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विदाई की घड़ी (vidai ki ghadi)

विदाई की घड़ी (vidai ki ghadi) : एक प्यारा एहसास

हम लाखों दुआएं डालेंगे,
अपनी बेटी की झोली में,
विदाई की घड़ी (vidai ki ghadi) आएगी एक दिन,
बेटी हमारी नम आँखों से,
जब बैठेगी डोली में ,
*        *      *       *
एक माँ करे चिंता-परेशानी,
बेटी हो जाती है जब शयानी,
संभालकर रखा जो अब तक थोड़ा-थोड़ा था,
अपनी जरूरतों को कम कर के,
बचपन से जो हम ने जोड़ा था,
वो सब‌ अपनी बेटी के नाम करेंगे,
अपनी हैसियत से बढ़कर,
हम अपनी बेटी के लिए हर वो काम करेंगे,
उसकी सांसों की डोर जुड़ी है,
हमारे सांसों की डोरी से,
हम लाखों दुआएं डालेंगे,
अपनी बेटी की झोली में,
विदाई की घड़ी (vidai ki ghadi) आएगी एक दिन,
बेटी हमारी नम आँखों से,
जब बैठेगी डोली में ,
*      *      *        *
उसके कदमों में बिछाएंगे सुख सारे,
एक किस्मत को छोड़कर,
उसके दिल में है संस्कारों का समंदर,
एक नफ़रत कै छोड़कर,
बचपन से हमने अपनी बेटी को,
बड़े नाजों से पाला है,
छाने ना दिए कभी मुख पर ग़म के बादल,
उसने जब से होश संभाला है,
उसे चलने ना दिया कभी नंगे पाँव,
ना कभी कच्ची नींद उठाया है,
अपने से बड़ों का आदर करना,
हम ने जन्म से ही उनको सिखाया है,
माँ सरस्वती जी बस्ती है,
उसकी प्यारी सी बोली में,
हम लाखों दुआएं डालेंगे,
अपनी बेटी की झोली में,
विदाई की घड़ी (vidai ki ghadi) आएगी एक दिन,
बेटी हमारी नम आँखों से,
जब बैठेगी डोली में ,
*       *         *         *
आँखों में शर्म है, बातों में अपनापन,
अपने कंधों पर जिम्मेदारी उठाती हैं,
दिल की डोर जुड़ी है पिता संग उसकी
इस लिए पापा की परी कहलाती है,
एक प्यारी सी उसकी मुस्कान,
मेरे सब खुशियां उस पर कुर्बान,
उसके हाथों में चढ़ेगा जब पीला रंग,
जब उसका रिश्ता जुड़ेगा ,
एक न‌ए परिवार के संग ,
पलकों पर अपनी बिठाकर रखा है,
जब से हमारी बेटी ने आँखें हैं खोली,
हम लाखों दुआएं डालेंगे,
अपनी बेटी की झोली में,
विदाई की घड़ी (vidai ki ghadi) आएगी एक दिन,
बेटी हमारी नम आँखों से,
जब बैठेगी डोली में ,
*       *         *        *

विदाई की घड़ी (vidai ki ghadi) : नम आंखों से
विदाई की घड़ी (vidai ki ghadi)
विदाई की घड़ी (vidai ki ghadi)

आँखें हमारी नम कर जाएगा,
नया माहोल नया परिवार,
न‌ए लोग नया संसार,
शायद ही हमारी यादें कम कर पाएगा,
गुड़िया के जैसे दिखने वाली,
बात-बात पर रुठने वाली,
पता ही नही चला ना जाने,
कब शयानी हो ग‌ई है,
सबके दिल को मोहने वाली,
हर छोटी बात पर रोने वाली,
आज उसकी गायब कहाँ शैतानी हो ग‌ई है,
मेरे दिल में घर बना लिया है,
उसकी सूरत भोली ने,
हम लाखों दुआएं डालेंगे,
अपनी बेटी की झोली में,
विदाई की घड़ी (vidai ki ghadi) आएगी एक दिन,
बेटी हमारी नम आँखों से,
जब बैठेगी डोली में ,
*      *      *      *
उसके हाथ पीले करने का,
जब आएगा वो शुभ मौका,
उसकी विदाई में आँखें गीली करने का,
जब आएगा वो शुभ मौका,
हाथ पकड़ उसे डोली में बिठाऊं,
एक बार और उसे अपने गले से ल‌गाऊं,
उसके हिस्से में आए,
इस जहान की खुशियां सारी,
उस घर में करें सदा राज,
चाँद के जैसे उसके मुख पर,
हर दिन न‌ई बहार हो,
ना रहे कोई उस से नाराज़,
मेरे दिल से कुछ यूं जुड़ी है वो,
जैसे महकते फूल जुड़े हों,
एक पतली-सी डाली से,
हम लाखों दुआएं डालेंगे,
अपनी बेटी की झोली में,
विदाई की घड़ी (vidai ki ghadi) आएगी एक दिन,
बेटी हमारी नम आँखों से,
जब बैठेगी डोली में ,
*        *        *        *
कोयल-सी बोली है जिसकी,
मैं उस बेटी का पिता हूँ,
मैं उसकी मोहीनी सूरत देख-देखकर
हर पल हर घड़ी जीता हूँ,
मैं क्यों ना करूं ऐसी बेटी पर अभिमान,
जो सारे घर को फूल बनकर महकाए,
हर काम में रहे सबसे आगे,
हर फर्ज जिम्मेदारी से निभा‌ए,
उसके चेहरे पर खुशियों के रंग इतने छाए,
जितने रंग होते हैं रंगोली में,
हम लाखों दुआएं डालेंगे,
अपनी बेटी की झोली में,
विदाई की घड़ी (vidai ki ghadi) आएगी एक दिन,
बेटी हमारी नम आँखों से,
जब बैठेगी डोली में ,
*       *        *       *

creater -राम सैनी

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