मै ढूंढता नहीं ईश्वर को बाहर,
उसकी मूरत मेरे घर में ही रहती है,
जिसके चरणों में प्यार की नदियां बहती है,
* * * * * *
माँ है मेरे जीवन का आदर्श ,
मैं करता हूँ हर सुबह माँ के चरणों का स्पर्श(charanon ka sparash ),
ईश्वर के नयनों के जैसे,
दो नयन हैं उसके प्यारे-प्यारे,
माँ के दो नयन चमकते हैं ऐसे,
जैसे नीले आसमान में टिमटिमाते हो सितारे,
उसके चेहरे पर छाया रहता है,
सूरज के जैसा उजाला,
माँ का आँचल है मेरी पहली पाठशाला,
माँ रौनक है हम -सब के चेहरों की ,
दिल न दुखे किसी बेबस का ,
माँ ये सदा कहती है ,
मै ढूंढता नहीं ईश्वर को बाहर,
उसकी मूरत मेरे घर में ही रहती है,
जिसके चरणों में प्यार की नदियां बहती है,
* * * * * *
उस पहली पाठशाला ने दिए हैं मुझे,
हीरे मोतियों से कीमती संस्कार,
माँ के मुख से निकली दुआएं,
मेरे लिए हैं एक अनमोल उपहार,
माँ के चरणों का स्पर्श (charanon ka sparash ),
हमारी परम्परा पुरानी है ,
ये परम्परा हमको सदियों तक निभानी है ,
मेरी सांसों में बहती है,
उसके प्यार की खुशबू,
उसने किया है अपना ,
सारा जीवन मेरे नाम,
मैं भी अपना तन-मन उसके अर्पण कर दूं,
पता नहीं वो मेरे लिए,
कितनी मुश्किलें सहती है,
मै ढूंढता नहीं ईश्वर को बाहर,
उसकी मूरत मेरे घर में ही रहती है,
जिसके चरणों में प्यार की नदियां बहती है,
* * * * * *
ईश्वर के हाथों के जैसे,
कोमल हैं दो हाथ माँ के,
मेरी सांसों के महकते फूल,
कायल हैं माँ के प्यार की छाँव के,
उसके प्यार की छाँव ,
जो करते हैं माँ के चरणों का स्पर्श (charanon ka sparash ) ,
उनके जीवन में हर पल उजाला है ,
सर झुकाकर करो शुक्रिया उस माँ का ,
जिसने अपना पूरा जीवन हमको दे डाला है ,
हर किसी को नशीब नहीं,
जिस के पास है माँ के प्यार की दौलत,
वो इस दुनिया में गरीब नहीं,
सदा चमकते रहे सितारे उसके मुख मंडल पर ,
जिस माँ का मुख देखकर ,
हमारे चेहरे पर रौनक छाई रहती है ,
मै ढूंढता नहीं ईश्वर को बाहर,
उसकी मूरत मेरे घर में ही रहती है,
जिसके चरणों में प्यार की नदियां बहती है,
* * * * * *
चरणों का स्पर्श (charanon ka sparash ) : परम्परा हमारी
इस दुनिया के कण-कण में,
जैसे ईश्वर का वास है,
मेरी सांसों में बसी उसकी हर सांस है,
मेरे मन-मन्दिर में माँ की सूरत समाईं है,
माँ की बंदगी मेरी उम्र भर की कमाई है,
मेरे जीवन की बगिया ,
माँ की दुआओं से ही महकती है,
मै ढूंढता नहीं ईश्वर को बाहर,
उसकी मूरत मेरे घर में ही रहती है,
जिसके चरणों में प्यार की नदियां बहती है,
* * * * * *
मेरी रूह में प्राण बसते है उसके,
मैं बनकर रहता हूँ उसकी परछाई,
रंग -बिरंगे रहते हैं दिन माँ के साये में,
ईश्वर के चरणों के जैसे ,
माँ के चरणों में मेरे मन को,
बहुत सकून मिलता है,
देखकर चेहरे पर रौनक उस ईश्वर की मूरत की,
फूलों के जैसे चेहरा मेरा खिलता है,
माँ को खुश देखकर ईश्वर भी खुश होता हैं,
जो दिल दुखाए माँ का ,
उसका भाग्य सदा सोता है,
वो मेरा भाग्य जगाए रखती ,
जिस माँ के आँचल में दुआओं की गंगा बहती है ,
मै ढूंढता नहीं ईश्वर को बाहर,
उसकी मूरत मेरे घर में ही रहती है,
जिसके चरणों में प्यार की नदियां बहती है,
* * * * * *
उसकी दया का कोई नहीं है सानी,
जो माफ करें हमारी हर नादानी,
उसके प्यार का मोल कोई मोड़ ना सके,
उसके साथ बन्धन हमारा कोई तोड़ ना सके,
उसके मीठी वाणी हर पल,
मेरे कानों में रस घोलती रहती है,
मै ढूंढता नहीं ईश्वर को बाहर,
उसकी मूरत मेरे घर में ही रहती है,
मैं छू लेता हूँ चरण उस माँ के
जिसके चरणों में प्यार की नदियां बहती है,
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creater-राम सैणी
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