हर किरदार (har kirdar) : एक दास्तान
शक्ल पिता की अक्ल पिता की, मैंने माँ से संस्कार पाए हैं, हर किरदार (har kirdar) में जान डाल दी, […]
शक्ल पिता की अक्ल पिता की, मैंने माँ से संस्कार पाए हैं, हर किरदार (har kirdar) में जान डाल दी, […]
खेल-खिलौने प्यारे-प्यारे , मेरे हिस्से में आए सारे, माँ ने मुझे एक प्यारा पैगाम दिया है, मैं चुटकी बजाकर करतीं
पिता बांहों में उठा लेता है, जब भी बादल गरजता है, हमारे जीवन का अंधकार मिटा देता है, वो सदा
माँ कितनी प्यारी है पापा, हर बात सुनती हमारी है पापा, ये कैसा बंधन है प्यार का संगम (pyar ka
रुठ जाएगा नीले अम्बर वाला, कभी माँ जो हम से रूठी, दिल में नया जोश भर दे, माँ है ऐसी
अपने सपनों को त्याग देती है, अपनी सब इच्छाएं को मार देती है, इतना त्याग भी कोई करता है क्या,
माँ बिन जीवन है तमाशा, कोई ना जाने माँ की परिभाषा (maa ki paribhasha) माँ का काम बस वो ही
खून का रिश्ता ना सही, लेकिन एक बेटे के जैसे पाला है, मैंने उस माँ की छाँव में देखी है
दीदी बोले मुझे भोला-भाला है, घर का नन्हा सितारा (nanha sitara) है, माँ बोले तूं किस्मत वाला है, पापा बोले
बड़ी माँ ने बलाया था मुझे अपने पास, रात को सुलाया था अपने पास, पापा आपसे भी ज्यादा प्यार करती