तुम ने क्या किया है मेरे लिए,
सौ बार सोचो ये बोलने से पहले,
हम चुका ना पाएंगे उनके,
एहसानों की कीमत (ehsanon ki keemat)
उनके एहसानों पर डालो एक नजर,
मात-पिता के सामने मुंह खोलने से पहले,
* * * * * * *
तुम जब सोकर उठते थे,
पिता खाने-पीने का इंतजाम कर देता था,
वो बिन कहे बिना मांगे अपना पूरा जीवन,
हमारे नाम कर देता था,
तुमने नजर उठाई जिस ओर भी,
जिस चीज को मन से चाहा है,
वो लाकर हथेली पर रख देता,
जब तक नाम उसका जुबान पर आया है,
सौ-बार सोचना उसको पाँव में रोलने से पहले,
तुम ने क्या किया है मेरे लिए,
सौ बार सोचो ये बोलने से पहले,
हम चुका ना पाएंगे उनके,
एहसानों की कीमत (ehsanon ki keemat)
उनके एहसानों पर डालो एक नजर,
मात-पिता के सामने मुंह खोलने से पहले,
* * * * * *
कभी छूना उसके दो हाथों को,
तुम्हें चुभेंगे उसके हाथों के छाले,
कभी देखना पाँव के तलवें
वो धूप में तपकर हुए हैं काले,
तुम ने देखा है जिस पिता को गरजते हुए,
वो मोम का दिल भी रखता है,
पिता तुम्हारी खुशियों के लिए कंई बार,
अपना जमीर भी गिरवीं रखता है,
वो गिनाता नहीं एहसान अपने,
जो भी अब तक एहसान किए,
सौ-बार सोचता है पिता,
अपने दिल के राज खोलने से पहले,
तुम ने क्या किया है मेरे लिए,
सौ बार सोचो ये बोलने से पहले,
हम चुका ना पाएंगे उनके,
एहसानों की कीमत (ehsanon ki keemat)
उनके एहसानों पर डालो एक नजर,
मात-पिता के सामने मुंह खोलने से पहले,
* * * * * *
माँ लाड़ लड़ाए नहीं थकती है,
आँचल में छूपाए प्यार जताएं,
ये एक माँ ही कर सकती है,
भरपेट खिलाएं सीने पर सुलाए,
खुद झेलती हैं ना जाने कितने दुख,
गुरु बनकर राह दिखाए,
राह के सब शूल हटाए,
हमारी झोली में डाल देती है,
अपने हिस्से के सारे सुख,
माँ एक बार भी नहीं सोचती,
हमारे जीवन में अपने हिस्से के,
सारे सुखों का रस घोलने से पहले,
तुम ने क्या किया है मेरे लिए,
सौ बार सोचो ये बोलने से पहले,
हम चुका ना पाएंगे उनके,
एहसानों की कीमत (ehsanon ki keemat)
उनके एहसानों पर डालो एक नजर,
मात-पिता के सामने मुंह खोलने से पहले,
* * * * * *एहसानों की कीमत (ehsanon ki keemat) : सच्चे हमदर्द
वो जान हथेली पर रखती है,
एक और जान दुनिया में लाने के लिए,
सुख किस चीडिया का नाम है,
वो भूल जाती है तुम्हें सफल बनाने के लिए,
माँ बनावटीपन से है कोसों दूर,
वो तो एक ठंडी हवा का झोंका है,
माँ मुश्किलें से निकलने का हल बताए,
जब भी मुश्किलों ने रास्ता रोका है,
माँ तपाकर बना देती हैं हीरा,
मुश्किलें झेलने से पहले,
तुम ने क्या किया है मेरे लिए,
सौ बार सोचो ये बोलने से पहले,
हम चुका ना पाएंगे उनके,
एहसानों की कीमत (ehsanon ki keemat)
उनके एहसानों पर डालो एक नजर,
मात-पिता के सामने मुंह खोलने से पहले,
* * * * * *
जिस माँ ने कोख में रखा नौ महीने,
उस कोख का मोल चुकाओगे कैसे,
जो दर्द साहा है तुम्हारी पैदाइश पर,
उस दर्द को मोड़ पाओगे कैसे,
तुम जिद्द करते थे एक चाँद लाने की,
वो पूरा ले आता था आसमान,
पिता राहों के सब कंकड़-पत्थर हटा देता था,
जिस राह पर पड़ते थे तुम्हारे कदमों के निशान,
पिता मसीहा है जिसने ये जीवन दिया है,
सौ-बार सोचना उनका दिल तोड़ने से पहले,
तुम ने क्या किया है मेरे लिए,
सौ बार सोचो ये बोलने से पहले,
हम चुका ना पाएंगे उनके,
एहसानों की कीमत (ehsanon ki keemat)
उनके एहसानों पर डालो एक नजर,
मात-पिता के सामने मुंह खोलने से पहले,
* * * * * *
जो कमाकर खिलाएं, कभी प्यार ना जताएं,
अपने मुख से बोलकर,
उसका पीठ की सवारी कराना,
हर रोज कांधे पर बिठाना,
वो दिल के दरवाज़े रखता है सदा खोलकर,
दुनिया हो तुम जिस माँ की,
तुम्हें हर पल जरूरत हो जिसकी पनाह की,
हमारा गुजरा है बचपन जिस के सहारे,
वो सबसे अलग है सबसे है प्यारी,
माँ सबसे खास हैं जीवन में हमारे,
हजार-बार सोचना मात-पिता को,
अपने पैरों में रोलने से पहले,
तुम ने क्या किया है मेरे लिए,
सौ बार सोचो ये बोलने से पहले,
हम चुका ना पाएंगे उनके,
एहसानों की कीमत (ehsanon ki keemat)
