
*          *            *           *           *

आँगन की शान (aangan ki shan ) :  मेरा जहान
आँगन की शान (aangan ki shan )
आँगन की शान (aangan ki shan )

माँ कहाँ पल-पल का हिसाब ल‌गाती है,
माँ का प्यार है बरसते पानी के जैसा,
छोटा हो या बड़ा घर में,
सब पर एक समान बरसे,
वो दीवानों के जैसे प्यार लुटाए,
हर पल दे अपना आशिर्वाद,
वो अपने निर्मल मन में,
माँ के आगे ये धरती छोटी,
छोटा है ये ऊँचा आसमान,
माँ के नाम ना होते यदि खेत-खलिहान,
क्या हम फिर ना रखते माँ का ध्यान,
माँ है एक अनमोल धरोहर,
वो रहेगी सदा हमारे आँगन की शान (aangan ki shan ) ,                    ,
*          *            *           *         *
माँ शोभा हमारे आँगन की बढ़ाए,
माँ की प्रार्थना हमारे जीवन में बहार आए,
वो है साफ चमकते दर्पण के जैसे,
हमारे गले में हार बांहों का पहनाएं ,
आँखों में लालच ना दिल में नफरत,
माँ ज्योत जगाए प्यार की,
बड़ा सादा है माँ का जीवन,
हम सब के सर है उसके प्यार का ऋण,
कोई चुका पाया है क्या आज तक,
घर में छाए रहते हैं माँ की प्रीत के रंग,
उसके जीते-जी और उसके बाद तक,
मेरे दिल में बसने वाली माँ,
मुझे अपनी बाहों में कसने वाली माँ,
मुझे जीवन देने वाली पर,
मेरा पूरा जीवन है कुर्बान
माँ के नाम ना होते यदि खेत-खलिहान,
क्या हम फिर ना रखते माँ का ध्यान,
माँ है एक अनमोल धरोहर,
वो रहेगी सदा हमारे आँगन की शान (aangan ki shan ) ,
*          *            *           *          *
वो देखें ना कभी लाभ-हानि,
ना प्यार करे वजह जानकर,
माँ करने दे हमें अपनी मनमानी,
ना रहती है कभी माथे पर सिलवटें डालकर,
माँ के साथ जीवन में मौज,
माँ है उस ईश्वर की एक प्यारी खोज,
ना देखे कभी मेरे गुण-अवगुण,
ना कभी इल्जाम लगाए ,
पैर रखे जिस आँगन में माँ,
वो आँगन महकने लग जाए,
माँ जैसा नहीं कोई ताकतवर,
उसके जैसा नहीं कोई धनवान,
माँ के नाम ना होते यदि खेत-खलिहान,
क्या हम फिर ना रखते माँ का ध्यान,
माँ है एक अनमोल धरोहर,
वो रहेगी सदा हमारे आँगन की शान (aangan ki shan ) ,
*         *         *         *          *
creater-राम सैमी
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