रोटी का रोल ( roti ka role ) और माँ की गोद : दिल भर दे
फिर से दे मुझे माँ रोटी का रोल ( roti ka role ) बनाकर, मिट्टी के चुल्हे पर गोल-गोल […]
फिर से दे मुझे माँ रोटी का रोल ( roti ka role ) बनाकर, मिट्टी के चुल्हे पर गोल-गोल […]
आँखों पर काले घेरे हैं, साफ-साफ दिखती है चेहरे की थकान ( chehre ki thakan ) , रंग गोरा ऊंचा
चल लाली ( chal lali ) तुझे शैर कराऊं, अपने खेत-खलिहान की, चिड़ियों को चहकते देखना, परींदो को उड़ते देखना, वो
आसमान धरती पर आ जाए, चाहे रात में सूरज उग जाए, माँ कभी रूठती नहीं ( maa kabhi roothati nahin
माँ मिलती है किस बाजार में, वो बचपन की मीठी लोरी ( bachpan ki meethi lori ), मैं उसे
माँ बहुत कठीन है जीवन की डगर, मुझे फिर से अपनी बाहों में पकड़, माँ मुझे फिर से थाम
आसमानी परी नहीं बेटी तूं मर्दानी है, शक्ति का अवतार ( shakti ka avtar ) है तूं, फूल नहीं
चलो एक मन्नत ( ek mannat ) मांग लेते हैं, अपनी-अपनी माँ के लिए, वो चैन की नींद सोए सदा,
मैं जब डोली ( Doli ) में बैठूंगी पिता जी, मुझे हंसकर आप विंदा करना , हम कैसे सुख-दुख बांटा
परिवार के मंगल के लिए, भुखे रह जाने की शक्ति, एक माँ के सिवा और किस में है, माँ