उनके एहसानों पर डालो एक नजर,
मात-पिता के सामने मुंह खोलने से पहले,
* * * * * *
तुम जब सोकर उठते थे,
पिता खाने-पीने का इंतजाम कर देता था,
वो बिन कहे बिना मांगे अपना पूरा जीवन,
हमारे नाम कर देता था,
तुमने नजर उठाई जिस ओर भी,
जिस चीज को मन से चाहा है,
वो लाकर हथेली पर रख देता,
जब तक नाम उसका जुबान पर आया है,
सौ-बार सोचना उसको पाँव में रोलने से पहले,
तुम ने क्या किया है मेरे लिए,
सौ बार सोचो ये बोलने से पहले,
हम चुका ना पाएंगे उनके,
एहसानों की कीमत (ehsanon ki keemat)
उनके एहसानों पर डालो एक नजर,
मात-पिता के सामने मुंह खोलने से पहले,
* * * * * *
कभी छूना उसके दो हाथों को,
तुम्हें चुभेंगे उसके हाथों के छाले,
कभी देखना पाँव के तलवें
वो धूप में तपकर हुए हैं काले,
तुम ने देखा है जिस पिता को गरजते हुए,
वो मोम का दिल भी रखता है,
पिता तुम्हारी खुशियों के लिए कंई बार,
अपना जमीर भी गिरवीं रखता है,
वो गिनाता नहीं एहसान अपने,
जो भी अब तक एहसान किए,
सौ-बार सोचता है पिता,
अपने दिल के राज खोलने से पहले,
तुम ने क्या किया है मेरे लिए,
सौ बार सोचो ये बोलने से पहले,
हम चुका ना पाएंगे उनके,
एहसानों की कीमत (ehsanon ki keemat)
उनके एहसानों पर डालो एक नजर,
मात-पिता के सामने मुंह खोलने से पहले,
* * * * * *
माँ लाड़ लड़ाए नहीं थकती है,
आँचल में छूपाए प्यार जताएं,
ये एक माँ ही कर सकती है,
भरपेट खिलाएं सीने पर सुलाए,
खुद झेलती हैं ना जाने कितने दुख,
गुरु बनकर राह दिखाए,
राह के सब शूल हटाए,
हमारी झोली में डाल देती है,
अपने हिस्से के सारे सुख,
माँ एक बार भी नहीं सोचती,
हमारे जीवन में अपने हिस्से के,
सारे सुखों का रस घोलने से पहले,
तुम ने क्या किया है मेरे लिए,
सौ बार सोचो ये बोलने से पहले,
हम चुका ना पाएंगे उनके,
एहसानों की कीमत (ehsanon ki keemat)
उनके एहसानों पर डालो एक नजर,
मात-पिता के सामने मुंह खोलने से पहले,
* * * * * *
वो जान हथेली पर रखती है,
एक और जान दुनिया में लाने के लिए,
सुख किस चीडिया का नाम है,
वो भूल जाती है तुम्हें सफल बनाने के लिए,
माँ बनावटीपन से है कोसों दूर,
वो तो एक ठंडी हवा का झोंका है,
माँ मुश्किलें से निकलने का हल बताए,
जब भी मुश्किलों ने रास्ता रोका है,
माँ तपाकर बना देती हैं हीरा,
मुश्किलें झेलने से पहले,
तुम ने क्या किया है मेरे लिए,
सौ बार सोचो ये बोलने से पहले,
हम चुका ना पाएंगे उनके,
एहसानों की कीमत (ehsanon ki keemat)
उनके एहसानों पर डालो एक नजर,
मात-पिता के सामने मुंह खोलने से पहले,
* * * * * *
जिस माँ ने कोख में रखा नौ महीने,
उस कोख का मोल चुकाओगे कैसे,
जो दर्द साहा है तुम्हारी पैदाइश पर,
उस दर्द को मोड़ पाओगे कैसे,
तुम जिद्द करते थे एक चाँद लाने की,
वो पूरा ले आता था आसमान,
पिता राहों के सब कंकड़-पत्थर हटा देता था,
जिस राह पर पड़ते थे तुम्हारे कदमों के निशान,
पिता मसीहा है जिसने ये जीवन दिया है,
सौ-बार सोचना उनका दिल तोड़ने से पहले,
तुम ने क्या किया है मेरे लिए,
सौ बार सोचो ये बोलने से पहले,
हम चुका ना पाएंगे उनके,
एहसानों की कीमत (ehsanon ki keemat)
उनके एहसानों पर डालो एक नजर,
मात-पिता के सामने मुंह खोलने से पहले,
* * * * * *
जो कमाकर खिलाएं, कभी प्यार ना जताएं,
अपने मुख से बोलकर,
उसका पीठ की सवारी कराना,
हर रोज कांधे पर बिठाना,
वो दिल के दरवाज़े रखता है सदा खोलकर,
दुनिया हो तुम जिस माँ की,
तुम्हें हर पल जरूरत हो जिसकी पनाह की,
हमारा गुजरा है बचपन जिस के सहारे,
वो सबसे अलग है सबसे है प्यारी,
माँ सबसे खास हैं जीवन में हमारे,
हजार-बार सोचना मात-पिता को,
अपने पैरों में रोलने से पहले,
तुम ने क्या किया है मेरे लिए,
सौ बार सोचो ये बोलने से पहले,
हम चुका ना पाएंगे उनके,
एहसानों की कीमत (ehsanon ki keemat)
उनके एहसानों पर डालो एक नजर,
मात-पिता के सामने मुंह खोलने से पहले,
* * * * * *creater – राम सैनी
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