मुस्कराती हुई हर माँ (muskrati hui har maa ): यादों की खुशबू
हर पल तुम्हारा चेहरा नजर आता है माँ, मुस्कराती हुई हर माँ (muskrati hui har maa ) को देखकर, मुझे […]
हर पल तुम्हारा चेहरा नजर आता है माँ, मुस्कराती हुई हर माँ (muskrati hui har maa ) को देखकर, मुझे […]
मेरे सपनों को पंख लगाए कौन, मेरी ओर हाथ अपना बढ़ाए कौन, पापा बिन कौन सुनेगा ( papap bin kaun
मेरी किलकारियां मुस्कान में बदल गई, जब माँ ने मुझको पहली बार छूआ ( pahli bar chhuaa ) था, मेरे
माँ हर रोज तड़फाती है पेट की भूख( pet ki bhookh) , हर रोज दौड़ाती है पेट की भूख, कंई
मेरा जन्मदिन ( janmdin ) कब आएगा , घर में खुशियों का माहोल कब छाएगा, चुप क्यों हो बोलों ना
हमसफ़र की सादगी ( humsafar ki sadgi ) है, जैसे फूलों की ताजगी , मैं पल में दूर कर
क्यों लाढ लढाया आपने , क्यों बांहों का बनाया घेरा है, आपके सीने से लगने का पापा, सबसे पहला
गुलाब के फूलों से भी प्यारी है, माँ तेरे आंचल की खुशबू ( aanchal ki khushboo ) , जी चाहता है
आज फिर से लौट आया है, माँ का दुसरा बचपन (maa ka dusara bachpan ), अब बच्चों के जैसे
माँ के कदमों में ( maa ke kadmon me) रखता हूँ, मैं आज भी अपनी नेक कमाई को, मैं