प्रेम की परिभाषा ( prem ki paribhasha ) : जीवन की रोशनी
मेरे मन में एक जिज्ञासा है, माँ प्रेम की परिभाषा ( prem ki paribhasha ) क्या है, कुछ और भी […]
मेरे मन में एक जिज्ञासा है, माँ प्रेम की परिभाषा ( prem ki paribhasha ) क्या है, कुछ और भी […]
माँ का ऋण ( maa ka rinn ) हम-सब पर हमेशा रहेगा उधार, कोई गरीब हो,या बड़ा साहुकार, तुम एक
बच्चों की मन चाही खुशियां, उनकी झोली में पा सकती है, क्या माँ के जैसी भी कोई हो सकती
लोरी का जादू ( lori ka jadu ) माँ कितना पुराना है , बचपन की लोरी से हर बच्चे का दोस्ताना
मुख से जो भी निकला है वो पूरा किया है, पर्वत से भी ऊँचा जिसका हौंसला है , मौन,तपस्वी पिता
कच्चे घरों की दास्तान ( kachche gharon ki dastan ), मुझे सुनाओ बड़ी माँ अपनी जुबान, सच में मिट्टी की
जब बेटी के हाथ पीले होंगे, रस्म आएगी विदाई ( vidaai ) की, नयन मात-पिता के भीगे होगें, जब
मीठी-मीठी बातों से बचकर रहना, वक्त कैसा भी हो हंसकर रहना, हर किसी पर एतबार ना कर, बेटी को
माँ बांट लिया है जमीन का कोना-कोना, बांट लिया हैं घर का सारा सामान, बाग-बगीचे और ऊँचा आसमां, सबके चेहरे
मेरे पापा हैं सबसे धनवान, बड़ी माँ तुम क्यों रहती हो परेशान, मुझे नहीं सिखना है चूल्हा-चौका ( chulha chounka