माँ के स्पर्श का चमत्कार (maa ke sparsh ka chamtkar),

माँ के स्पर्श का चमत्कार (maa ke sparsh ka chamtkar),

मीठा लगने लगता है घड़े का जल भी,
ये प्यार है या माँ के स्पर्श का चमत्कार (maa ke sparsh ka chamtkar),
जब माँ अपने प्यारे हाथ लगा देती है,
सुनहरा लगने लगता है आने वाला कल भी,
एक शक्ति है माँ की प्रार्थनाओं में,
जो मेरी सोई किस्मत भी जगा देती है,
*      *      *       *        *
नींद मेरी आँखों से माँ भगा देती है,
सुबह जल्दी से वो जगा देती है,
सूरज के चमकने से पहले,
आलस ने मुझे घेरा होता है,
माँ का प्यारा मुख देखकर मेरी खुलती हैं आँखें ,
ऐसे ही मेरा मीठा सवेरा होता है,
मैं माँ के पाँव में झूकता हूँ हर रोज़,
ईश्वर के पाँव में झुकने से पहले,
हर रोज गलतीयां निकालना खाने में,
हर रोज देर करना स्कूल जाने में,
लेकिन माँ तो माँ होती है,
वो माहिर थी मुझे मनाने में,
मैं कितना भी रूठ जाऊं माँ से,
वो मुझे एक पल में मना लेती है,
मीठा लगने लगता है घड़े का जल भी,
ये प्यार है या माँ के स्पर्श का चमत्कार (maa ke sparsh ka chamtkar),                                                    
जब माँ अपने प्यारे हाथ लगा देती है,
सुनहरा लगने लगता है आने वाला कल भी,
एक शक्ति है माँ की प्रार्थनाओं में,
जो मेरी सोई किस्मत भी जगा देती है,
*      *      *       *        *
माँ के हाथों का मीठा जल पी-पीकर,
मैंने सीखा लिया है मीठा बोलना,
माँ बांटती है सबको एक जैसा प्यार,
मैंने सीखा लिया है माँ से एक बराबर तोलना,
वो रो पड़ती है हर बार ,
मेरी एक छोटी सी तकलीफ़ देखकर,
माँ की एक छोटी सी तकलीफ़,
मुझको भी रूला देती है,
मीठा लगने लगता है घड़े का जल भी,
ये प्यार है या माँ के स्पर्श का चमत्कार (maa ke sparsh ka chamtkar),                                                    
जब माँ अपने प्यारे हाथ लगा देती है,
सुनहरा लगने लगता है आने वाला कल भी,
एक शक्ति है माँ की प्रार्थनाओं में,
जो मेरी सोई किस्मत भी जगा देती है,
*      *      *       *         *
मैं ईश्वर से भी ज्यादा मानता हूँ उस माँ को,
कहाँ मिलता है प्यार ऐसा,
एक प्यारा सा संसार ऐसा,
एक माँ के दामन को छोड़कर,
मैं हर पल जपता रहता हूँ,
उस चमत्कारी नाम को,
माँ की प्रार्थनाओं में जोर बहुत है,
हर तरफ मैं-मैं का शोर बहुत है,
वो इस दुनिया के शोर से निराली है,
मेरी शक्ति मेरी भक्ति,
मेरी माँ के सिवा कोई और नहीं,
मैंने तो उसके चरणों में ,
अपनी दुनिया बसाली है,
चमत्कारी है माँ का स्पर्श,
जो सिर्फ छूने से ही सब गम भुला देती है,
मीठा लगने लगता है घड़े का जल भी,
ये प्यार है या माँ के स्पर्श का चमत्कार (maa ke sparsh ka chamtkar),

जब माँ अपने प्यारे हाथ लगा देती है,
सुनहरा लगने लगता है आने वाला कल भी,
एक शक्ति है माँ की प्रार्थनाओं में,
जो मेरी सोई किस्मत भी जगा देती है,
*      *      *       *         *

माँ के स्पर्श का चमत्कार (maa ke sparsh ka chamtkar) : मेरी ताकत

 

 

माँ के स्पर्श का चमत्कार (maa ke sparsh ka chamtkar),
माँ के स्पर्श का चमत्कार (maa ke sparsh ka chamtkar),

सुनहरा होगा मेरा आने वाला कल भी,
माँ के पास होता है मेरी हर समस्या का हल भी,
माँ प्यार नहीं करती देखकर गोरा-काला,
वो सीने से लगाकर रखती है,
जब से है होश संभाला,
माँ का जब डांटने का मन होता है,
वो ऐसे मारती है की दर्द बहुत कम होता है,
बस एक छोटी सी सजा देती है,
मीठा लगने लगता है घड़े का जल भी,
ये प्यार है या माँ के स्पर्श का चमत्कार (maa ke sparsh ka chamtkar),
जब माँ अपने प्यारे हाथ लगा देती है,
सुनहरा लगने लगता है आने वाला कल भी,
एक शक्ति है माँ की प्रार्थनाओं में,
जो मेरी सोई किस्मत भी जगा देती है,
*      *      *       *       *
मैं सोचता रहता हूँ रातों में उठ-उठकर,
मैंने देखा है हर पल छूप-छूपकर,
माँ के त्याग और बलिदान को,
मुझे नहीं लगता इस पूरे जहान में,
सारी धरती और पूरे आसमान में,
माँ के बराबर कोई महान हो,
वो ऐसी दौलत है जो एक बार मिले,
वो खुश नसीब है जिसे माँ का प्यार मिले,
चूम लीजिए उसके चरणों को बार-बार ,
माँ की एक प्रार्थना हर बार,
मुझे बुरी नजर से बचा लेती है,
मीठा लगने लगता है घड़े का जल भी,
ये प्यार है या माँ के स्पर्श का चमत्कार (maa ke sparsh ka chamtkar),

जब माँ अपने प्यारे हाथ लगा देती है,
सुनहरा लगने लगता है आने वाला कल भी,
एक शक्ति है माँ की प्रार्थनाओं में,
जो मेरी सोई किस्मत भी जगा देती है,
*      *      *       *         *
ना दूसरा कोई जहान है,
ना कोई ऐसा इन्सान है,
जो बेमतलब यूं प्यार करे,
हर बार लें एक नया जन्म,
देखकर मुख हमारा भूल जाएं सब गम,
कभी सीने से लगाकर,
कभी गोद में उठाकर,
अपने प्यार का इजहार करें,
वो रुठने का दिखावा करें,
कोई बता‌ए तो मुझको जरा,
क्या माँ भी कभी ख़फ़ा होती है,
मीठा लगने लगता है घड़े का जल भी,
ये प्यार है या माँ के स्पर्श का चमत्कार (maa ke sparsh ka chamtkar),

जब माँ अपने प्यारे हाथ लगा देती है,
सुनहरा लगने लगता है आने वाला कल भी,
एक शक्ति है माँ की प्रार्थनाओं में,
जो मेरी सोई किस्मत भी जगा देती है,
*      *      *       *       *
creater-राम सैणी
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